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एसपी इलमा अफरोज के अचानक छुट्टी जाने पर घिरी सुक्खू सरकार, महिला ऑफिसर के समर्थन में आए शांता कुमार - SP BADDI ILMA AFROZ

एसपी इलमा अफरोज के छुट्टी जाने पर पूर्व सीएम शांता कुमार ने सवाल उठाए. उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार से चुप्पी तोड़ने के लिए कहा.

इलमा फरोज के समर्थन में उतरे शांता कुमार
इलमा फरोज के समर्थन में उतरे शांता कुमार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 17, 2024, 2:58 PM IST

शिमला: इन दिनों हिमाचल से लेकर यूपी तक इलमा अफरोज के छुट्टी पर जाने का मामला सुर्खियों में बना हुई है. अब पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने बद्दी एसपी इलमा अफरोज के अचानक छुट्टी पर चले जाने पर सवाल उठाए हैं. पूर्व सीएम शांता कुमार ने इस मामले में सरकार को पूरी सच्चाई लोगों के सामने रखने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारी यूनियनों की चुपी पर भी सवाल उठाए हैं.

शांता कुमार ने कहा कि, 'पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज का रात के समय अपना सामान समेट कर बद्दी से चले जाना एक रहस्य प्रतिदिन यह रहस्य और गंभीर होता जा रहा है. उन्हें विशेष रूप से शिमला बुलाया गया था और उसके बाद वो बद्दी आई, रात के समय सामान समेटा और अपने घर चली गईं. यदि उसने कोई अपराध किया है, जिसके कारण उसे सरकार ने छुटटी पर भेजा है, तो ये सारी सच्चाई सरकार को जनता के सामने रखनी चाहिए, लेकिन यदि उसके अच्छे काम से कुछ प्रभावशाली लोग नाराज हो गये और उसी के कारण छुट्टी पर भेजा गया है तो यह बड़ी गंभीर बात है.'

शान्ता कुमार ने कहा 'यह एक कड़वी सच्चाई है कि खनन इत्यादि अवैध धन्धे साधारण लोग नही करते. इन अवैध धन्धों के लिए कुछ बड़े लोग और नेता समर्थन देते है. इस प्रकार की भी बहुत सी खबरें आ रही है कि इलमा अफरोज के कुछ अच्छे कामों के कारण कुछ बड़े स्थानीय नेता नाराज थे. उन्होंने ही उन्हें छुटटी पर भिजवाया है. मुझे इस बात की भी हैरानी है कि यदि अच्छे काम करने के कारण उसे छुट्टी पर भेज कर उसके साथ अन्याय हुआ है तो उस पर अधिकारी कर्मचारी संगठन चुप क्यों बैठा है. कर्मचारी यूनियन को केवल अपने अधिकारों और भत्तों के लिए ही नही लड़ना चाहिए. कुछ नेताओं के कहने पर ईमानदार अधिकारी को सजा दी जाती है तो उसका विरोध करना भी कर्मचारी यूनियन का परम कर्तव्य है.'

क्या है पूरा मामला

2017 बैच की आईपीएस ऑफिसर एसपी इलमा अफरोज पुलिस जिला बद्दी में तैनात थी. वहां उन्होंने नशे के खिलाफ जंग छेड़ी. साथ ही खनन माफिया पर भी शिकंजा कसा. उनके सख्त रवैये से स्थानीय नागरिक खुश थे. एसपी के खनन वालों के खिलाफ धड़ाधड़ एक्शन से कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता नाराज थे. अगस्त में उन्होंने इसी रसूखदार नेता के परिवार के सदस्य के एक वाहन का चालान काटा था. आरोप था कि ये वाहन अवैध खनन में इस्तेमाल किया जा रहा था. साथ ही बद्दी-दून क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियां करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के बाद उन पर जुर्माना लगाया गया था. पुलिस ने अवैध खनन को लेकर छापेमारी भी की और खनन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें जब्त कर ली थीं. इसके बाद एक प्रभावशाली कांग्रेस नेता नाराज बताए गए और सार्वजनिक रूप से दोनों ने एक दूसरे के कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी. सितंबर में राज्य विधानसभा में उनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन भी पेश किया गया था.

7 नवंबर को शिमला में मीटिंग के लिए गईं थी शिमला

7 नवंबर को सीएम सुक्खू की शिमला में प्रदेशभर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक थी. इलमा भी बैठक में भाग लेने के लिए गईं थी, लेकिन बिना बैठक के ही वापस लौट गईं और वो अपना सामान रात को पैक कर छुट्टी पर उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर लौट गईं. वहीं, इस पूरे मामले पर सीएम सुक्खू ने धर्मशाला में 14 नवंबर को एक बयान में कहा था कि 'इल्मा अफरोज छुट्टी पर गई हैं. किसी से टकराव जैसी कोई बात नहीं है. महिला अफसर इलमा अफरोज ने एसपी बद्दी रहते हुए नशा और खनन माफिया पर कड़ी कार्रवाई की है.'

सरकार क्यों नहीं कर पा रही तबादला

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के तहत पुलिस जिला बद्दी की एसपी इलमा अफरोज का तबादला हाईकोर्ट की स्पष्ट अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा. हाईकोर्ट ने एक मामले में पुलिस की निष्पक्ष जांच न होने के आरोप में कड़ा संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने पुलिस जिला बद्दी के तहत आने वाले पुलिस स्टेशनों के कामकाज में गंभीर गड़बड़ियां पाई हैं, लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि वहां एसपी बद्दी ही एकमात्र पुलिस अफसर हैं, जिन पर अदालत भरोसा कर सकती है. बता दें कि इलमा अफरोज यूपी के मुरादाबाद की रहने वाली हैं. ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें विदेश में नौकरी के भी ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया और 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी.

ये भी पढ़ें: आधी रात को शिमला के रामकृष्ण मिशन आश्रम में बवाल, दो गुटों में भिड़ंत के बाद पथराव...कई घायल

शिमला: इन दिनों हिमाचल से लेकर यूपी तक इलमा अफरोज के छुट्टी पर जाने का मामला सुर्खियों में बना हुई है. अब पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने बद्दी एसपी इलमा अफरोज के अचानक छुट्टी पर चले जाने पर सवाल उठाए हैं. पूर्व सीएम शांता कुमार ने इस मामले में सरकार को पूरी सच्चाई लोगों के सामने रखने की बात कही है. इसके साथ ही उन्होंने कर्मचारी यूनियनों की चुपी पर भी सवाल उठाए हैं.

शांता कुमार ने कहा कि, 'पुलिस अधीक्षक इलमा अफरोज का रात के समय अपना सामान समेट कर बद्दी से चले जाना एक रहस्य प्रतिदिन यह रहस्य और गंभीर होता जा रहा है. उन्हें विशेष रूप से शिमला बुलाया गया था और उसके बाद वो बद्दी आई, रात के समय सामान समेटा और अपने घर चली गईं. यदि उसने कोई अपराध किया है, जिसके कारण उसे सरकार ने छुटटी पर भेजा है, तो ये सारी सच्चाई सरकार को जनता के सामने रखनी चाहिए, लेकिन यदि उसके अच्छे काम से कुछ प्रभावशाली लोग नाराज हो गये और उसी के कारण छुट्टी पर भेजा गया है तो यह बड़ी गंभीर बात है.'

शान्ता कुमार ने कहा 'यह एक कड़वी सच्चाई है कि खनन इत्यादि अवैध धन्धे साधारण लोग नही करते. इन अवैध धन्धों के लिए कुछ बड़े लोग और नेता समर्थन देते है. इस प्रकार की भी बहुत सी खबरें आ रही है कि इलमा अफरोज के कुछ अच्छे कामों के कारण कुछ बड़े स्थानीय नेता नाराज थे. उन्होंने ही उन्हें छुटटी पर भिजवाया है. मुझे इस बात की भी हैरानी है कि यदि अच्छे काम करने के कारण उसे छुट्टी पर भेज कर उसके साथ अन्याय हुआ है तो उस पर अधिकारी कर्मचारी संगठन चुप क्यों बैठा है. कर्मचारी यूनियन को केवल अपने अधिकारों और भत्तों के लिए ही नही लड़ना चाहिए. कुछ नेताओं के कहने पर ईमानदार अधिकारी को सजा दी जाती है तो उसका विरोध करना भी कर्मचारी यूनियन का परम कर्तव्य है.'

क्या है पूरा मामला

2017 बैच की आईपीएस ऑफिसर एसपी इलमा अफरोज पुलिस जिला बद्दी में तैनात थी. वहां उन्होंने नशे के खिलाफ जंग छेड़ी. साथ ही खनन माफिया पर भी शिकंजा कसा. उनके सख्त रवैये से स्थानीय नागरिक खुश थे. एसपी के खनन वालों के खिलाफ धड़ाधड़ एक्शन से कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता नाराज थे. अगस्त में उन्होंने इसी रसूखदार नेता के परिवार के सदस्य के एक वाहन का चालान काटा था. आरोप था कि ये वाहन अवैध खनन में इस्तेमाल किया जा रहा था. साथ ही बद्दी-दून क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियां करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के बाद उन पर जुर्माना लगाया गया था. पुलिस ने अवैध खनन को लेकर छापेमारी भी की और खनन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें जब्त कर ली थीं. इसके बाद एक प्रभावशाली कांग्रेस नेता नाराज बताए गए और सार्वजनिक रूप से दोनों ने एक दूसरे के कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी. सितंबर में राज्य विधानसभा में उनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन भी पेश किया गया था.

7 नवंबर को शिमला में मीटिंग के लिए गईं थी शिमला

7 नवंबर को सीएम सुक्खू की शिमला में प्रदेशभर के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक थी. इलमा भी बैठक में भाग लेने के लिए गईं थी, लेकिन बिना बैठक के ही वापस लौट गईं और वो अपना सामान रात को पैक कर छुट्टी पर उत्तर प्रदेश स्थित अपने घर लौट गईं. वहीं, इस पूरे मामले पर सीएम सुक्खू ने धर्मशाला में 14 नवंबर को एक बयान में कहा था कि 'इल्मा अफरोज छुट्टी पर गई हैं. किसी से टकराव जैसी कोई बात नहीं है. महिला अफसर इलमा अफरोज ने एसपी बद्दी रहते हुए नशा और खनन माफिया पर कड़ी कार्रवाई की है.'

सरकार क्यों नहीं कर पा रही तबादला

हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के तहत पुलिस जिला बद्दी की एसपी इलमा अफरोज का तबादला हाईकोर्ट की स्पष्ट अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा. हाईकोर्ट ने एक मामले में पुलिस की निष्पक्ष जांच न होने के आरोप में कड़ा संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने पुलिस जिला बद्दी के तहत आने वाले पुलिस स्टेशनों के कामकाज में गंभीर गड़बड़ियां पाई हैं, लेकिन साथ ही ये भी कहा है कि वहां एसपी बद्दी ही एकमात्र पुलिस अफसर हैं, जिन पर अदालत भरोसा कर सकती है. बता दें कि इलमा अफरोज यूपी के मुरादाबाद की रहने वाली हैं. ऑक्सफोर्ड में पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें विदेश में नौकरी के भी ऑफर मिले, लेकिन उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया और 2017 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी.

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