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SFI ने DUSU चुनाव के लिए 50 सदस्यीय चुनाव समिति की घोषणा की, आइशी घोष को बनाया अध्यक्ष - DUSU Election 2024 - DUSU ELECTION 2024

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की घोषणा के बाद एसएफआई ने 50 सदस्यीय चुनाव समिति का गठन किया है. जिसका अध्यक्ष आइशी घोष को बनाया गया है. यह समिति ही एसएफआई के प्रत्याशियों का चयन करेगी.

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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 8, 2024, 1:38 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की घोषणा के बाद एसएफआई ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी क्रम में 200 से अधिक छात्रों की उपस्थिति में आयोजित एक बैठक में एसएफआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए अपनी चुनाव समिति की घोषणा कर दी है. एसएफआई दिल्ली की सचिव और जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष आइशी घोष की अध्यक्षता में 50 सदस्यीय चुनाव समिति का गठन किया गया है. यह समिति ही एसएफआई के प्रत्याशियों का चयन करेगी.

चुनाव समिति की घोषणा करते हुए एसएफआई की ओर से कहा गया कि हमारा लक्ष्य छात्र केंद्रित मुद्दों पर चुनाव लड़ना, जिसमें सभी के लिए छात्रावास, रियायती मेट्रो पास, शिक्षा के लिए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) मॉडल को वापस लेना शामिल है. एसएफआई चुनाव घोषणापत्र सभी वर्गों के छात्रों विशेष रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले सबसे हाशिए पर और वंचित छात्रों का प्रतिनिधित्व करने का एजेंडा है. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लड़ने के अलावा एसएफआई डीयू के बारह कॉलेजों में भी कॉलेज चुनाव लड़ रहा है.

एसएफआई दिल्ली की सचिव आइशी घोष ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के नेतृत्व में मौजूदा डूसू एक अयोग्य निकाय है, जिसमें ऐसे लोग भरे पड़े हैं जो अपने पद की जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. कैंपस में होने वाले गंभीर मुद्दों के खिलाफ कार्रवाई न करने के कारण छात्रों द्वारा संघ को बेहद खराब नजरिए से देखा जाता है. यौन उत्पीड़न के मामलों, अपराध और हिंसा के मामलों और छात्रों की आत्महत्याओं के मामले में छात्र संघ की चुप्पी वाकई चिंताजनक है.

उन्होंने कहा कि हाल ही में, यह पता चला कि डूसू पदाधिकारियों में से एक के पास पद संभालने के लिए जरूरी दस्तावेज भी नहीं थे. यह दर्शाता है कि एबीवीपी से किसी के पास छात्रों का प्रतिनिधित्व करने का नैतिक अधिकार नहीं है. एसएफआई सभी प्रगतिशील संगठनों से अपील करता है कि वे एबीवीपी के जातिवादी, पितृसत्तात्मक और पैसे वाले मॉडल के खिलाफ़ एकजुट हो. हम सभी छात्रों से अपील करते हैं कि वे हमारी लड़ाई में हमारे साथ जुड़ें और एक लोकतांत्रिक और समावेशी दिल्ली विश्वविद्यालय का निर्माण करें.

ये भी पढ़ें: दिल्ली विश्वविद्यालय ने जारी किया छात्रसंघ चुनाव का कार्यक्रम, जानें कब होंगे नामांकन, मतदान और मतगणना

ये भी पढ़ें: DUSU पदाधिकारियों ने गिनाईं उपलब्धियां, कहा- वायदों को पूरा करने के कारण फिर मिलेगा चुनाव में समर्थन

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की घोषणा के बाद एसएफआई ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी क्रम में 200 से अधिक छात्रों की उपस्थिति में आयोजित एक बैठक में एसएफआई ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के लिए अपनी चुनाव समिति की घोषणा कर दी है. एसएफआई दिल्ली की सचिव और जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष आइशी घोष की अध्यक्षता में 50 सदस्यीय चुनाव समिति का गठन किया गया है. यह समिति ही एसएफआई के प्रत्याशियों का चयन करेगी.

चुनाव समिति की घोषणा करते हुए एसएफआई की ओर से कहा गया कि हमारा लक्ष्य छात्र केंद्रित मुद्दों पर चुनाव लड़ना, जिसमें सभी के लिए छात्रावास, रियायती मेट्रो पास, शिक्षा के लिए चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) मॉडल को वापस लेना शामिल है. एसएफआई चुनाव घोषणापत्र सभी वर्गों के छात्रों विशेष रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले सबसे हाशिए पर और वंचित छात्रों का प्रतिनिधित्व करने का एजेंडा है. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव लड़ने के अलावा एसएफआई डीयू के बारह कॉलेजों में भी कॉलेज चुनाव लड़ रहा है.

एसएफआई दिल्ली की सचिव आइशी घोष ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के नेतृत्व में मौजूदा डूसू एक अयोग्य निकाय है, जिसमें ऐसे लोग भरे पड़े हैं जो अपने पद की जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेते हैं. कैंपस में होने वाले गंभीर मुद्दों के खिलाफ कार्रवाई न करने के कारण छात्रों द्वारा संघ को बेहद खराब नजरिए से देखा जाता है. यौन उत्पीड़न के मामलों, अपराध और हिंसा के मामलों और छात्रों की आत्महत्याओं के मामले में छात्र संघ की चुप्पी वाकई चिंताजनक है.

उन्होंने कहा कि हाल ही में, यह पता चला कि डूसू पदाधिकारियों में से एक के पास पद संभालने के लिए जरूरी दस्तावेज भी नहीं थे. यह दर्शाता है कि एबीवीपी से किसी के पास छात्रों का प्रतिनिधित्व करने का नैतिक अधिकार नहीं है. एसएफआई सभी प्रगतिशील संगठनों से अपील करता है कि वे एबीवीपी के जातिवादी, पितृसत्तात्मक और पैसे वाले मॉडल के खिलाफ़ एकजुट हो. हम सभी छात्रों से अपील करते हैं कि वे हमारी लड़ाई में हमारे साथ जुड़ें और एक लोकतांत्रिक और समावेशी दिल्ली विश्वविद्यालय का निर्माण करें.

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