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हत्यारे मामा को आजीवन कारावास, तीन साल के भांजे को उतारा था मौत के घाट - तीन साल के भांजे की हत्या

life imprisonment for murder case उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में मई साल 2016 में भांजे की हत्या करने वाले व्यक्ति को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. दोषी ने इस हत्याकांड में अपने नाबालिग बच्चे को भी शामिल किया था.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 1, 2024, 7:00 PM IST

रुद्रपुर: तीन साल के बच्चे की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय उधमसिंह नगर ने आज एक मार्च को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तीन साल के बच्चे की हत्या के लिए आरोपी मामा को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक कुमार अरोरा ने बताया कि 3 मई 2016 को रजनेश निवासी गूलरभोज ने गदरपुर थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में पीड़िता ने बताया था कि उसका तीन साल का बेटा शाम को सात बजे अचानक घर से गायब हो गया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की.

11 मई 2016 को थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मृतक के मामा रमेश निवासी ग्राम गिजपुरा थाना स्वार जनपद रामपुर यूपी और उसके नाबालिक बेटे को गिरफ्तार किया गया. दोषियों की निशानदेही पर पुलिस ने तीन वर्षीय अंश का शव गड्ढे से बरामद किया.

पूछताछ में दोषी ने बताया कि उसकी बहन की शादी गूलरभोज गदरपुर में हुई थी. उसका जीजा रजनेश रेलवे में काम करता था. 3 मई 2016 को रजनेश के भाई की शादी की सालगिरह की पार्टी थी. इस पार्टी में रमेश की पत्नी और बेटा भी गया था.

रमेश का कहना है कि उसको चर्म रोग है, जिस कारण उसके जीजा के घरवाले अक्सर उसका तिरिस्कार करते थे. इसी का बदला लेने के लिए रमेश पार्टी वाली रात साइकिल से गूलरभोज पहुंचा और भांजे अंश को उठाकर घर ले आया.

रात में जब बच्चा रोने लगा तो रमेश ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उसे खेत में ले गया. खेत में जाने के बाद जब रमेश ने बच्चे के मुंह में से कपड़ा हटाया तो उसकी मौत हो चुकी थी. बच्चे की मौत से रमेश घबरा गया. अपने जुर्म पर पर्दा डालने के लिए रमेश ने बेटे से फवड़ा मंगवाकर बच्चे का शव वहीं पर दफना दिया.

वहीं, जब उसकी पत्नी पार्टी से घर लौटी तो उसने बताया कि रजनेश ने अंश की सूचना देने वाले व्यक्ति को अच्छी खासी रकम देने की बात कही है, जिसके बाद उसके मन में लालच आ गया. इसके बाद रमेश और उसके बेटे ने रजनेश से पैसे ऐठने की योजना बनाई. रमेश गूलरभोज भी गया और भांजे अंश को ढूढने का नाटक भी किया.

योजना के मुताबिक 9 मई को रमेश के बेटे ने रजनेश को फोन किया और 10 लाख रुपए की डिमांड भी की. साथ ही पुलिस को सूचना न देने की धमकी भी दी. इसके बाद भी रजनेश ने पुलिस को फिरौती की बात बता दी गई. घबरा कर दोषियों ने मोबाइल और सिम को जला दिया गया था, लेकिन पुलिस के शक की सुई उन तक पहुंच गई थी, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को घर से गिरफ्तार कर लिया था.

तभी से मामला जिला न्यायालय की प्रथम अपर जिला सत्र न्यायालय कोर्ट में चल रहा था, जबकि नाबालिक बेटे का मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा था. गुरुवार को भांजे की हत्या के मामले में प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने आरोपी रमेश को आजीवन कारावास और 60 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

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रुद्रपुर: तीन साल के बच्चे की हत्या के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय उधमसिंह नगर ने आज एक मार्च को बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने तीन साल के बच्चे की हत्या के लिए आरोपी मामा को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोषी पर 60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक कुमार अरोरा ने बताया कि 3 मई 2016 को रजनेश निवासी गूलरभोज ने गदरपुर थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में पीड़िता ने बताया था कि उसका तीन साल का बेटा शाम को सात बजे अचानक घर से गायब हो गया था. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की.

11 मई 2016 को थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मृतक के मामा रमेश निवासी ग्राम गिजपुरा थाना स्वार जनपद रामपुर यूपी और उसके नाबालिक बेटे को गिरफ्तार किया गया. दोषियों की निशानदेही पर पुलिस ने तीन वर्षीय अंश का शव गड्ढे से बरामद किया.

पूछताछ में दोषी ने बताया कि उसकी बहन की शादी गूलरभोज गदरपुर में हुई थी. उसका जीजा रजनेश रेलवे में काम करता था. 3 मई 2016 को रजनेश के भाई की शादी की सालगिरह की पार्टी थी. इस पार्टी में रमेश की पत्नी और बेटा भी गया था.

रमेश का कहना है कि उसको चर्म रोग है, जिस कारण उसके जीजा के घरवाले अक्सर उसका तिरिस्कार करते थे. इसी का बदला लेने के लिए रमेश पार्टी वाली रात साइकिल से गूलरभोज पहुंचा और भांजे अंश को उठाकर घर ले आया.

रात में जब बच्चा रोने लगा तो रमेश ने उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उसे खेत में ले गया. खेत में जाने के बाद जब रमेश ने बच्चे के मुंह में से कपड़ा हटाया तो उसकी मौत हो चुकी थी. बच्चे की मौत से रमेश घबरा गया. अपने जुर्म पर पर्दा डालने के लिए रमेश ने बेटे से फवड़ा मंगवाकर बच्चे का शव वहीं पर दफना दिया.

वहीं, जब उसकी पत्नी पार्टी से घर लौटी तो उसने बताया कि रजनेश ने अंश की सूचना देने वाले व्यक्ति को अच्छी खासी रकम देने की बात कही है, जिसके बाद उसके मन में लालच आ गया. इसके बाद रमेश और उसके बेटे ने रजनेश से पैसे ऐठने की योजना बनाई. रमेश गूलरभोज भी गया और भांजे अंश को ढूढने का नाटक भी किया.

योजना के मुताबिक 9 मई को रमेश के बेटे ने रजनेश को फोन किया और 10 लाख रुपए की डिमांड भी की. साथ ही पुलिस को सूचना न देने की धमकी भी दी. इसके बाद भी रजनेश ने पुलिस को फिरौती की बात बता दी गई. घबरा कर दोषियों ने मोबाइल और सिम को जला दिया गया था, लेकिन पुलिस के शक की सुई उन तक पहुंच गई थी, जिसके बाद पुलिस ने दोनों को घर से गिरफ्तार कर लिया था.

तभी से मामला जिला न्यायालय की प्रथम अपर जिला सत्र न्यायालय कोर्ट में चल रहा था, जबकि नाबालिक बेटे का मामला जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा था. गुरुवार को भांजे की हत्या के मामले में प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने आरोपी रमेश को आजीवन कारावास और 60 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है.

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