शिमला: रामपुर के समेज गांव में 31 जुलाई को बाढ़ आने के बाद 36 लोग लापता हो गए थे. लापता लोगों की तलाश में 1 अगस्त की सुबह से ही सर्च ऑपरेशन जारी है. कई फीट मलबे में लोगों की तलाश करना बिल्कुल भी आसान नहीं है. इस ऑपरेशन में एनडीआरएफ, सेना, पैरामिलिट्री, पुलिस, होमगार्ड के जवान जुटे हुए हैं.
बाढ़ में 36 लोग लापता हुए हैं. अकेले केदारटा परिवार के 16 पारिवारिक सदस्यों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. लापता लोगों की तलाश में 85 किलोमीटर एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. अलग अलग टीमें लोगों को मलबे में सर्च कर रही है. अब तक 10 शव मिल चुके हैं जिनमें से कुछ की शिनाख्त भी नहीं हो पाई है और जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है लोगों की उम्मीद भी टूट रही है.
बाढ़ में बहे आठ छात्र
बाढ़ में 8 छात्र लापता हो गए हैं. जिनका अभी तक रेस्क्यू टीम को कोई सुराग नहीं मिला है. इन छात्रों में कक्षा बारहवीं की कृतिका और रितिका, कक्षा दसवीं की अंजलि, जिया, राधिका और अरुण, कक्षा नौवीं की आरुषि और कक्षा छठी की योग प्रिया शामिल हैं. प्रिंसिपल ने बताया कि इन सभी बच्चों का पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा है. हाल ही में हुई मंडल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में इन छात्राओं ने बेहतर प्रदर्शन किया था.
स्कूल को पहुंचा भारी नुकसान
इस बाढ़ में गांव में बना पीएचसी बह गया था, जबकि समेज में बना स्कूल को भी नुकसान पहुंचा था. स्कूल की निचली मंजिल पूरी तरह से कई फीट तक गाद से भर गई थी. स्कूल की इमारत को भी भारी नुकसान पहुंचा था.
स्निफर डॉग और लाइव डिटेक्टर की ली गई मदद
एनडीआरएफ की टीम गांव में लापता लोगों को ढूंढने के लिए सर्च अभियान चला रही है. टीम मलबे के नीचे दबे लापता लोगों को ढूंढने के लिए लाइव डिटेक्टर डिवाइस का इस्तेमाल कर रही है. शनिवार को प्रभावित क्षेत्रों में लाइव डिटेक्टर डिवाइस की सहायता सर्च ऑपरेशन में ली गई लेकिन इससे अभी तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं लग पाया है. इसके साथ ही स्निफर डॉग भी सर्च ऑपरेशन का हिस्सा बनाए गए हैं, ताकि सर्च ऑपरेशन की गुणवत्ता में और बढ़ावा हो सके.
सीएम सुक्खू ने किया गांव का दौरा
2 अगस्त को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने समेज गांव का दौरा किया. उन्होंने इस दौरान पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया साथ ही उन्होंने पीड़ितों को हर संभव सहायता का भी आश्वासन दिया. सीएम के साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी मौजूद थे. सीएम ने प्रभावित परिवारों को तीन महीने का गैस सिलेंडर, खाना पीना, 50 हजार रुपये अन्य जरूरतों को पूरा करने का आश्वासन दिया. बारिश खत्म होने के बाद घर बनाने के लिए प्रभावितत परिवारों को आर्थिक मदद देने की भी बात कही है.
विक्रमादित्य सिंह और प्रतिभा सिंह ने पीड़ितों से की मुलाकात
घटना के तीन दिन बाद कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह पीड़ितों से मिलने पहुंचे. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने पीड़ितों को आश्वासन दिलाया कि लापता लोगों को जल्द ढूंढ लिया जाएगा. इस तरह की घटनाएं पहाड़ी क्षेत्रों में होना बेहद दुखद है. कई लोगों की बहुमूल्य जिंदगियां समाप्त हो रही हैं. आने वाले समय में प्रदेश सरकार को इस तरह की घटनाओं के लिए मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है.
कंगना रनौत पहुंची समेज
पूर्व सीएम जयराम, राजीव बिंदल ने भी घटनास्थल का दौरा पीड़ितों से मुलाकात की. छह अगस्त को मंडी से सांसद कंगना रनौत समेज गांव पहुंची. पीड़ितों से मिलने के दौरान कंगना रनौत भावुक हो गईं. प्रदेश की सुक्खू सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कंगना ने कहा कि, 'केंद्र सरकार आपदा में हिमाचल की पूरी मदद करती है, लेकिन लोगों को आगे राहत बांटने का काम सुक्खू सरकार का है, लेकिन इन फंड का कुछ अता-पता नहीं रहता है. केंद्र हिमाचल के लिए जितना भी फंड रिलीज करता है, वो सुक्खू सरकार के बनाए खड्डे के जरिए ही प्रदेश की जनता तक आता है. अब इस खड्डे से कितना प्रभावितों तक पहुंचता है और कितना नहीं ये तो भगवान ही जानता है.'
सुन्नी डैम में मिले तीन शव
सुन्नी डैम में दो महिलाओं और एक पुरुष का शव अब तक बरामद किया गया है, लेकिन अभी तक शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है. मेज गांव में बादल फटने की घटना के बाद कुछ लोगों के सतलुज नदी में बहने की संभावना है. ऐसे में इनकी तलाश के लिए समेज से करीब 120 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में सर्च ऑपरेशन चलाया गया है, क्योंकि बादल फटने और बाढ़ जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए गुरुवार दोपहर से पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां सर्च ऑपरेशन में जुटी हैं.
डकोलढ़ में सतलुज के किनारे मिले दो शव
सर्च ऑपरेशन के दौरान घटना स्थल से करीब 14 किलोमीटर दूर नोगली से पीछे डकोलढ़ में दो शव सतलुज के किनारे बरामद हुए थे. दोनों शव काफी क्षत-विक्षत हालात में थे. चेहरे की पहचान नहीं हो पा रही थी.
गाय को किया जिंदा रेस्क्यू
समेज गांव में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. कई पशु भी लापता हुए हैं. यहां पर एक गाय को जिंदा रेस्क्यू किया गया है. जानकारी के अनुसार समेज में किनारे पर बचे मकान में ये गाय जिंदा बच गई थी.
बता दें कि समेज में जारी सर्च ऑपरेशन में 301 जवान शामिल हैं. इनमें एनडीआरएफ के 67, पुलिस के 69, आईटीबीपी के 30, आर्मी के 110 जवान और सीआईएसएफ के 25 जवान शामिल हैं. वहीं, सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में 61 सदस्यीय टीम शामिल है जिसमें एनडीआरएफ के 30, एसडीआरएफ के 14, पुलिस के 07 और होमगार्ड के 10 कर्मी तैनात हैं.
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