नई दिल्ली: दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट जिले के सीलमपुर में हुई सनसनीखेज हत्याकांड को पुलिस ने सुलझा लिया है. स्पेशल स्टॉफ की टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में सीलमपुर थाना पुलिस पहले ही एक नाबालिग आरोपी को पकड़ चुकी है. अब फरार दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने इलाके में अपनी दहशत कायम करने के लिए इस वारदात का अंजाम दिया था. आरोपियों की पहचान सलमान उर्फ फैजान उर्फ नाता और शोएब उर्फ मस्तान के रूप में की गई है. दोनों की उम्र 20 साल है और न्यू सीलमपुर इलाके में रहते हैं.
12 अप्रैल को हुई थी गोलीबारी: नॉर्थ ईस्ट जिला डीसीपी जॉय टिर्की ने बताया कि 12 अप्रैल की सुबह 11:34 मिनट पर सीलमपुर थाना पुलिस को कॉल मिली थी कि ई-ब्लॉक, कबाड़ी मार्केट में एक शख्स को गोली मार दी गई है. इस शख्स की पहचान 35 वर्षीय शाहनवाज पुत्र मोहम्मद युसूफ के रूप में की गई थी, जो ई-13, झुग्गी ए-254, न्यू सीलमपुर, दिल्ली का निवासी के रूप में की गई. उसके सिर में पीछे से गोली मारी गई थी.
उसको घायलावस्था में पास के अस्पताल जगप्रवेश चंद्र हॉस्पिटल ले जाया गया है. गंभीर रूप से घायल होने की वजह से उसको जगप्रवेश चंद्र अस्पताल से एलएनजेपी अस्पताल रेफर कर दिया गया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सड़क पर चलते समय एक लड़के ने शाहनवाज को पीछे से नजदीक से गोली मार दी. घटनास्थल पर 7.65 एमएम की एक गोली भी बरामद हुई थी.
घटना से अगले दिन हो गई थी घायल शख्स की मौत: घटना से अगले दिन यानी 13 अप्रैल की शाम 05:14 बजे एलएनजेपी अस्पताल से सूचना मिली थी कि पीड़ित शाहनवाज ने दम तोड़ दिया है. इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 को भी एफआईआर में जोड़ दिया. इस घटना के बाद सीलमपुर थाना पुलिस ने हत्या का प्रयास करने के साथ-साथ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं और ऑर्म्स एक्ट में मामला दर्ज किया था. एक अन्य मामला 16 अप्रैल को वेलकम थाना में ऑर्म्स एक्ट की धाराओं में दर्ज किया था. इन फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अब दोनों मामलों को सुलझाने का दावा पुलिस ने किया है. यह दोनों आरोपियों पहले भी हत्या के प्रयास और लूटपाट के दो मामलों में संलिप्त रह चुके हैं.
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इस घटना के तुरंत बाद एसीपी/ऑपरेशंस राजेंद्र कुमार की निगरानी में नॉर्थ ईस्ट जिला स्पेशल स्टॉफ इंस्पेक्टर राहुल अधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था. इसमें एसआई प्रमोद और सुखबीर सिंह, एएसआई अमित त्यागी, संजीव, राजीव त्यागी और उपेंद्र, हैड कांस्टेबल दीपक, सुशील, विजय के अलावा कांस्टेबल विकास और महिला कांस्टेबल सीमा को शामिल किया गया था. घटना के तुरंत बाद मौके पर क्राइम ब्रांच और एफएसएल की टीम ने भी निरीक्षण कर सबूत एकत्र किए थे.
आरोपियों का पता लगाने को खंगाले सीसटीवी फुटेज: आरोपियों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई. इसके बाद नाबालिग को पकड़ा गया और फरार दो अन्य आरोपियों की पहचान फैजान और शोएब के रूप हुई, जिनकी सरगर्मी से तलाश की गई. इसके बाद टीम को अपने स्थानीय मुखबिरों से सूचना मिली. इसके बाद उनको वेलकम इलाके से धरदबोचने का जाल बिछाया गया. इन दोनों की गिरफ्तार के बाद पुलिस ने इनके पास से 2 देशी पिस्टल और 2 जिन्दा कारतूस बरामद किए हैं.
फेस्टिवल के समय लगाता था फेयरी व्हील और झूला: डीसीपी के मुताबिक, आरोपियों से इस मामले पर निरंतर पूछताछ की गई. इसके बाद उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. आरोपियों ने खुलासा किया कि पीड़ित शाहनवाज त्योहारों के दौरान बच्चों के लिए फेयरी व्हील और झूला लगाने का काम करता था. बताया गया कि सभी आरोपी एक गिरोह के रूप में नाम कमाना चाहते थे, इसके चलते पीड़ित से प्रोटेक्शन मनी वसूलने की योजना बनाई थी. इसकी वजह से उसको पास से गोली चलाई थी, जो उसके सिर से पार हो गई थी. पुलिस अब इस मामले में एक नाबालिग समेत 3 की गिरफ्तारी होने के बाद अन्य दूसरे मामलों में संलिप्तता होने की भी जांच करने में जुट गई है.
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