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हिमाचल में सर्दियों के आगमन को लेकर मनाया जाता है ये पर्व, मेलों का होता है आगाज - Shayar festival in Himachal

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 16, 2024, 6:03 PM IST

Shayar festival celebration in Himachal: हिमाचल में सायर पर्व अलग-अलग तरह से मनाया जाता है. मान्यता है कि यह पर्व काले महीने के समाप्त होने पर मनाया जाता है. लोग अपने रिश्तेदारों के घर सायर पर्व की बधाई लेकर जाते हैं. इस दिन अलग-अलग तरह के पकवान बनाए जाते हैं. डिटेल में पढ़ें खबर...

Shayar festival in Himachal
हिमाचल में मनाया गया सायर पर्व (ETV Bharat)

मंडी\कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सोमवार को सायर का पर्व लोगों ने धूमधाम से मनाया. सायर पर्व वर्षा ऋतु की समाप्ति और सर्दियों के आगमन को लेकर मनाया जाने वाला त्योहार है. इस पर्व पर नई फसलों की सायर के रूप में विधिवत पूजा की जाती है जिनमें मुख्य रूप से धान, मक्का, अखरोट, गलगल और ऋतु फल शामिल होते हैं. इस पर्व पर प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने X पर पोस्ट कर प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दीं.

मंडी शहर निवासी बलवीर गुलेरिया और प्रेमलता गुलेरिया ने बताया "उनका परिवार सायर पर्व को पीढ़ी दर पीढ़ी मनाता आ रहा है. सायर वाले दिन सुबह जल्दी उठकर और नहाने के बाद लोग तरह-तरह के पकवान बनाते हैं. इसके बाद सायर की पूजा की जाती है.

सायर पर्व (ETV Bharat)

इस पर्व की एक और खास बात यह होती है कि रक्षाबंधन वाले दिन कलाई पर बांधी गई राखी को भी आज उतारकर सायर को अर्पित कर दिया जाता है. पूजा के दौरान बरसात से बचाने के लिए ईश्वर का धन्यवाद किया जाता है और मंगल जीवन की कामना की जाती है. इसके साथ ही एक-दूसरे को अखरोट और ध्रूवा देकर पर्व की बधाई देने की परंपरा है."

बता दें कि मंडी शहर में सायर के पर्व पर अखरोटों का कारोबार भी बड़े स्तर पर होता है. इस पर्व पर अखरोटों की फसल तैयार होकर बाजारों में आती है, जिनकी स्थानीय लोगों द्वारा खरीदारी की जाती है. लोग अखरोटों को खरीदकर अपने घरों में सहेज लेते हैं और सर्दियों के मौसम में इनका इस्तेमाल करते हैं.

वहीं, कुल्लू जिला में भी सायर का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. जिला के ग्रामीण इलाकों में देवी-देवताओं के मंदिरों के द्वार खुले और देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी.

इसके अलावा रघुनाथपुर में भगवान रघुनाथ के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई. कुल्लू के स्थानीय निवासी सूरत राम, दिलीप ठाकुर, कृष्ण चंद्र का कहना है कि "काला महीना समाप्त होने के अवसर पर लोग काफी खुश होते हैं. काले महीने में आसुरी शक्तियां पृथ्वी लोक पर हावी रहती हैं. ऐसे में देवी-देवताओं से लोग आशीर्वाद लेते हैं."

वहीं, भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया सायर उत्सव हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. कई ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन से मेलों की शुरुआत होती है. भगवान रघुनाथ के मंदिर में भी सायर पर्व मनाया गया और भगवान रघुनाथ के दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी.

ये भी पढ़ें: देशभर में हिमाचली सेब की महक, यूनिवर्सल कार्टन में मडियों में पहली बार पहुंची 1.11 करोड़ सेब की पेटियां

मंडी\कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में सोमवार को सायर का पर्व लोगों ने धूमधाम से मनाया. सायर पर्व वर्षा ऋतु की समाप्ति और सर्दियों के आगमन को लेकर मनाया जाने वाला त्योहार है. इस पर्व पर नई फसलों की सायर के रूप में विधिवत पूजा की जाती है जिनमें मुख्य रूप से धान, मक्का, अखरोट, गलगल और ऋतु फल शामिल होते हैं. इस पर्व पर प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने X पर पोस्ट कर प्रदेश के लोगों को शुभकामनाएं दीं.

मंडी शहर निवासी बलवीर गुलेरिया और प्रेमलता गुलेरिया ने बताया "उनका परिवार सायर पर्व को पीढ़ी दर पीढ़ी मनाता आ रहा है. सायर वाले दिन सुबह जल्दी उठकर और नहाने के बाद लोग तरह-तरह के पकवान बनाते हैं. इसके बाद सायर की पूजा की जाती है.

सायर पर्व (ETV Bharat)

इस पर्व की एक और खास बात यह होती है कि रक्षाबंधन वाले दिन कलाई पर बांधी गई राखी को भी आज उतारकर सायर को अर्पित कर दिया जाता है. पूजा के दौरान बरसात से बचाने के लिए ईश्वर का धन्यवाद किया जाता है और मंगल जीवन की कामना की जाती है. इसके साथ ही एक-दूसरे को अखरोट और ध्रूवा देकर पर्व की बधाई देने की परंपरा है."

बता दें कि मंडी शहर में सायर के पर्व पर अखरोटों का कारोबार भी बड़े स्तर पर होता है. इस पर्व पर अखरोटों की फसल तैयार होकर बाजारों में आती है, जिनकी स्थानीय लोगों द्वारा खरीदारी की जाती है. लोग अखरोटों को खरीदकर अपने घरों में सहेज लेते हैं और सर्दियों के मौसम में इनका इस्तेमाल करते हैं.

वहीं, कुल्लू जिला में भी सायर का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. जिला के ग्रामीण इलाकों में देवी-देवताओं के मंदिरों के द्वार खुले और देवी-देवताओं का आशीर्वाद लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी.

इसके अलावा रघुनाथपुर में भगवान रघुनाथ के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई. कुल्लू के स्थानीय निवासी सूरत राम, दिलीप ठाकुर, कृष्ण चंद्र का कहना है कि "काला महीना समाप्त होने के अवसर पर लोग काफी खुश होते हैं. काले महीने में आसुरी शक्तियां पृथ्वी लोक पर हावी रहती हैं. ऐसे में देवी-देवताओं से लोग आशीर्वाद लेते हैं."

वहीं, भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया सायर उत्सव हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. कई ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन से मेलों की शुरुआत होती है. भगवान रघुनाथ के मंदिर में भी सायर पर्व मनाया गया और भगवान रघुनाथ के दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी.

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