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हरिद्वार में कई होटल नहीं कर रहे अग्नि सुरक्षा के मानकों का पालन, जिम्मेदार दे रहे ये दलील

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 27, 2024, 11:59 AM IST

Updated : Feb 27, 2024, 2:08 PM IST

Haridwar Hotel Business हरिद्वार में कई होटलों में फायर सेफ्टी को लेकर कोई ऐहतियाती प्रबंध नहीं किए गए हैं. जिससे तमाम होटलों में फायर सेफ्टी को लेकर सवाल उठते रहते हैं. यही नहीं कई बार होटल में आग लगने पर यात्रियों का जान सांसत में पड़ जाती है.

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हरिद्वार में कई होटल नहीं कर रहे अग्नि सुरक्षा के मानकों का पालन

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में हजारों यात्री होटलों में आकर ठहरते हैं. लेकिन यहां के ज्यादातर होटल बिना फायर सेफ्टी मानकों के चल रहे हैं. जिससे यात्रियों की सुरक्षा पर बड़ा खतरा मंडराता रहता है. जबकि अग्नि शमन विभाग सिर्फ नोटिस थमा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेता है.

हरिद्वार में सीजन में होटल रहते हैं पैक: बता दें कि हरिद्वार में हजारों की तादाद में छोटे-बड़े होटल हैं, साल भर कई हजार श्रद्धालु और यात्री इन होटलों में आकर ठहरते हैं. लेकिन चिंता की बात ये है कि हरिद्वार के ज्यादातर होटल बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं. यानी इनमें आग की घटना से निपटने के इंतजाम नहीं किए गए हैं. हाल ही में एक होटल में आग लग गई थी. जिसमें फायर ब्रिगेड की टीम ने चार यात्रियों को मुश्किल से बाहर निकाल कर उनकी जान बचाई थी.

क्या कह रहे जिम्मेदार: हरिद्वार के सीएफओ अभिनव त्यागी के मुताबिक कमर्शियल बिल्डिंग और होटल मालिकों को समय-समय पर अग्निशमन उपकरणों को लगाने के लिए जागरूक किया जाता है. हालांकि डिपार्टमेंट के पास नोटिस देने के अलावा कोई और पावर नहीं है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा लगातार होटल, धर्मशाला संचालकों के साथ मीटिंग की जाती है और अग्निशमन यंत्र लगाने के लिए कहा जाता है.

होटल संचालकों ने उठाई ये मांग: होटल व्यापारियों आशु शर्मा का कहना है कि पुराने बने होटलों के लिए विभाग को अभियान चलाकर उनके लिए एनओसी जारी करनी चाहिए. ताकि ज्यादा से ज्यादा होटल संचालक आग से बचाने वाले उपकरण लगवा सकें और आग लगने का खतरा कम रहेगा. हरिद्वार में अवैध होटलों का संचालन किस पैमाने पर हो रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर्यटन विभाग में महज 144 होटल रजिस्टर्ड हैं.

जबकि यहां छोटे बड़े होटलों की संख्या करीब 1 हजार से ज्यादा है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फायर और निर्माण के मानक पूरे ना होने के चलते सभी होटलों को रजिस्टर्ड नहीं किया जा सकता है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो नई बन रही बिल्डिंगों के लिए फायर फाइटिंग उपकरण लगाए बिना उनकी एनओसी जारी नहीं की जाती है. हालांकि पुरानी कमर्शियल बिल्डिंग को सिर्फ नोटिस ही जारी किया जाता है.

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हरिद्वार में सीजन में होटल रहते हैं पैक: बता दें कि हरिद्वार में हजारों की तादाद में छोटे-बड़े होटल हैं, साल भर कई हजार श्रद्धालु और यात्री इन होटलों में आकर ठहरते हैं. लेकिन चिंता की बात ये है कि हरिद्वार के ज्यादातर होटल बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं. यानी इनमें आग की घटना से निपटने के इंतजाम नहीं किए गए हैं. हाल ही में एक होटल में आग लग गई थी. जिसमें फायर ब्रिगेड की टीम ने चार यात्रियों को मुश्किल से बाहर निकाल कर उनकी जान बचाई थी.

क्या कह रहे जिम्मेदार: हरिद्वार के सीएफओ अभिनव त्यागी के मुताबिक कमर्शियल बिल्डिंग और होटल मालिकों को समय-समय पर अग्निशमन उपकरणों को लगाने के लिए जागरूक किया जाता है. हालांकि डिपार्टमेंट के पास नोटिस देने के अलावा कोई और पावर नहीं है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा लगातार होटल, धर्मशाला संचालकों के साथ मीटिंग की जाती है और अग्निशमन यंत्र लगाने के लिए कहा जाता है.

होटल संचालकों ने उठाई ये मांग: होटल व्यापारियों आशु शर्मा का कहना है कि पुराने बने होटलों के लिए विभाग को अभियान चलाकर उनके लिए एनओसी जारी करनी चाहिए. ताकि ज्यादा से ज्यादा होटल संचालक आग से बचाने वाले उपकरण लगवा सकें और आग लगने का खतरा कम रहेगा. हरिद्वार में अवैध होटलों का संचालन किस पैमाने पर हो रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां पर्यटन विभाग में महज 144 होटल रजिस्टर्ड हैं.

जबकि यहां छोटे बड़े होटलों की संख्या करीब 1 हजार से ज्यादा है. पर्यटन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फायर और निर्माण के मानक पूरे ना होने के चलते सभी होटलों को रजिस्टर्ड नहीं किया जा सकता है. विभागीय अधिकारियों की मानें तो नई बन रही बिल्डिंगों के लिए फायर फाइटिंग उपकरण लगाए बिना उनकी एनओसी जारी नहीं की जाती है. हालांकि पुरानी कमर्शियल बिल्डिंग को सिर्फ नोटिस ही जारी किया जाता है.

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Last Updated : Feb 27, 2024, 2:08 PM IST
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