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ट्रैक्टर चलाकर कोलांस नदी के उद्गम स्थल पहुंचे मंत्री प्रहलाद पटेल, पौधारोपण कर नदी के संरक्षण की दिलाई शपथ - Plantation at Kolans River origin

जल गंगा संवर्धन के तहत सीहोर में कोलांस नदी के उद्गम स्थल पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंत्री प्रहलाद पटेल कार्यक्रम में शामिल हुए और पूजा कर पौधारोपण किया. वहीं, मंत्री ने नागरिकों को कोलांस नदी के संरक्षण की शपथ भी दिलाई.

Saplings were planted at the origin of Kolans River
कोलांस नदी के उद्गम स्थल पर किया गया पौधारोपण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 9:28 PM IST

सीहोर। जनपद पंचायत के बमूलिया गांव में आयोजित जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कोलांस नदी के उद्गम स्थल पर पौधारोपण भी किया. मंत्री पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान केवल प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक का अभियान है. वहीं मौके पर मौजूद राजस्व मंत्री करण सिंह ने कहा कि जल है तो कल है, जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा.

जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत पौधारोपण करने कोलांस नदी के उद्गम स्थल पहुंचे मंत्री प्रहलाद पटेल (ETV Bharat)

नदी के उदगम स्थल तक ट्रैक्टर से पहुंचे मंत्री

कोलांस नदी के उद्गम स्थल तक कार से जाना संभव नहीं था. इसलिए ट्रैक्टर की व्यवस्था की गई और मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल लगभग डेढ़ किलो मीटर तक स्वयं ट्रैक्टर चला कर उद्गम स्थल तक पुहंचे. इसके बाद उन्होंने पूजा कर पौधरोपण किया और उद्गम स्थल का निरीक्षण भी किया. वहीं, मंत्री पटेल ने नागरिकों को कोलांस नदी के संरक्षण और संवर्धन की शपथ दिलाई और उसके दोनों ओर किसानों की सहमति से पौधारोपण कराने को कहा.

बुद्धिमान और दूरदर्शी थे हमारे पूर्वज

मंत्री पटेल ने कहा कि "मानव ने अपने स्वार्थ के लिए जल, जंगल सहित अनेक प्राकृतिक संपदा का अंधाधुंध दोहन किया है. जिसके दुष्परिणाम देखने मिल रहे हैं. अगर यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ी हमे इसके लिए दोषी ठहराएगी. हमें अपने सभी जल स्रोतों का संरक्षण और संवर्धन करने के साथ ही पेड़ लगाने और उसे जीवित रखने का संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज बहुत दूरदर्शी और बुद्धिमान थे. उन्होंने नदियों के उद्गम और जल स्रोतों के समीप जल और पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल प्रजातियों के पौधे लगाए. हमारे पूर्वजों ने आने वाली पीढ़ी के लिए पहले से ही कुएं, बावड़िया, कुंडों, तालाब, झीलों एवं घाटों को निर्माण करवाया और हमें सौगात के रूप में देकर गए."

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20 दिन के अंदर संपत्ति की नामातंरण

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि "प्रदेश के लोगों को राजस्व संबंधी कामों के लिए परेशान नहीं होना पड़े इसके लिए 2 माह तक राजस्व अभियान चलाया गया. जिसमें 30 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया है. यह भी नियम बना दिया गया है कि संपत्ति की खरीदी-बिक्री के 20 दिन के अंदर नामांतरण हो जाएगा. इसी प्रकार सीमांकन की भी 30 दिन की सीमा तय कर दी गई है."

सीहोर। जनपद पंचायत के बमूलिया गांव में आयोजित जल गंगा संवर्धन कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कोलांस नदी के उद्गम स्थल पर पौधारोपण भी किया. मंत्री पटेल ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान केवल प्रदेश सरकार का नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक का अभियान है. वहीं मौके पर मौजूद राजस्व मंत्री करण सिंह ने कहा कि जल है तो कल है, जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करना होगा.

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नदी के उदगम स्थल तक ट्रैक्टर से पहुंचे मंत्री

कोलांस नदी के उद्गम स्थल तक कार से जाना संभव नहीं था. इसलिए ट्रैक्टर की व्यवस्था की गई और मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल लगभग डेढ़ किलो मीटर तक स्वयं ट्रैक्टर चला कर उद्गम स्थल तक पुहंचे. इसके बाद उन्होंने पूजा कर पौधरोपण किया और उद्गम स्थल का निरीक्षण भी किया. वहीं, मंत्री पटेल ने नागरिकों को कोलांस नदी के संरक्षण और संवर्धन की शपथ दिलाई और उसके दोनों ओर किसानों की सहमति से पौधारोपण कराने को कहा.

बुद्धिमान और दूरदर्शी थे हमारे पूर्वज

मंत्री पटेल ने कहा कि "मानव ने अपने स्वार्थ के लिए जल, जंगल सहित अनेक प्राकृतिक संपदा का अंधाधुंध दोहन किया है. जिसके दुष्परिणाम देखने मिल रहे हैं. अगर यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ी हमे इसके लिए दोषी ठहराएगी. हमें अपने सभी जल स्रोतों का संरक्षण और संवर्धन करने के साथ ही पेड़ लगाने और उसे जीवित रखने का संकल्प लेना होगा. उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज बहुत दूरदर्शी और बुद्धिमान थे. उन्होंने नदियों के उद्गम और जल स्रोतों के समीप जल और पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल प्रजातियों के पौधे लगाए. हमारे पूर्वजों ने आने वाली पीढ़ी के लिए पहले से ही कुएं, बावड़िया, कुंडों, तालाब, झीलों एवं घाटों को निर्माण करवाया और हमें सौगात के रूप में देकर गए."

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20 दिन के अंदर संपत्ति की नामातंरण

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