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शिक्षित बेरोजगार संघ ने सुक्खू सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, 19 दिसंबर को करेगा विधानसभा का घेराव - HP EDUCATED UNEMPLOYED ASSOCIATION

शिक्षित बेरोजगार संघ ने सुक्खू सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया. 19 दिसंबर को धर्मशाला में शिक्षित बेरोजगार संघ विधानसभा का घेराव करेगा.

शिक्षित बेरोजगार संघ करेगा विधानसभा का घेराव
शिक्षित बेरोजगार संघ करेगा विधानसभा का घेराव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 13, 2024, 7:21 PM IST

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. युवाओं को पांच लाख रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस पर शिक्षित बेरोजगार संघ ने वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. शिक्षित बेरोजगार संघ का कहना है कि राज्य सरकार गेस्ट टीचर पॉलिसी लाकर युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.

शिक्षित बेरोजगार संघ का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले खुद कह चुके हैं कि इस तरह की पॉलिसी लाने का सरकार का कोई विचार नहीं है. उपमुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में पेंशन वाली नौकरी युवाओं को उपलब्ध कराने की बात कही थी, लेकिन अब गेस्ट टीचर पॉलिसी को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. ऐसे में यह युवाओं के साथ सीधा धोखा है.

19 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा घेराव

शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ठाकुर ने कहा, "सभी युवा 19 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा घेराव करने के लिए पहुंचेंगे. सरकार युवाओं के साथ वादाखिलाफी कर रही है. जहां सरकार के कंधों पर युवाओं को रोजगार देने का की जिम्मेदारी है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार इस जिम्मेदारी से पीछे हट रही है. युवा लाइब्रेरी में पढ़ाई करते-करते बुढ़ापे की तरफ जा रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा".

बालकृष्ण ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जो वादा किया था, उसे सरकार में आने के बाद कांग्रेस को पूरा करना चाहिए. उन्होंने मांग उठाई है कि युवाओं के लिए स्थाई रोजगार दिया जाए. गौर हो कि गुरुवार को सुक्खू मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में किसी भी संस्थान में अल्पकालिक रिक्तियों की वजह से होने वाले अंतराल को भरने के लिए प्रति घंटा आधार पर गेस्ट टीचर की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है.

इन मांग को लेकर शिक्षित बेरोजगार संघ करेगा विधानसभा का घेराव

  1. राज्य चयन आयोग में OMR से परीक्षाओं की बहाली.
  2. गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग.
  3. आउटसोर्सिंग भर्तियों पर पूर्ण रोक.
  4. साल 2022 में HPSSC के द्वारा विज्ञापित परिक्षाओं का जल्द से जल्द आयोजन.
  5. नई भर्तियों की मांग जल्द से जल्द राज्य चयन आयोग को भेजा जाए.
  6. HPU द्वारा विज्ञापित नॉन टीचिंग पोस्ट को शीघ्र भरने की अनुमति दी जाए.
  7. लेक्चरर (कंप्यूटर साइंस) की भर्ती में पांच साल के टीचिंग अनुभव की शर्त को हटाने की मांग.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार के खिलाफ बिंदल ने बनाई रणनीति, 18 दिसंबर को धर्मशाला में भाजपा निकालेगी जन आक्रोश रैली

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है. युवाओं को पांच लाख रोजगार देने का वादा कर सत्ता में आई कांग्रेस पर शिक्षित बेरोजगार संघ ने वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. शिक्षित बेरोजगार संघ का कहना है कि राज्य सरकार गेस्ट टीचर पॉलिसी लाकर युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है.

शिक्षित बेरोजगार संघ का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले खुद कह चुके हैं कि इस तरह की पॉलिसी लाने का सरकार का कोई विचार नहीं है. उपमुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में पेंशन वाली नौकरी युवाओं को उपलब्ध कराने की बात कही थी, लेकिन अब गेस्ट टीचर पॉलिसी को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है. ऐसे में यह युवाओं के साथ सीधा धोखा है.

19 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा घेराव

शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ठाकुर ने कहा, "सभी युवा 19 दिसंबर को धर्मशाला में विधानसभा घेराव करने के लिए पहुंचेंगे. सरकार युवाओं के साथ वादाखिलाफी कर रही है. जहां सरकार के कंधों पर युवाओं को रोजगार देने का की जिम्मेदारी है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार इस जिम्मेदारी से पीछे हट रही है. युवा लाइब्रेरी में पढ़ाई करते-करते बुढ़ापे की तरफ जा रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा".

बालकृष्ण ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जो वादा किया था, उसे सरकार में आने के बाद कांग्रेस को पूरा करना चाहिए. उन्होंने मांग उठाई है कि युवाओं के लिए स्थाई रोजगार दिया जाए. गौर हो कि गुरुवार को सुक्खू मंत्रिमंडल ने शिक्षा विभाग में किसी भी संस्थान में अल्पकालिक रिक्तियों की वजह से होने वाले अंतराल को भरने के लिए प्रति घंटा आधार पर गेस्ट टीचर की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है.

इन मांग को लेकर शिक्षित बेरोजगार संघ करेगा विधानसभा का घेराव

  1. राज्य चयन आयोग में OMR से परीक्षाओं की बहाली.
  2. गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग.
  3. आउटसोर्सिंग भर्तियों पर पूर्ण रोक.
  4. साल 2022 में HPSSC के द्वारा विज्ञापित परिक्षाओं का जल्द से जल्द आयोजन.
  5. नई भर्तियों की मांग जल्द से जल्द राज्य चयन आयोग को भेजा जाए.
  6. HPU द्वारा विज्ञापित नॉन टीचिंग पोस्ट को शीघ्र भरने की अनुमति दी जाए.
  7. लेक्चरर (कंप्यूटर साइंस) की भर्ती में पांच साल के टीचिंग अनुभव की शर्त को हटाने की मांग.

ये भी पढ़ें: सुक्खू सरकार के खिलाफ बिंदल ने बनाई रणनीति, 18 दिसंबर को धर्मशाला में भाजपा निकालेगी जन आक्रोश रैली

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