जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में 19 जून को दीक्षांत समारोह आयोजित होगा दीक्षांत समारोह से पहले पुलिस प्रशासन की ओर से कई छात्र नेताओं को पाबंद करवाया गया है. छात्र नेताओं की ओर से धरने प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए कार्यपालक मजिस्ट्रेट जयपुर ईस्ट की ओर से नोटिस देकर 6 महीने के लिए पाबंद किया गया है. 19 जून को सुबह 10:00 बजे कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष उपस्थित होने का आदेश जारी किया गया है.
एनएसयूआई छात्र नेता महेश चौधरी के मुताबिक राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र नेताओं के धरने-प्रदर्शन के डर से प्रदर्शन से पहले ही छात्र नेताओं को 6 महीने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से पाबंद करवाया गया है. एनएसयूआई छात्र नेताओं का कहना है कि राजस्थान विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश में यूजीसी नियमों के विरुद्ध संशोधन कर अपने चाहिता को फायदा दिया जा रहा है. इससे भाई भतीजाबाद को बढ़ावा मिल रहा है.
मेरिट सूची में आने वाले योग्यता वाले ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवाओं का पीएचडी में प्रवेश नहीं हुआ है. इस मामले को लेकर पिछले 1 महीने से एनएसयूआई और विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं की ओर से विरोध किया जा रहा है, लेकिन अभी तक छात्रों से संवाद भी नहीं किया गया. डिप्टी सीएम, शिक्षा मंत्री और सिंडीकेट सदस्यों से मिलने के बाद भी कोई समाधान नहीं हुआ है. आंदोलनरत छात्रों की ओर से राज्यपाल से भी मिलने का समय मांगा गया, लेकिन अभी तक समय नहीं मिला है.
19 जून को आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं की ओर से राज्यपाल से मिलकर विभिन्न समस्याओं के संबंध में अवगत कराने का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन इससे पहले ही छात्र नेताओं को पाबंद किया जा रहा है, जिससे छात्रों और छात्र संगठनों में आक्रोश व्याप्त है. एनएसयूआई छात्र नेता महेश चौधरी, राम सिंह समोता, रामस्वरूप ओला, किशोर चौधरी अमरदीप परिहार, मेघराज गुर्जर समेत अन्य एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को 6 महीने के लिए पाबंद किया गया है.
डीसीपी ईस्ट कावेंद्र सिंह सागर के मुताबिक राजस्थान विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में किसी प्रकार की अशांति नहीं हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की गई है. कार्यक्रम में शांति व्यवस्था को मध्य नजर रखते हुए शांति भंग करने की आशंका को देखते हुए कुछ छात्र नेताओं को पाबंद किया गया है.