हिसारः हरियाणा स्थित केद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र (CIRB), हिसार में तैयार क्लोन मुर्रा झोटा "हिसार गौरव" का 10वां जन्मदिन मंगलवार (10 दिसंबर) को मनाया गया. मौके पर वैज्ञानिकों ने केक काटा. सीआईआरबी में तैयार यह पहला और देश का दूसरा क्लोन है. यह डेयरी सेक्टर में सीआईआरबी के एक दशक के शोध का बेहतरीन प्रतीक है.
सीआईआरबी फार्म के निदेशक डॉ. टीके दत्ता ने बताया कि 10 दिसंबर को 2015 को हिसार गौरव का जन्म हुआ था. करीब एक हजार किलोग्राम वजनी इस झोटे से प्राप्त सीमन से पशुओं का 45 प्रतिशत से अधिक गर्भाधान हो रहा है. अभी तक हिसार गौरव 22 हजार डोज का उत्पादन कर चुका है. इसका उपयोग कृत्रिम गर्भाधान के लिए बडे पैमाने पर किया गया है.
500 रुपये तक होती है एक सीमन की कीमतः हिसार गौरव के एक सीमन की कीमत पांच सौ रुपये तक होती है. इसका खाने पीने के लेकर हर जरूरत का ध्यान रखा जाता है. इसे वजन के हिसाब से दाना-पानी दिया जाता है. झोटे का वजन एक हजार किलो है. एक बार में पांच किलो दाना और हरा चारा दिया जाता है. इसके लिए अलावा पौष्टिक पदार्थ, खनिज, लवण आदि की मात्रा डाइटीशियन के सुझाव पर दिया जाता है.
आरओ वाटर पीता है "हिसार गौरव": कलोन झोटे को एक दिन में एक बार आरओ का पानी दिया जाता है और आरओ को पानी से ही नहलाया जाता है. फार्म में हिसार के गौरव के दो बेटे भी हैं. एक बेटा 5405 नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड इस्तेमाल करेगा. इसके सीमन से 90 हजार जोड़े बन चुके हैं. जबकि दूसरे बेटे 5414 के सीमन की एक लाख डोज बना चुके हैं. यह डोज 49 हजार पशुपालको को उपलबध करवाई गई है. सिरसा डेरे में भैसों की गुणवत्ता बढाने के लिए सीमन का इस्तेमाल किया गया है जिसके अच्छे परिणाम सामाने आए हैं.
सीआईआरबी मे मुर्राह नस्ल के झोटे का अपना पहला कलोन तैयार किया था. यह पीटी बुल (4354) का कलोन है. करीबन सवा तीन साल बाद "हिसार गौरव" ने उच्च गुणवत्ता वाले सीमन देना शुरु कर दिया था. हिसार गौरव के सीमन से दो झोटे अभी तक दो लाख से ज्यादा कृत्रिम गर्भाधान की डोज (artificial insemination-AI) 'एआई की डोज' उपलबध करवाई है. इसकी झोटियों से दूध उत्पादन में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है जो प्रति बयान्त (एक बच्चे के जन्म के बाद) लगभग 300 सौ से लेकर 600 सौ लीटर दूध का उत्पादन किया है. हिसार गौरव की सीमन तकनीक का उपयोग करने वाले किसानो ने दूध उत्पाद में महत्पूर्ण सुधार की सूचना दी है.
क्लोन मुर्रा झोटा "हिसार गौरव" एक नजर
- 10 दिसंबर 2015 को सीआईआरबी में "हिसार गौरव" का जन्म.
- 10 दिसंबर 2024 को "हिसार गौरव" ने पूरे किए नौ साल.
- यह सीआईआरबी का पहला और देश का दूसरा क्लोन है.
- सीआईआरबी परिसर में वैज्ञानिकों ने केट काट कर मनाया जन्मदिन
- "हिसार गौरव" के प्रति डोज की कीमत है 500 रुपये है.
- इसे पीने के लिए व स्नान कराने के लिए आरओ पानी का किया जाता है उपयोग
- चिकित्सक इसके हेल्थ की नियमित करते हैं निगरानी
- डायटिशियन के सुझाव पर मिलता है पोषक तत्वों से भरपूर खाना-पीना
जन्मदिन आयोजन में ये वैज्ञानिक थे मौजूदः केंद्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र में हिसार गौरव के जन्मदिवस समारोह में पूर्व निदेशक डॉ. आर के सेठी, फिजियोलाजी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एसके जिंदल, वर्तमान निदेशक डॉ. टीके दत्ता, डॉ. यशपाल शर्मा, प्रोजेकट के पीआई डॉ. पीएस यादव मौजूद थे. संस्थान की ओर से कलोनिगं की जागरुकता के लिए सेमीनार का आयोजन किया गया, जिसमें संस्थान के वैज्ञानिक व कर्मचारी शमिल हुए.