सराज: हिमाचल प्रदेश में जहां सरकार व्यवस्था परिवर्तन का दावा करती है. वहीं, जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बयां करती है. प्रदेश में आज भी कई इलाके ऐसे हैं, जो मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी तरसते हैं. सराज विधानसभा क्षेत्र में सरकार के व्यवस्था परिवर्तन का दावा फेल होता गलत साबित होता हुआ नजर आ रहा है. सराज के दूरदराज पंचायत जैशंला में करीब 7 गांव में पिछले 7 दिनों से बिजली गुल है. जिसके चलते इन गांवों के करीब 155 परिवार अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए हैं.
जंगली जानवरों के डर से घरों में कैद
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जैशंला पंचायत के हैलण, शिकावरी, भाटकीधार, कुमहडु, बालदार, कल्थर और जैशंला गांव में पिछले 6 दिनों से बिजली नहीं है. यहां पर ट्रांसफार्मर जलने के बाद से बिजली नहीं है और न ही ट्रांसफार्मर अभी तक ठीक हुआ है. जैशंला पंचायत के ये गांव जंगल से सटे हुए हैं. जिसके कारण यहां पर अंधेरा गहराते ही जंगली जानवरों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इतने दिन से बिजली न होने पर उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जंगली जानवरों के डर से शाम होते ही लोग अपने-अपने घरों में कैद हो जाते हैं.
विभाग को दी आंदोलन की चेतावनी:
स्थानीय ग्रामीण पवन शर्मा, पद्म देव, चिमन शर्मा और राज कुमार ने बताया कि शुक्रवार को उनके गांव से बिजली गुल है. उन्होंने बिजली बोर्ड के अधिकारियों से भी संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि उनके पास ट्रांसफार्मर नहीं है. स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 7 दिन से सभी गांव वाले अंधेरे में रहने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि अब पिछले दिनों स्कूल भी खुल गए हैं. बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर हैं, लेकिन बिजली न होने के कारण बच्चे पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर विभाग की ओर से जल्द ही यहां ट्रांसफार्मर नहीं रखा गया तो वह लोग मजबूरन आंदोलन करेंगे.
"इन गांव का ट्रांसफार्मर जलने से खराब हो गया है. आज या कल इन गांव में बिजली के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी. साथ ही दो दिन बाद वहां पर नया ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा." - चन्द्र मणी, अधिशाषी अभियंता, विद्युत विभाग गोहर
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