सागर। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर के प्राचीन और ऐतिहासिक जल स्रोतों का संरक्षण और पुनर्विकास किया जा रहा है. इसी कड़ी में लाखा बंजारा झील का जीर्णोद्धार और पुनर्विकास का कार्य किया गया है. झील में मिलने वाले नालों को टैप कर झील के पानी को साफ रखने का प्रयास किया गया है. लाखा बंजारा झील के पास नवनिर्मित वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह बनकर तैयार है. इसे डब्ल्यू डब्ल्यू टीपी के माध्यम से झील किनारे नाला टैपिंग कर शहर के गंदे पानी को वैज्ञानिक पद्धिति से ट्रीटमेंट कर फिर से उपयोगी बनाया जायेगा.
झील किनारे पहुंचता है 20 वार्डों का गंदा पानी
शहर के 20 से अधिक वार्डों से बहकर बड़ी मात्रा में गंदा पानी झील के किनारे चारों ओर एकत्रित होता है. इसी गंदे पानी को स्मार्ट सिटी के जल संवर्धन और संरक्षण के प्रयास से फिर उपयोग में लिया जा सकेगा. रोजाना करीब 4 एमएलडी गंदे पानी का ट्रीटमेंट कर उपयोगी बनाया जायेगा. जिससे शहर में किये गये पौधरोपण स्थलों में सिंचाई, साफ-सफाई धुलाई जल की बड़ी मात्रा में आपूर्ति संभव होगी. जरूरत पड़ने पर अग्निशमन वाहनों, टेंकरों को भी इसी पानी से भरकर आग बुझाने में उपयोग किया जा सकेगा. वॉटर ट्रीटमेंट के बाद जो स्लज निकलेगा, वह खाद के रूप में उपयोगी होगा. वेस्ट वॉटर के ट्रीटमेंट से निकले साफ पानी और स्लज की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए लैब की भी स्थापना की गई है.
ऐसे काम करेगा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट
प्लांट में 1 कलेक्शन चेंबर, एक संपवेल, 2 एसबीआर टैंक बनाने सहित इलेक्ट्रोमेकेनिकल मशीनरी लगाई गयी है. 4 एमएलडी क्षमता का ट्रीटमेंट प्लांट एसबीआर टेक्नोलॉजी पर कार्य करेगा. झील किनारे नाला टैपिंग कर बिछाई गई पाइप लाइन के मोंगा बधान के छोरों को प्लांट के कलेक्शन चेंबर से जोड़ा जायेगा. नालों का गंदा पानी कलेक्शन चेम्बर से होते हुए संपवेल में इकट्ठा होगा. जहां लगी डिस्ट्रॉयटर और क्लासिफायर छलनियों से मोटा कचरा अलग होगा और संपवेल से एसबीआर-1 और एसबीआर-2 में मिट्टी और दूसरे घुलनशील पदार्थो वाला गंदा पानी डाला जायेगा.
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इस तरह साफ होगा पानी
एसबीआर की पद्धति के तहत 4-4 घंटे की प्रोसेस में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ने पर एंजाइम पानी को साफ करने का कार्य करते हैं. पानी में घुला कचरा और दूसरे हानिकारक पदार्थ टैंक की तली में बैठ जाते हैं. निश्चित समय के बाद एसबीआर टैंक से ऊपर के साफ पानी को डिकेन्डर द्वारा निकालकर फ़िल्टरेशन टैंक में जमा किया जाता है. इसके बाद प्रयोगशाला में जांच कर साफ पानी का फिर उपयोग किया जा सकता है. एसबीआर टैंक की तली में जमा स्लज को स्लज टैंक में निकालकर खाद आदि मैन्योर के रूप में उपयोग किया जा सकेगा.