मेरठ : प्रदेश की योगी सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के द्वारा ढाई साल पहले खास योजना लॉन्च की थी. इस योजना में घर बैठे शहरी व ग्रामीण लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है. यह योजना यूं तो बेहद उपयोगी है, लेकिन लोगों को अभी तक नहीं लुभा पा रही है. आइए जानते हैं यह खास योजना मेरठ मंडल में कितनी परवान चढ़ रही है?
इस योजना की शुरूआत उत्तर प्रदेश सरकार ने मई 2020 में की थी. इसमें श्रम एवं रोजगार विभाग के द्वारा एक सेवामित्र पोर्टल बनाया गया जिससे घर बैठे ही कुछ आवश्यक कार्यों का सामाधान पाया जा सके. लेकिन, चार साल में अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो यह योजना परवान उस तरह से नहीं चढ़ पाई.
क्षेत्रीय सेवायोजन विभाग के सहायक निदेशक शशिभूषण उपाध्याय ने बताया कि यह बेहद ही उपयोगी सेवा है. इसमें कोई भी व्यक्ति वह चाहे शहरी हो या ग्रामीण अपनी समस्याओं का समाधान पा सकता है. वह बताते हैं कि इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिलता है, जबकि घर बैठे सिटीजन को भी आवश्यक सेवाएं दी जा सकती हैं. साथ ही राजकीय कार्यालय में भी जितने मेंटेनेंस के काम है उन्हें भी किया जा सकता है.
वह कहते हैं कि पूरे इस पोर्टल का मौलिक उद्देश्य यही है कि एक ऐसा धरातल तैयार हो जहां सिटीजन भी जुड़ सकें और साथ में सेवा प्रदाता भी जुड़ सकें. क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय के सहायक निदेशक शशिभूषण कहते हैं कि यह पूरे मेरठ मंडल में संचालित किया जा रहा है. लगभग पिछले दो वर्ष से जो सेवा प्रदाता हैं, उनका पंजीकरण किया जा रहा है.
मेरठ की बात करें तो यहां 135 सेवा प्रदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 15 सेवा प्रदाता निरंतर अपनी सेवाएं दे भी रहे हैं. वह बताते हैं कि इन सेवा प्रदाताओं के अपने कुशल कार्मिक होते हैं. इन कार्मिकों को सेवा मित्र के नाम से जानते हैं. अपनी आवश्यकता के अनुसार, 155330 नंबर पर कॉल करके अपनी सेवा बुक कर सकते हैं. यहां यह जिक्र करना आवश्यक होता है कि किस कार्य के लिए आवश्यकता सेवा मित्र की आवश्यकता है. कॉल करने के अतिरिक्त भी सेवामित्र की मदद लेने के लिए ऑप्शन दिए गए हैं. इन्हीं सेवा मित्रों के माध्यम से घर बैठे ही सेवाएं बुक कराई जा सकती हैं.
इसके लिए कर सकते हैं सेवा मित्र पोर्टल का इस्तेमाल : कुल मिलाकर वर्तमान में इससे इलेक्ट्रीशियन, आईटी हार्डवेयर, प्लंबर, बढ़ई, मैन पावर सर्विस, आरओ सर्विस व रिपेयर, एसी सर्विस व रिपेयर, कार रिपेयर व सर्विस, पेस्ट कंट्रोल, पेंटर, मोबाइल रिपेयर व सर्विस व लाउंड्री आदि 19 सेवाओं के लिए सेवा मित्र पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं. वह बताते हैं कि ऐसे सभी काम जो एक लाख रुपये से कम के होते हैं वह चाहे निजी किसी भी व्यक्ति के हों या राजकीय सेवा सभी के लिए यह पोर्टल सेवा दे सकता है.
शशिभूषण उपाध्यय बताते हैं कि इन सेवाओं में दस प्रतिशत की धनराशि की कटौती होकर सर्विस चार्ज के रूप में जाती है. सेवा प्रदाताओं को एक अपना वॉलेट भी मैनेज करना होता है, जिसमें से दस प्रतिशत की धनराशि की कटौती होती है. शशिभूषण उपाध्यय बताते हैं कि सेवा मित्रों को अपने एकाउंट का रिचार्ज दो हजार रुपये तक का रखना पड़ रहा था. अब इसमें मुख्यालय पर एक अहम बैठक के बाद इस धनराशि को न्यूनतम करने का निर्णय लिया गया है. अब वॉलेट रिचार्ज की सीमा पांच सौ रुपये तक करेंगे.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो सेवाएं बुक हो रही हैं उनकी अगर बात करें तो पूरे मंडल में अब तक एक हजार से 1200 के मध्य है. इसमें मेरठ में सेवामित्र पोर्टल के माध्यम से आठ लाख रुपये धनराशि का कार्य कराया गया है. इसमें सरकारी विभाग दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. इस बारे में जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि डीएम ने सभी सरकारी विभागों को भी इस बारे में आवश्यक पत्र लिखकर अवगत कराया है. जब भी किसी विभाग में निर्धारित 19 कार्यों में से किसी के लिए भी आवश्यकता लगे तो वह विभाग भी इसमें दिलचस्पी दिखाएं. इसका व्यापक प्रचार प्रसार भी कराया जा रहा है. क्षेत्रीय सहायक निदेशक शशि भूषण उपाध्याय कहते हैं कि अब ब्लॉक और ग्रामीण स्तर पर भी सेवा मित्र पोर्टल के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयास हो रहे हैं. इसमें जिला पंचायत राज विभाग से बात करके रणनीति बना रहे हैं.
मेरठ की जिला पंचायत राज अधिकारी रेणु श्रीवास्तव बताती हैं कि यह बेहद ही उपयोगी है. विभाग भी ग्राम प्रधानों में इसके बारे में जागरूकता फैलाएं. इसके लिए प्रयास जारी है. खास बात यह भी है कि सुरक्षा के लिहाज से भी सेवा मित्र भरोसे योग्य है, क्योंकि इनका पुलिस वेरिफिकेशन पंजीकरण सबसे पहले किया जाता है.
वर्तमान में यह है मंडल के जिलों की स्थिति : मेरठ मंडल में मेरठ, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़ और बागपत जिले शामिल हैं. मेरठ में 100, बुलंदशहर में 75, गाजियाबाद में 75, हापुड़ में 75, बागपत में 75, सेवाप्रदाता का लक्ष्य दिया गया है. इस लक्ष्य के सापेक्ष मेरठ ने 137, बुलंदशहर ने 72 गौतमबुद्ध नगर ने 233, गाजियाबाद ने 181, हापुड़ ने 14, बागपत ने 16 सेवा प्रदाता कम्पनियों के पंजीकरण किए हैं. इनमें मेरठ गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में तो यह सेवा लोगों को खूब लुभा रही है, लेकिन बाकी जनपदों में स्थिति ठीक नहीं है.
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