पंचकूला: शुक्रवार को पंचकूला में राज्य स्तरीय पंचायत सम्मेलन हुआ. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने 2400 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की घोषणा की. इसके अलावा प्रदेश की 1861 ग्राम पंचायतों को एससी/बीसी चौपालों की मरम्मत या अधूरी पड़ी चौपालों को पूरा करने के लिए अनुदान के तौर पर एक क्लिक से 118 करोड़ 47 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
हरियाणा के सीएम की सरपंचों को सौगात: मुख्यमंत्री ने पंचायती राज प्रतिनिधियों की पेंशन में बढ़ोतरी करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कहा कि सभी सरपंच अपने-अपने गांव के विकास के लिए कार्य करवाने हेतु रोड-मैप बनाएं, धन की कतई कमी नहीं रहने दी जाएगी. सरपंच पंचायत में प्रस्ताव पास करके अपने क्षेत्र के विधायकों को भेज दें, बिना रोक-टोक काम करवाया जाएगा.
आज पंचकूला में आयोजित राज्य स्तरीय पंचायत-सम्मलेन में पंचायतीराज संस्थाओं को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की।
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) July 12, 2024
पंचायती राज को मजबूत करना और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देना ही भाजपा और प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी का ध्येय है।पीछले 10 वर्षों में भाजपा सरकार ने… pic.twitter.com/TBxz2ausuU
पंचायती राज प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया: मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पहली सरकार है. जिसने पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में ना केवल बढ़ोतरी की है, बल्कि प्रतिनिधियों को पेंशन देना हमने ही शुरू किया है. मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जिला परिषद अध्यक्ष को दी जाने वाली पेंशन को दो हजार से बढ़ाकर तीन हजार कर दिया है. इस प्रकार, उपाध्यक्ष की पेंशन को एक हजार से बढ़ाकर 1500 रुपये की है.
'मांगों पर किया जाएगा विचार': पंचायत समिति अध्यक्ष की पेंशन को 1500 रुपये से बढ़ाकर 2250 रुपये, उपाध्यक्ष की पेंशन को 750 रुपये से बढ़ाकर 1125 रुपये तथा सरपंच की पेंशन एक हजार रुपये बढ़ाकर 1500 रुपये कर दी है. मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सरपंचों की जो भी उचित मांगें होंगी. उन पर भी विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि "पंचायतें भारतीय लोकतंत्र का आधार-स्तम्भ हैं. जिनकी मजबूती में ही नए भारत की समृद्धि निहित है."
आज पंचायती राज के भूतपूर्व प्रतिनिधियों की पेंशन में डेढ़ गुना बढ़ौतरी की घोषणा की।साथ ही जिला परिषदों के अध्यक्ष की पेंशन को 2000 रूपए से बढाकर 3000 रूपए किया।जिला परिषदों के उपाध्यक्षों की पेंशन को भी 1000 रूपए से बढाकर 1500 रूपए करने की घोषणा की।पंचायत समिति के अध्यक्षों का… pic.twitter.com/bxae9NMfEO
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सीएम सैनी ने कांग्रेस पर साधा निशाना: उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले की सरकार अगर किसी गांवों के विकास के लिए एक बार 5 लाख रुपये की घोषणा कर देती थी, तो उसका 6 महीने तक केवल ढिंढोरा पीटती थी. जबकि काम होते ही नहीं थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने तो 5-5 लाख रुपये अनगिनत बार गांव को दिए हैं. जिससे गांवों की तस्वीर ही बदल गई है. मुख्यमंत्री ने पूर्व की सरकारों के साथ वर्तमान सरकार की तुलना करते हुए बताया कि वर्ष 2014 से पहले पंचायतों के लिए राज्य वित्त आयोग का अनुदान 600 करोड़ रुपये था, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये अनुदान बढाकर 2968 करोड़ रुपये कर दिया है.