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हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर के रास्ते से यात्रा करवा रही SDRF, चारों तरफ फैली है बर्फ ही बर्फ - Hemkund Sahib Yatra

Hemkund Sahib Yatra 2024 उत्तराखंड हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वहीं हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं को ग्लेशियर पार कर यात्रा करनी पड़ रही है. मौके पर तैनात एसडीआरएफ श्रद्धालुओं को ग्लेशियर पार करा रही है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 12, 2024, 12:53 PM IST

हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग में एसडीआरएफ कर रही श्रद्धालुओं की मदद (वीडियो-ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में सबसे अधिक चर्चा केदारनाथ की होती है, लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि कठिन चढ़ाई और बर्फबारी के बीच एक और यात्रा है जो भले ही अधिक चर्चा में ना रहे लेकिन भक्तों की भारी भीड़ इस धाम में भी खूब उमड़ती है. हम बात कर रहे हैं हेमकुंड साहिब धाम की, चारों तरफ बर्फबारी और ग्लेशियर के रास्तों से गुरुद्वारे तक जाते भक्तों को इस धाम का रोमांच भी अलग ही आकर्षित करता है. इस साल 25 मई से शुरू हुई हेमकुंड साहिब यात्रा सकुशल जारी है. सिखों के इस पवित्र धाम की यात्रा के दौरान भक्तों के लिए सबसे अधिक कारगर साबित होती है राज्य की एसडीआरएफ, जो भक्तों को सहारा देकर धाम तक पहुंचा रही है.

SDRF helps people cross the glacier in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर पार कराती एसडीआरएफ (फोटो- ईटीवी भारत)

हेमकुंड साहिब का सबसे कठिन रास्ता अटल कोटि के पास स्थित ग्लेशियर से शुरू होता है. यहां रास्ता नहीं बर्फ पर चलना होता है. इस ग्लेशियर की चौड़ाई काफी अधिक है और लंबाई लगभग 150 से 200 मीटर के बीच है. ये रास्ता आम श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती है. इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी और ग्लेशियर के कारण रास्ता और भी कठिन एवं दुर्गम हो जाता है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

A path was made by cutting the glacier in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर काटकर बनाया गया रास्ता (फोटो- ईटीवी भारत)

इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. ग्लेशियर के इस खतरनाक हिस्से पर एसडीआरएफ की दो सब टीमें नियुक्त की गई हैं. एक टीम घांघरिया बेस कैंप और दूसरी टीम हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से प्रतिदिन ड्यूटी के लिए अटल कोटी ग्लेशियर पहुंचती है, जो दिन के अंतिम श्रद्धालु को भी सुरक्षित रूप से ग्लेशियर पार कराने तक मोर्चे पर डटी रहती है.

Glacier built in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में बने ग्लेशियर (फोटो- ईटीवी भारत)

एसडीआरएफ जवान एक-एक श्रद्धालु को अपने सुरक्षा घेरे में ग्लेशियर पार कराते हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो. पिछले 25 मई से आरम्भ श्री हेमकुंड साहिब यात्रा में अब तक एसडीआरएफ की टीम ने करीब 55,333 श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक ग्लेशियर पार कराकर उनकी यात्रा को सफल बनाया है. अब तक करीब 5,000 से अधिक श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा भी एसडीआरएफ जवानों के द्वारा दी गई है.

Snow in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में चारों तरफ फैली है बर्फ ही बर्फ (फोटो- ईटीवी भारत)

इन ग्लेशियर के आसपास बर्फबारी होने के बाद ग्लेशियर को पार करना और भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आम श्रद्धालुओं के लिए एसडीआरएफ त्वरित कार्रवाई कर सुगम मार्ग निर्माण में भी योगदान देती है.

SDRF personnel helping pilgrims cross the glacier
श्रद्धालुओं को ग्लेशियर पार कराते एसडीआरएफ कर्मी (फोटो- ईटीवी भारत)

पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल बताती हैं कि हिमालय क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद एसडीआरएफ के जवान चारधाम यात्रा मार्ग पर अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही इतने श्रद्धालुओं की यात्रा सफल हो पाई है. उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब के विभिन्न पड़ावों पर भूस्खलन व हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ द्वारा आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और जागरूकता के लिए साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं.

वहीं, सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब के मार्ग में पड़ने वाला अटल कोटी ग्लेशियर यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिस पर एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले एसडीआरएफ के जवानों को पुरस्कृत करने के निर्देश भी दिए हैं. अब तक हेमकुंड साहिब यात्रा पर 55,333 भक्तों को एसडीआरएफ इसी तरह से सुरक्षित यात्रा करवा चुकी है.

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हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग में एसडीआरएफ कर रही श्रद्धालुओं की मदद (वीडियो-ईटीवी भारत)

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में सबसे अधिक चर्चा केदारनाथ की होती है, लेकिन ये कम लोग जानते हैं कि कठिन चढ़ाई और बर्फबारी के बीच एक और यात्रा है जो भले ही अधिक चर्चा में ना रहे लेकिन भक्तों की भारी भीड़ इस धाम में भी खूब उमड़ती है. हम बात कर रहे हैं हेमकुंड साहिब धाम की, चारों तरफ बर्फबारी और ग्लेशियर के रास्तों से गुरुद्वारे तक जाते भक्तों को इस धाम का रोमांच भी अलग ही आकर्षित करता है. इस साल 25 मई से शुरू हुई हेमकुंड साहिब यात्रा सकुशल जारी है. सिखों के इस पवित्र धाम की यात्रा के दौरान भक्तों के लिए सबसे अधिक कारगर साबित होती है राज्य की एसडीआरएफ, जो भक्तों को सहारा देकर धाम तक पहुंचा रही है.

SDRF helps people cross the glacier in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर पार कराती एसडीआरएफ (फोटो- ईटीवी भारत)

हेमकुंड साहिब का सबसे कठिन रास्ता अटल कोटि के पास स्थित ग्लेशियर से शुरू होता है. यहां रास्ता नहीं बर्फ पर चलना होता है. इस ग्लेशियर की चौड़ाई काफी अधिक है और लंबाई लगभग 150 से 200 मीटर के बीच है. ये रास्ता आम श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी चुनौती है. इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी और ग्लेशियर के कारण रास्ता और भी कठिन एवं दुर्गम हो जाता है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.

A path was made by cutting the glacier in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में ग्लेशियर काटकर बनाया गया रास्ता (फोटो- ईटीवी भारत)

इस दुर्गम यात्रा को सुगम बनाने के लिए एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स) की टीम महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. ग्लेशियर के इस खतरनाक हिस्से पर एसडीआरएफ की दो सब टीमें नियुक्त की गई हैं. एक टीम घांघरिया बेस कैंप और दूसरी टीम हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा से प्रतिदिन ड्यूटी के लिए अटल कोटी ग्लेशियर पहुंचती है, जो दिन के अंतिम श्रद्धालु को भी सुरक्षित रूप से ग्लेशियर पार कराने तक मोर्चे पर डटी रहती है.

Glacier built in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में बने ग्लेशियर (फोटो- ईटीवी भारत)

एसडीआरएफ जवान एक-एक श्रद्धालु को अपने सुरक्षा घेरे में ग्लेशियर पार कराते हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो. पिछले 25 मई से आरम्भ श्री हेमकुंड साहिब यात्रा में अब तक एसडीआरएफ की टीम ने करीब 55,333 श्रद्धालुओं को सफलतापूर्वक ग्लेशियर पार कराकर उनकी यात्रा को सफल बनाया है. अब तक करीब 5,000 से अधिक श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा भी एसडीआरएफ जवानों के द्वारा दी गई है.

Snow in Hemkund Sahib
हेमकुंड साहिब में चारों तरफ फैली है बर्फ ही बर्फ (फोटो- ईटीवी भारत)

इन ग्लेशियर के आसपास बर्फबारी होने के बाद ग्लेशियर को पार करना और भी मुश्किल हो जाता है. ऐसे में आम श्रद्धालुओं के लिए एसडीआरएफ त्वरित कार्रवाई कर सुगम मार्ग निर्माण में भी योगदान देती है.

SDRF personnel helping pilgrims cross the glacier
श्रद्धालुओं को ग्लेशियर पार कराते एसडीआरएफ कर्मी (फोटो- ईटीवी भारत)

पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल बताती हैं कि हिमालय क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद एसडीआरएफ के जवान चारधाम यात्रा मार्ग पर अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं. उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही इतने श्रद्धालुओं की यात्रा सफल हो पाई है. उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब के विभिन्न पड़ावों पर भूस्खलन व हिमस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ द्वारा आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा और जागरूकता के लिए साइन बोर्ड भी लगाए गए हैं.

वहीं, सेनानायक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब के मार्ग में पड़ने वाला अटल कोटी ग्लेशियर यात्रा का महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिस पर एसडीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं. उन्होंने चारधाम यात्रा मार्ग पर सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले एसडीआरएफ के जवानों को पुरस्कृत करने के निर्देश भी दिए हैं. अब तक हेमकुंड साहिब यात्रा पर 55,333 भक्तों को एसडीआरएफ इसी तरह से सुरक्षित यात्रा करवा चुकी है.

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