सवाई माधोपुर: रणथंभौर नेशनल पार्क से सटे उलियाना गांव के एक खेत में शनिवार शाम टाइगर द्वारा एक ग्रामीण को मौत के घाट उतारने के लगभग 21 घंटे बाद रविवार को पटाक्षेप हो गया. घटना के बाद से ही ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति जबरदस्त आक्रोश व्याप्त था और ग्रामीण शव को लेकर सड़क पर जाम लगाकर बैठे हुए थे. जिसके कारण सवाई माधोपुर-कुंडेरा मार्ग लगभग 20 घंटे तक जाम रहा.
पूर्व रावल सरपंच पृथ्वीराज मीणा के अनुसार टाइगर T-86 ने खेत में बकरी चरा रहे उलियाना निवासी भरत लाल मीणा पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया. ग्रामीण को मारने के बाद टाइगर उसके शव के पास काफी देर तक बैठा रहा. ग्रामीणों ने मशक्कत कर टाइगर को भगाया और शव को अपने कब्जे में लिया.
इसके बाद ग्रामीण बेहद आक्रोशित हुए और शव लेकर सड़क पर आ गए. ग्रामीणों की मांगों पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सहमति नहीं बनी. जिसके बाद 21 घंटे तक गतिरोध बना रहा. इसके बाद दौसा से कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा धरनास्थल पर पहुंचे और मृतक के परिजनों तथा ग्रामीणों से वार्ता कर घटना की जानकारी ली और मांगें सुनी. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों और सरकार के आला अधिकारियों से वार्ता करने के बाद 10 लाख रुपये वन विभाग के द्वारा तथा 5 लाख रुपये किरोड़ी लाल मीणा द्वारा देना तय हुआ.
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कुल मिलाकर मृतक के आश्रित को 15 लाख रुपये की नकद आर्थिक सहायता देने, एक आश्रित को नेचर गाइड की नौकरी और घटना में लापरवाही बरतने वाले फॉरेस्टर मंगल सिंह को निलंबित करने तथा उपवंत संरक्षक रामानंद व सीसीएफ अनूप के आर को हटाने को लेकर ग्रामीणों से सहमति बनी. डीएफओ तथा सीसीएफ को हटाने के मामले में किरोड़ी ने कहा कि वे मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे, तब तक ग्रामीण जमुल खेड़ा चौक में रोजाना सांकेतिक धरना देंगे.
सभी मांगों पर कमोबेश सहमति बनने के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त किया. मौका स्थल पर ही मेडिकल टीम द्वारा मृतक का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया गया. समूचे घटनाक्रम के दौरान एहतियातन अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहा.