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संजौली मस्जिद विवाद: वाम दल और सहयोगियों का सद्भावना मार्च आज, देवभूमि संघर्ष समिति का सवाल, प्राची राणा का गला रेता, तब कहां थी सद्भावना? - Sanjauli Masjid Controversy

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 10 hours ago

Left Parties Sadbhavna March in Shimla: शिमला में संजौली मस्जिद विवाद को लेकर आज वामपंथी संगठन अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सद्भावना मार्च निकालेंगे. जिसको लेकर देवभूमि संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं. समिति ने कहा कि जब प्राची राणा का गला काटा गया था तो तब क्यों नहीं ये सद्भावना मार्च निकाला गया.

Left Parties Sadbhavna March in Shimla
संजौली मस्जिद विवाद मामला (ETV Bharat)

शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के बाद से हिमाचल में माहौल तनावपूर्ण है. वामपंथी संगठन अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शुक्रवार को शिमला में सद्भावना मार्च निकालने जा रहा है. वहीं, मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने और प्रवासियों के पंजीकरण को लेकर आंदोलनरत देवभूमि संघर्ष समिति ने इस सद्भावना मार्च पर सवाल उठाए हैं. देवभूमि संघर्ष समिति की तरफ से कहा गया है कि जब ऊना जिले में नाबालिग लड़की प्राची राणा का गला काट कर हत्या कर दी थी, तब ये सद्भावना मार्च क्यों नहीं निकाला गया.

फिलहाल, शुक्रवार को वाम संगठन शिमला में सद्भावना मार्च निकाल रहे हैं. शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी के बैनर तले वाम संगठन व उनके सहयोगी आज यानी शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे शिमला में डीसी ऑफिस के पास जुटेंगे. मार्च में रिटायर्ड आईएएस दीपक सानन, रिटायर्ड न्यायाधीश राजीव शर्मा व वीके शर्मा सहित रिटायर्ड आईएफएस कुलदीप सिंह तंवर, पूर्व एमएलए राकेश सिंघा, पूर्व मेयर व डिप्टी मेयर सहित अन्य लोग शामिल होंगे. इन सभी ने शिमला की आम जनता से अपील की है कि वे शांति मार्च का हिस्सा बने. शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी के नाम से पर्चे भी आम जनता में बांटे गए हैं. कहा गया है कि शिमला में माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. दो लोगों के आपसी झगड़े को दो समुदायों के बीच विवाद का रूप देकर माहौल बिगाड़ा जा रहा है. इससे पर्यटन को नुकसान हो रहा है और प्रदेश की छवि खराब हो रही है.

देवभूमि संघर्ष समिति ने उठाए सवाल

वाम दलों के शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी बैनर तले आयोजित किए जा रहे शांति व सद्भावना मार्च पर देवभूमि संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं. संघर्ष समिति ने कहा है कि जब ऊना में नाबालिग प्रार्ची राणा का गला रेत कर उसकी हत्या की गई थी, तब ये सद्भावना कहां थी? साथ ही समिति ने मनोहर हत्याकांड, राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड व दलित स्कूली छात्र की चाकू मार कर हत्या कर देने वाले मामले को उठाकर पूछा है कि उस समय सद्भावना रैली क्यों नहीं की गई? वहीं, देवभूमि संघर्ष समिति भी शनिवार को प्रवासियों के पंजीकरण व अवैध मस्जिदों के निर्माण का मुद्दा उठाते हुए विरोध प्रदर्शन करेगी. उधर, संजौली की मस्जिद में शोएब जमई के आने और वीडियो बनाने के मामले के बाद उपजे तनाव के बीच शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा में मस्जिद में नमाज होगी. नमाज में प्रवेश आधार कार्ड देखकर दिया जाएगा.

मल्याणा में हुआ झगड़ा बदला बवाल में

अगस्त महीने के आखिर में संजौली से कुछ ही दूर एक अन्य उपनगर मल्याणा में दो समुदायों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था. उस मारपीट के बाद समुदाय विशेष के आरोपी मस्जिद में आकर छिप गए थे, ऐसा आरोप मल्याणा के एक वार्ड के पार्षद नीटू ठाकुर व अन्य लोगों ने लगाया था. तब मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग हुई. उसके बाद 11 सितंबर को संजौली में देवभूमि संघर्ष समिति ने भारी विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था. लाठीचार्ज से भडक़े हिंदू संगठनों ने प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शनों की झड़ी लगा दी. उधर, एमसी शिमला की रेवेन्यू कोर्ट में मस्जिद की अवैध मंजिलों को लेकर सुनवाई हुई और 5 अक्टूबर की अगली तारीख को फिर से मामला लगा हुआ है. समिति मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को गिराने की मांग कर रही है. वहीं, वाम दलों का कहना है कि फैसला कोर्ट में होगा न कि सड़कों पर. इस बीच, आज सद्भावना मार्च का आयोजन किया जा रहा है, जिस पर संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं. तनाव को देखते हुए पुलिस बलों को अतिरिक्त चौकसी के निर्देश दिए गए हैं.

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शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के बाद से हिमाचल में माहौल तनावपूर्ण है. वामपंथी संगठन अपने सहयोगियों के साथ मिलकर शुक्रवार को शिमला में सद्भावना मार्च निकालने जा रहा है. वहीं, मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने और प्रवासियों के पंजीकरण को लेकर आंदोलनरत देवभूमि संघर्ष समिति ने इस सद्भावना मार्च पर सवाल उठाए हैं. देवभूमि संघर्ष समिति की तरफ से कहा गया है कि जब ऊना जिले में नाबालिग लड़की प्राची राणा का गला काट कर हत्या कर दी थी, तब ये सद्भावना मार्च क्यों नहीं निकाला गया.

फिलहाल, शुक्रवार को वाम संगठन शिमला में सद्भावना मार्च निकाल रहे हैं. शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी के बैनर तले वाम संगठन व उनके सहयोगी आज यानी शुक्रवार को पूर्वाह्न 11 बजे शिमला में डीसी ऑफिस के पास जुटेंगे. मार्च में रिटायर्ड आईएएस दीपक सानन, रिटायर्ड न्यायाधीश राजीव शर्मा व वीके शर्मा सहित रिटायर्ड आईएफएस कुलदीप सिंह तंवर, पूर्व एमएलए राकेश सिंघा, पूर्व मेयर व डिप्टी मेयर सहित अन्य लोग शामिल होंगे. इन सभी ने शिमला की आम जनता से अपील की है कि वे शांति मार्च का हिस्सा बने. शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी के नाम से पर्चे भी आम जनता में बांटे गए हैं. कहा गया है कि शिमला में माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है. दो लोगों के आपसी झगड़े को दो समुदायों के बीच विवाद का रूप देकर माहौल बिगाड़ा जा रहा है. इससे पर्यटन को नुकसान हो रहा है और प्रदेश की छवि खराब हो रही है.

देवभूमि संघर्ष समिति ने उठाए सवाल

वाम दलों के शिमला फॉर पीस एंड हार्मनी बैनर तले आयोजित किए जा रहे शांति व सद्भावना मार्च पर देवभूमि संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं. संघर्ष समिति ने कहा है कि जब ऊना में नाबालिग प्रार्ची राणा का गला रेत कर उसकी हत्या की गई थी, तब ये सद्भावना कहां थी? साथ ही समिति ने मनोहर हत्याकांड, राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड व दलित स्कूली छात्र की चाकू मार कर हत्या कर देने वाले मामले को उठाकर पूछा है कि उस समय सद्भावना रैली क्यों नहीं की गई? वहीं, देवभूमि संघर्ष समिति भी शनिवार को प्रवासियों के पंजीकरण व अवैध मस्जिदों के निर्माण का मुद्दा उठाते हुए विरोध प्रदर्शन करेगी. उधर, संजौली की मस्जिद में शोएब जमई के आने और वीडियो बनाने के मामले के बाद उपजे तनाव के बीच शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा में मस्जिद में नमाज होगी. नमाज में प्रवेश आधार कार्ड देखकर दिया जाएगा.

मल्याणा में हुआ झगड़ा बदला बवाल में

अगस्त महीने के आखिर में संजौली से कुछ ही दूर एक अन्य उपनगर मल्याणा में दो समुदायों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था. उस मारपीट के बाद समुदाय विशेष के आरोपी मस्जिद में आकर छिप गए थे, ऐसा आरोप मल्याणा के एक वार्ड के पार्षद नीटू ठाकुर व अन्य लोगों ने लगाया था. तब मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग हुई. उसके बाद 11 सितंबर को संजौली में देवभूमि संघर्ष समिति ने भारी विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था. लाठीचार्ज से भडक़े हिंदू संगठनों ने प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शनों की झड़ी लगा दी. उधर, एमसी शिमला की रेवेन्यू कोर्ट में मस्जिद की अवैध मंजिलों को लेकर सुनवाई हुई और 5 अक्टूबर की अगली तारीख को फिर से मामला लगा हुआ है. समिति मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को गिराने की मांग कर रही है. वहीं, वाम दलों का कहना है कि फैसला कोर्ट में होगा न कि सड़कों पर. इस बीच, आज सद्भावना मार्च का आयोजन किया जा रहा है, जिस पर संघर्ष समिति ने सवाल उठाए हैं. तनाव को देखते हुए पुलिस बलों को अतिरिक्त चौकसी के निर्देश दिए गए हैं.

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