सरगुजा: छत्तीसगढ़ में आज स्कूल बंद रहे. शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने टीचरों ने आज हड़ताल कर दी. शिक्षक संघ अपनी पांच सूत्रीय मांग को लेकर सरगुजा जिले समेत प्रदेश के 33 जिलों में हड़ताल पर था. छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले एक लाख से ज्यादा कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर थे. मांग पूरी नहीं होने पर शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने टीचरों कां आंदोलन: संभाग मुख्यालय अंबिकापुर शहर के देव होटल के पास शिक्षक संघर्ष मोर्चा के लोग एक दिवसीय हड़ताल पर बैठे थे. हड़ताली शिक्षकों में से मनोज वर्मा ने बताया कि शिक्षकों का 7 वर्ष के कार्यकाल के बाद अगले वेतनमान की पात्रता को सरकार ने निरस्त कर दिया था, जिससे किसी भी शिक्षक को क्रमोन्नित की पात्रता अब नहीं है.
2008 में सरकार ने किया था संविलियन: मनोज वर्मा ने यह भी बताया कि 1998 से कार्यरत कर्मचारी पंचायत के बाद शिक्षा विभाग में पहुंचे हैं, उस सेवा को मानते हुए 2008 में सरकार ने इनका संविलियन किया था, जिसके बाद पेंशन की गणना में इनकी पुरानी सेवा को सरकार के द्वारा माना नहीं जा रहा है. सरकार से मांग है कि पुरानी सेवा के आधार पर सरकार ने विभाग में संविलियन किया है, उस अनुरूप पुरानी पेंशन का लाभ मिल सके.
मोदी की गारंटी पूरा करने की मांग: शिक्षकों का यह भी कहना है कि मोदी की गारंटी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा समय समय पर जारी महंगाई भत्ते सही और तय समय पर देने की बात प्रदेश सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में कही थी. इस वादे को पूरा करते हुए कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जाए. आज 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल थी, जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों में एक लाख से अधिक कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर थे. आज करीब 90% से ज्यादा स्कूल बंदी के कगार पर थे.