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अदालत में नाग बताते हैं किस किस को काटा? कांडी की धुन पर होती है सांपों की पेशी

क्या आपने कभी सांपों की अदालत लगती देखी है. अगर नहीं, तो आपको दिखातें हैं ऐसा मंदिर जहां लगती है अदालत. कांडी की धुन पर कोर्ट में हाजिर होते हैं सांप.

sehore me Naago ki Adalat
कांडी की धुन पर पेशी पर हाजिर होते हैं सांप (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 2, 2024, 11:42 AM IST

Updated : Nov 2, 2024, 12:52 PM IST

सीहोर। सांप का नाम सुनते ही इंसान के होश उड़ जाते हैं. क्योंकि साक्षात यमराज का रूप होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि इंसानों के बीच नागों की अदालत लगती है. मंदिर में लगने वाली अदालत में सांप एक धुन पर दौड़े चले आते हैं और बताते हैं अमुक व्यक्ति को उसने क्यों डसा. खास बात ये है कि सांप खुद नहीं आते बल्कि इंसान में प्रवेश करके बताते हैं कि उसने किस कारण डसा. इसके बाद मंदिर में सर्पदंश पीड़ित इंसान का इलाज किया जाता है.

मंदिर में सौ साल से चली आ रही है नाग अदालत की परंपरा

सीहोर जिले के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में आज भी सर्पदंश से पीड़ित लोग स्वस्थ होने के लिए मंदिर में आते हैं. अब आप इसे विश्वास कहें या आस्था या फिर अंधविश्वास. इन लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. ग्रामीणों की ये आस्था या अंधविश्वास की प्रथा 100 वर्षों से चली आ रही है. सीहोर के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में सालों से नागों की अदालत लगती है. जहां पेशी पर नाग स्वयं मानव शरीर में आकर डसने का कारण बताते हैं. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास स्थित सीहोर जिले से मात्र 15 किलोमीटर दूर दीपावली के दूसरे दिन पड़वा को नाग अदालत लगती है.

सीहोर जिले के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में सांपों की अदालत (ETV BHARAT)

सर्पदंश का कारण जानने बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण

21 नवंबर शुक्रवार को नाग अदालत लगी तो बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. इस रहस्य को देखने बड़ी संख्या में सीहोर और भोपाल से भी लोग पहुंचे. लसूडिय़ा परिहार में स्थित राम मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन सांपों की अदालत लगाई गई. अदालत में पिछले एक साल में सर्पदंश का शिकार हुए लोगों को उन्हें डसने का कारण बताया गया. अदालत में 5 दर्जन लोग पहुंचे. हनुमानजी की प्रतिमा के सामने लगी सांपों की पेशी के दौरान लोग ये जानने पहुंचे कि आखिर उन्हें सांप ने क्यों काटा.

कांडी की धुन पर भरनी गाकर नागों को पेशी पर बुलाया

नाग अदालत में सांप के डसने का कारण जानने के लिए कांडी की धुन पर भरनी गाकर नागों को पेशी पर बुलाया गया. इस दौरान पेशी पर पहुंचे सांपों ने शरीर में आकर काटने का कारण बताया. इस मामले में गांव के नन्दगिरी महाराज का कहना है "यहां होने वाली सांपों की पेशी हमारी तीन पीढ़ी करती आ रही है. दीपावली के दूसरे दिन प्रदेश भर से सांप के काटने से पीड़ित लोग यहां आते हैं और काटने का कारण जानते हैं. कारण जानने के साथ ही दोबारा ऐसी घटना न हो जिसके लिए सांपों से वचन भी लिया जाता है."

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नाग अदालत में पेशी पर हाजिर सांप ने क्या कहा

नाग अदालत में पेशी पर हाजिर होने वाले सांप ने एक व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर कहा "मैं तेरे खेत में शांति से रहता था, तूने तो मेरा ही घर तोड़ दिया. इसी की सजा मैंने तुझे दी थी. मैं तो तुम्हारे परिवार का हर जगह साथ दिया था और तुमने मुझे अपने से दूर क्यों कर दिया." कुछ इस तरह के सवाल पेशी के दौरान मानव के शरीर में सांपों की आत्मा ने आकर बताए. सांपों के पेशी में आने का कार्यक्रम सुबह से शुरू होकर शाम तक चला. नाग अदालत में कांडी और भरनी की धुन बजते ही पर सर्पदंश का शिकार हुए पीड़ित लोग लहराने लगते हैं. ग्रामीण मुन्ना यादव ने बताया "कांडी भरनी और विशेष मंत्र के साथ दोबारा पीड़ित को सांप न काटे, इसका संकल्प लिया जाता है."

सीहोर। सांप का नाम सुनते ही इंसान के होश उड़ जाते हैं. क्योंकि साक्षात यमराज का रूप होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि इंसानों के बीच नागों की अदालत लगती है. मंदिर में लगने वाली अदालत में सांप एक धुन पर दौड़े चले आते हैं और बताते हैं अमुक व्यक्ति को उसने क्यों डसा. खास बात ये है कि सांप खुद नहीं आते बल्कि इंसान में प्रवेश करके बताते हैं कि उसने किस कारण डसा. इसके बाद मंदिर में सर्पदंश पीड़ित इंसान का इलाज किया जाता है.

मंदिर में सौ साल से चली आ रही है नाग अदालत की परंपरा

सीहोर जिले के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में आज भी सर्पदंश से पीड़ित लोग स्वस्थ होने के लिए मंदिर में आते हैं. अब आप इसे विश्वास कहें या आस्था या फिर अंधविश्वास. इन लोगों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. ग्रामीणों की ये आस्था या अंधविश्वास की प्रथा 100 वर्षों से चली आ रही है. सीहोर के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में सालों से नागों की अदालत लगती है. जहां पेशी पर नाग स्वयं मानव शरीर में आकर डसने का कारण बताते हैं. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास स्थित सीहोर जिले से मात्र 15 किलोमीटर दूर दीपावली के दूसरे दिन पड़वा को नाग अदालत लगती है.

सीहोर जिले के ग्राम लसूडिय़ा परिहार में सांपों की अदालत (ETV BHARAT)

सर्पदंश का कारण जानने बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीण

21 नवंबर शुक्रवार को नाग अदालत लगी तो बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. इस रहस्य को देखने बड़ी संख्या में सीहोर और भोपाल से भी लोग पहुंचे. लसूडिय़ा परिहार में स्थित राम मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन सांपों की अदालत लगाई गई. अदालत में पिछले एक साल में सर्पदंश का शिकार हुए लोगों को उन्हें डसने का कारण बताया गया. अदालत में 5 दर्जन लोग पहुंचे. हनुमानजी की प्रतिमा के सामने लगी सांपों की पेशी के दौरान लोग ये जानने पहुंचे कि आखिर उन्हें सांप ने क्यों काटा.

कांडी की धुन पर भरनी गाकर नागों को पेशी पर बुलाया

नाग अदालत में सांप के डसने का कारण जानने के लिए कांडी की धुन पर भरनी गाकर नागों को पेशी पर बुलाया गया. इस दौरान पेशी पर पहुंचे सांपों ने शरीर में आकर काटने का कारण बताया. इस मामले में गांव के नन्दगिरी महाराज का कहना है "यहां होने वाली सांपों की पेशी हमारी तीन पीढ़ी करती आ रही है. दीपावली के दूसरे दिन प्रदेश भर से सांप के काटने से पीड़ित लोग यहां आते हैं और काटने का कारण जानते हैं. कारण जानने के साथ ही दोबारा ऐसी घटना न हो जिसके लिए सांपों से वचन भी लिया जाता है."

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नाग अदालत में पेशी पर हाजिर सांप ने क्या कहा

नाग अदालत में पेशी पर हाजिर होने वाले सांप ने एक व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर कहा "मैं तेरे खेत में शांति से रहता था, तूने तो मेरा ही घर तोड़ दिया. इसी की सजा मैंने तुझे दी थी. मैं तो तुम्हारे परिवार का हर जगह साथ दिया था और तुमने मुझे अपने से दूर क्यों कर दिया." कुछ इस तरह के सवाल पेशी के दौरान मानव के शरीर में सांपों की आत्मा ने आकर बताए. सांपों के पेशी में आने का कार्यक्रम सुबह से शुरू होकर शाम तक चला. नाग अदालत में कांडी और भरनी की धुन बजते ही पर सर्पदंश का शिकार हुए पीड़ित लोग लहराने लगते हैं. ग्रामीण मुन्ना यादव ने बताया "कांडी भरनी और विशेष मंत्र के साथ दोबारा पीड़ित को सांप न काटे, इसका संकल्प लिया जाता है."

Last Updated : Nov 2, 2024, 12:52 PM IST
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