कोंडागांव : दलित और आदिवासी संगठनों ने बुधवार को आयोजित 'भारत बंद' का आह्वान किया. बस्तर के कई हिस्सों में बंद का असर देखने को मिला. आपको बता दें कि ये बंद हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व, सुरक्षा और न्याय की मांगों को लेकर बुलाया गया. दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ ने इस संबंध में मांगों की एक सूची जारी की, जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल है.
आम जनता हुई परेशान : कोंडागांव में सुबह से ही सर्व आदिवासी समाज के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के विरोध में किए गए बंद का व्यापक असर देखा गया. सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और यातायात व्यवस्था ठप रही. बंद के कारण कोंडागांव के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा. सुरक्षा के मद्देनजर जिले में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.कोंडागांव नगर में तकरीबन 150 सुरक्षा बलों को चौक-चौराहों पर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है. फिलहाल किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.
कोंडागांव में दिखा बंद का असर : छत्तीसगढ़ के कोंडागांव में बंद का व्यापक असर देखा गया. सर्व आदिवासी समाज ने सुबह रैली निकालकर आम जनता से समर्थन की अपील की. बलौदाबाजार में पहले हुई आगजनी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कलेक्ट्रेट के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. बंद के दौरान कई स्थानों पर रैलियां और विरोध प्रदर्शन हुए, लेकिन कई जगहों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल तैनात रहा.
आदिवासी संगठनों ने फैसले को बताया कमजोर : सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले से असहमति जताते हुए संगठन ने इस फैसले को ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ के फैसले को कमजोर करने वाला बताया.इस फैसले ने भारत में आरक्षण की रूपरेखा तय की थी.