देहरादून: अक्सर अपने कारनामों को लेकर चर्चाओं में रहने वाला शिक्षा विभाग अब तबादलों को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. पिछले साल स्वास्थ्य विभाग ने गंभीर बीमारी के आधार पर 111 शिक्षकों का सुगम क्षेत्रों में तबादला कर दिया था, लेकिन अब ऐसा मामला सामने आया है कि तमाम टीचरों ने बीमारी का बहाना लेकर सुगम क्षेत्रों में अपनी तैनाती करा ली है. जिसको देखते हुए अब शिक्षा विभाग ने पिछले साल गंभीर बीमारी के आधार पर तबादला पाने वाले शिक्षकों की जांच करने का निर्णय लिया है.
दरअसल, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों पर सरकारी कर्मचारी जाने को तैयार नहीं होते हैं. जो कर्मचारी पर्वतीय क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वो मैदानी क्षेत्रों या फिर सुगम क्षेत्रों की ओर आना चाहते हैं. ऐसे में सरकारी कर्मचारी तबादला नीति में किए गए प्रावधान का फायदा उठाकर दुर्गम से सुगम में तबादला करा लेते हैं. हालांकि, सारे कर्मचारी ऐसे नहीं होते हैं. बल्कि, वास्तव में कुछ कर्मचारी बीमारी के चलते सुगम में तबादले की मांग करते हैं. जिसका फायदा उठाकर तमाम अन्य कर्मचारी भी दुर्गम से सुगम में आ जाते हैं.
शिक्षा विभाग ने साल 2023 में गंभीर बीमार 111 शिक्षकों के सुगम में तबादले किए थे. जिसमें 58 प्रवक्ता और 53 सहायक अध्यापक शामिल हैं. ऐसे में अब इन सभी शिक्षकों की जांच कराई जाएगी. क्योंकि, तबादलों की प्रक्रिया के दौरान कई शिक्षक सुगम में तबादला पाने के लिए जानबूझकर गंभीर बीमार हो जाते हैं. पिछले सालों के दौरान भी कई शिक्षकों ने बीमारी के आधार पर सुगम में तबादला पाया था. जिसकी सत्यता जानने को लेकर अब शिक्षा विभाग इन सभी शिक्षकों की जांच करेगा और बहुत गंभीर बीमार शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति करेगा.
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