नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में संविधान पर चर्चा गर्म है. गुरुवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी बाबा साहब अंबेडकर का संविधान खत्म करना चाहती है. बीजेपी आरएसएस का संविधान लागू करना चाहती है. अगर संविधान खत्म हुआ तो आरक्षण, किसान, युवा, महिलाओं के अधिकार खत्म हो जाएंगे.
राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि लोगों के मन में यह बात मजबूत हो रही है कि 2024 का चुनाव आखिरी होगा और इसके बाद गलती से अगर बीजेपी सरकार आ गई तो देश का संविधान बदल देंगे, चुनाव खत्म कर देंगे, आरक्षण खत्म कर देंगे और महिलाओं के अधिकार खत्म कर देंगे.
संजय सिंह ने कहा कि गृह मंत्री ये बयान भी दे चुके हैं कि ''बीजेपी 50 साल तक राज करेगी. ये विचार उनके मन में कहां से आया. क्या योजना है उनके दिमाग में. चुनाव कौन जीतेगा कौन हारेगा यह जनता तय करती है तो 50 साल तक बीजेपी राज करेगी ये देश के गृह मंत्री अमित शाह बोलते हैं. आरएसएस के प्रमुख मोहन वैद्य का 2017 का बयान है कि देश से आरक्षण खत्म होना चाहिए. आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए. ''
संजय सिंह ने ये भी आरोप लगाया कि ''बीजेपी वो संविधान लागू करना चाहती है, जिसे आरएसएस के प्रमुख लिखते हैं. बाबा साहब अंबेडकर के लिखे गए संविधान में बीजेपी की आस्था नहीं है. प्रधानमंत्री ने कितने अंहकार में कहा कि खुद बाबा साहब आ जाएं तो संविधान नहीं बदल सकते. किस बात का चैलेंज कर रहे हैं. उन्होंने संविधान के रूप में एक बच्चे को जन्म दिया वह उसका कत्ल या बदलाव क्यों करेंगे. इसका मतलब बदलाव की मंशा भाजपा व आरएसएस के मन मे हैं.''
संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी आज समस्याओं पर बात नहीं कर रहे हैं. घूम घूमकर 400 सीट मांग रहे हैं. इनके सांसद खुलेआम कहते हैं कि 400 सीट दे दो संविधान बदलना है. मेरठ से पीएम मोदी के करीबी लोकसभा प्रत्याशी अरुण गोबिल सीधे कह रहे हैं कि संविधान बदलना है. संविधान बदलने से क्या मंशा है. बीजेपी नागपुर का आरएसएस का संविधान लागू करना चाहती हैं. बाबा साहब के संविधान को खत्म नहीं करने देंगे. हम जान की बाजी लगाकर लड़ेंगे. मोहन वैद्य कहते हैं कि आरक्षण देना अलगाव की प्रक्रिया है. लेकिन हमें तो देश के निर्माताओं ने सिखाया कि आरक्षण देना विशेष अवसर का सिद्धांत है. समाज के शोषित व वंचित लोगों को आगे बढ़ाने का प्रयास है.
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बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना
संजय सिंह ने कहा कि हमने देखा कि 2014 में, 2019 में अंदर बीजेपी ने किस तरह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना और अपने फायदे के लिए ससंद से आदेश को पलट दिया. दिल्ली सरकार को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों द्वारा दिए गए अधिकार को छीन लिया गया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव आयुक्त की नियुक्ति में मुख्य न्यायधीश को रखने के मामले को संसद के अंदर बदल दिया गया. यदि ये लोग सत्ता में आए तो कुछ भी करेंगे.
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