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जानें कब से शुरू हो रहा है महादेव का प्रिय महीना, इस बार सावन में होंगे 5 सोमवार, मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न - Sawan 2024

Sawan 2024: महादेव का प्रिय महीना सावन 22 जुलाई से शुरू होगा और 19 अगस्त को रक्षाबंधन और पांचवें सोमवार को समाप्त होगा. सावन के महीने में ही व्रत रखकर देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था, इसलिए इस महीने का महत्व और भी बढ़ जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार इस महीने के सोमवार को व्रत करने से भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने से मनचाहा जीवनसाथी मिल जाता है. भगतों की सभी मनोकामनाएं महादेव पूरी करते हैं.

Sawan 2024
Sawan 2024 (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 15, 2024, 2:37 PM IST

करनाल: हिंदू कैलेंडर के अनुसार इन दिनों आषाढ़ महीना चल रहा है. आषाढ़ महीने के बाद सावन का महीना आएगा, जो भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना माना जाता है. सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है. जबकि इसका समापन 19 अगस्त को होगा. साल के सभी 12 महीनों में सावन का महीना सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है. क्योंकि यह भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है.इस महीने के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है. जो भी इंसान विधिवत रूप से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. वहीं, सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.

इस बार सावन में होंगे 5 सोमवार: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि इस बार 2024 में सावन महीने में पांच सोमवार पड़ रहे हैं. पहला सावन सोमवार 22 जुलाई को, दूसरा 29 जुलाई को, तीसरा 5 अगस्त को, चौथा 12 अगस्त और पांचवां 19 अगस्त को है. 19 अगस्त को सावन सोमवार व्रत के साथ श्रावण महीने का समापन हो जाएगा. सावन महीने की शुरुआत सावन महीने की प्रतिपदा से होती है. जो 21 जुलाई को दोपहर बाद 3:46 से शुरू हो रही है.

भोलेनाथ को करें प्रसन्न: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है. सावन के महीने में सोमवार का सबसे ज्यादा महत्व होता है. क्योंकि इस दिन भगवान भोलेनाथ के भगत व्रत रखते हैं. सावन के महीने में जो भी इंसान सोमवार का व्रत करता है, उस पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है. भोलेनाथ उन पर प्रसन्न हो जाते हैं.

भगवान भोलेनाथ की बरसेगी कृपा: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की भी पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व होता है. जो कुंवारी कन्या सोमवार का व्रत करती है, उसको मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. जो विवाहित महिला सोमवार का व्रत करती है, उसके परिवार और उसके पति पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है.

सावन महीने का महत्व: सावन महीने में विशेष तौर पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. क्योंकि यह भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना होता है. भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. इसी तरह जो भी इंसान सावन के महीने में आने वाले सोमवार के दिन व्रत करता है. भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करता है. उसको मनचाहा वर या वधू मिलती है.

सुख-शांति के लिए करें व्रत: वहीं, सावन में सोमवार के दिन व्रत करने से इंसान की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत बन जाती है. राहु केतु का अशुभ प्रभाव भी दूर होता है. वहीं, जिस इंसान की शादी नहीं होती या फिर किसी भी प्रकार का वैवाहिक सुख प्राप्त नहीं हो रहा वह इंसान सावन के महीने में आने वाले सोमवार के दिन व्रत करें और भगवान भोलेनाथ की आराधना करें, उससे उनका वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है. 22 जुलाई के दिन सावन के महीने की शुरुआत हो रही है. पहले ही दिन सोमवार से इस महीने की शुरुआत होगी. सावन का इसमें और भी महत्वता बढ़ जाता है कि सावन के पहले ही दिन सोमवार को सिद्धि योग आयुष्मान योग और प्रीति योग भी बन रहा है.

सावन के महीने में प्रमुख व्रत व त्यौहार:

22 जुलाई - सावन का पहला सोमवार

23 जुलाई - पहला मंगला गौरी व्रत, पंचक

24 जुलाई - गजानन संकष्टी चतुर्थी

27 जुलाई - कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

29 जुलाई - दूसरा सावन सोमवार व्रत

30 जुलाई - दूसरा मंगला गौरी व्रत

31 जुलाई - कामिका एकादशी

5 अगस्त - सावन का तीसरा सोमवार

6 अगस्त - मंगला गौरी व्रत

7 अगस्त - हरियाली तीज

8 अगस्त - विनायक चतुर्थी

9 अगस्त - नाग पंचमी

12 अगस्त - सावन का चौथा सोमवार व्रत

13 अगस्त - मंगला गौरी व्रत

16 अगस्त - पुत्रदा एकादशी व्रत

19 अगस्त- रक्षाबंधन, सावन का पांचवा सोमवार, श्रावण पूर्णिमा व्रत और इसके साथ ही सावन महीने का समापन हो जाएगा.

भूलकर भी न करें ये काम: सावन के महीने में बाल मूंछ दाढ़ी नहीं कटवाने चाहिए. सावन के महीने में हरे पत्तेदार सब्जियां दूध दही और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. सावन के महीने में भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन न करें. सावन के महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. सावन के महीने में प्याज और लहसुन का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता. सावन के महीने में अगर कोई इंसान सोमवार के व्रत करना शुरू कर देता है, तो वह पूरे सावन के महीने सभी सोमवार के व्रत करें. अगर कोई बीच में छोड़ना है, तो उससे भी भगवान भोलेनाथ रुष्ट हो जाते हैं. अगर किसी मजबूरी वश व्रत नहीं कर सकते तो पहले भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करें और माफी मांगे तब व्रत करना छोड़ दें.

ये भी पढ़ें: 30 साल बाद न्याय करने आ रहे शनि, खुलेंगे इन 3 राशियों की किस्मत के ताले - Shani ka Rashi Parivartan

ये भी पढ़ें: योगनिद्रा में जा रहे जगत पालनहार भगवान विष्णु, जानिये आषाढ़ी एकादशी पर कैसी होगी पूजा विधि - ashadi ekadashi 2024

करनाल: हिंदू कैलेंडर के अनुसार इन दिनों आषाढ़ महीना चल रहा है. आषाढ़ महीने के बाद सावन का महीना आएगा, जो भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना माना जाता है. सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है. जबकि इसका समापन 19 अगस्त को होगा. साल के सभी 12 महीनों में सावन का महीना सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है. क्योंकि यह भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है.इस महीने के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना की जाती है. जो भी इंसान विधिवत रूप से भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. वहीं, सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने के दौरान भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.

इस बार सावन में होंगे 5 सोमवार: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि इस बार 2024 में सावन महीने में पांच सोमवार पड़ रहे हैं. पहला सावन सोमवार 22 जुलाई को, दूसरा 29 जुलाई को, तीसरा 5 अगस्त को, चौथा 12 अगस्त और पांचवां 19 अगस्त को है. 19 अगस्त को सावन सोमवार व्रत के साथ श्रावण महीने का समापन हो जाएगा. सावन महीने की शुरुआत सावन महीने की प्रतिपदा से होती है. जो 21 जुलाई को दोपहर बाद 3:46 से शुरू हो रही है.

भोलेनाथ को करें प्रसन्न: हिंदू धर्म में प्रत्येक व्रत व त्यौहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है. इसलिए सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है. सावन के महीने में सोमवार का सबसे ज्यादा महत्व होता है. क्योंकि इस दिन भगवान भोलेनाथ के भगत व्रत रखते हैं. सावन के महीने में जो भी इंसान सोमवार का व्रत करता है, उस पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है. भोलेनाथ उन पर प्रसन्न हो जाते हैं.

भगवान भोलेनाथ की बरसेगी कृपा: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के साथ माता पार्वती की भी पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व होता है. जो कुंवारी कन्या सोमवार का व्रत करती है, उसको मनचाहा जीवनसाथी मिलता है. जो विवाहित महिला सोमवार का व्रत करती है, उसके परिवार और उसके पति पर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है.

सावन महीने का महत्व: सावन महीने में विशेष तौर पर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. क्योंकि यह भगवान भोलेनाथ का प्रिय महीना होता है. भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धि आती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. इसी तरह जो भी इंसान सावन के महीने में आने वाले सोमवार के दिन व्रत करता है. भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा अर्चना करता है. उसको मनचाहा वर या वधू मिलती है.

सुख-शांति के लिए करें व्रत: वहीं, सावन में सोमवार के दिन व्रत करने से इंसान की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत बन जाती है. राहु केतु का अशुभ प्रभाव भी दूर होता है. वहीं, जिस इंसान की शादी नहीं होती या फिर किसी भी प्रकार का वैवाहिक सुख प्राप्त नहीं हो रहा वह इंसान सावन के महीने में आने वाले सोमवार के दिन व्रत करें और भगवान भोलेनाथ की आराधना करें, उससे उनका वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है. 22 जुलाई के दिन सावन के महीने की शुरुआत हो रही है. पहले ही दिन सोमवार से इस महीने की शुरुआत होगी. सावन का इसमें और भी महत्वता बढ़ जाता है कि सावन के पहले ही दिन सोमवार को सिद्धि योग आयुष्मान योग और प्रीति योग भी बन रहा है.

सावन के महीने में प्रमुख व्रत व त्यौहार:

22 जुलाई - सावन का पहला सोमवार

23 जुलाई - पहला मंगला गौरी व्रत, पंचक

24 जुलाई - गजानन संकष्टी चतुर्थी

27 जुलाई - कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी

29 जुलाई - दूसरा सावन सोमवार व्रत

30 जुलाई - दूसरा मंगला गौरी व्रत

31 जुलाई - कामिका एकादशी

5 अगस्त - सावन का तीसरा सोमवार

6 अगस्त - मंगला गौरी व्रत

7 अगस्त - हरियाली तीज

8 अगस्त - विनायक चतुर्थी

9 अगस्त - नाग पंचमी

12 अगस्त - सावन का चौथा सोमवार व्रत

13 अगस्त - मंगला गौरी व्रत

16 अगस्त - पुत्रदा एकादशी व्रत

19 अगस्त- रक्षाबंधन, सावन का पांचवा सोमवार, श्रावण पूर्णिमा व्रत और इसके साथ ही सावन महीने का समापन हो जाएगा.

भूलकर भी न करें ये काम: सावन के महीने में बाल मूंछ दाढ़ी नहीं कटवाने चाहिए. सावन के महीने में हरे पत्तेदार सब्जियां दूध दही और बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. सावन के महीने में भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन न करें. सावन के महीने में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. सावन के महीने में प्याज और लहसुन का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता. सावन के महीने में अगर कोई इंसान सोमवार के व्रत करना शुरू कर देता है, तो वह पूरे सावन के महीने सभी सोमवार के व्रत करें. अगर कोई बीच में छोड़ना है, तो उससे भी भगवान भोलेनाथ रुष्ट हो जाते हैं. अगर किसी मजबूरी वश व्रत नहीं कर सकते तो पहले भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करें और माफी मांगे तब व्रत करना छोड़ दें.

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