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दशहरा उत्सव के तीसरे दिन शाही अंदाज में निकाली राजा की जलेब, जानें क्या है महत्व?

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के तीसरे दिन शाही अंदाज में राजा की जलेब निकाली गई. विभिन्न इलाकों से आए देवता इस जलेब में शामिल हुए.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 5 hours ago

Updated : 5 hours ago

Kullu International Dussehra Festival 2024
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव 2024 (ETV Bharat)

कुल्लू: जिला कुल्लू के ढालपुर में 13 अक्टूबर से अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आगाज हो गया है. इस 7 दिवसीय दशहरा समारोह उत्सव का समापन 19 अक्टूबर को होगा. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के तीसरे दिन शाही अंदाज में राजा की जलेब (भगवान नरसिंह की जलेब) निकाली गई. मंगलवार को जलेब का दूसरा दिन था और आज बुधवार, वीरवार, शुक्रवार को भी शाही अंदाज में राजा की जलेब निकाली जाएगी.

महाराज राजा कोठी के देवता भी रहे मौजूद

दशहरा उत्सव के अवसर पर हर दिन विभिन्न इलाकों से आए देवता राजा की जलेब में शामिल होते हैं. इस दौरान देवता के हरियान नाचते-गाते हुए कुल्लू शहर में भ्रमण करते हैं. वहीं, दशहरा उत्सव के तीसरे दिन जलेब के शुभारंभ अवसर पर महाराज राजा कोठी के देवता उपस्थित रहे. वहीं, दूसरे दिन रूपी घाटी के 6 देवी-देवताओं ने अपनी हाजरी भरी. जबकि तीसरे दिन सैंज घाटी के देवी-देवताओं ने और चौथे दिन आनी के देवी-देवता जलेब की शोभा बढ़ाएंगे.

ढालपुर में राजा की शाही जलेब (ETV Bharat)

बुरी शक्ति से बचाने के लिए बनाया जाता है सुरक्षा घेरा

भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि भगवान नरसिंह के सम्मान में इस जलेब का आयोजन किया जाता है और पालकी में भगवान के शस्त्र रखे जाते हैं. जलेब के माध्यम से पूरे शहर में एक सुरक्षा घेरा बनाया जाता है, ताकि किसी प्रकार की बुरी शक्ति शहर में प्रवेश न कर सके और अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव धूमधाम के साथ संपन्न किया जा सके. ऐसे में जलेब के अंतिम दिन सभी देवी-देवता इसमें शामिल होते हैं और धूमधाम के साथ इस जलेब को पूरा किया जाता है.

ये भी पढ़ें: उज्जैन के महाकालेश्वर की तर्ज पर होती है शमशरी महादेव की आरती, शमशान की भस्म से होता है श्रृंगार

ये भी पढ़ें: 16 या 17 अक्टूबर? कब है शरद पूर्णिमा? जानें चांद की रोशनी में खीर रखने का सही समय

कुल्लू: जिला कुल्लू के ढालपुर में 13 अक्टूबर से अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव का आगाज हो गया है. इस 7 दिवसीय दशहरा समारोह उत्सव का समापन 19 अक्टूबर को होगा. अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के तीसरे दिन शाही अंदाज में राजा की जलेब (भगवान नरसिंह की जलेब) निकाली गई. मंगलवार को जलेब का दूसरा दिन था और आज बुधवार, वीरवार, शुक्रवार को भी शाही अंदाज में राजा की जलेब निकाली जाएगी.

महाराज राजा कोठी के देवता भी रहे मौजूद

दशहरा उत्सव के अवसर पर हर दिन विभिन्न इलाकों से आए देवता राजा की जलेब में शामिल होते हैं. इस दौरान देवता के हरियान नाचते-गाते हुए कुल्लू शहर में भ्रमण करते हैं. वहीं, दशहरा उत्सव के तीसरे दिन जलेब के शुभारंभ अवसर पर महाराज राजा कोठी के देवता उपस्थित रहे. वहीं, दूसरे दिन रूपी घाटी के 6 देवी-देवताओं ने अपनी हाजरी भरी. जबकि तीसरे दिन सैंज घाटी के देवी-देवताओं ने और चौथे दिन आनी के देवी-देवता जलेब की शोभा बढ़ाएंगे.

ढालपुर में राजा की शाही जलेब (ETV Bharat)

बुरी शक्ति से बचाने के लिए बनाया जाता है सुरक्षा घेरा

भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया कि भगवान नरसिंह के सम्मान में इस जलेब का आयोजन किया जाता है और पालकी में भगवान के शस्त्र रखे जाते हैं. जलेब के माध्यम से पूरे शहर में एक सुरक्षा घेरा बनाया जाता है, ताकि किसी प्रकार की बुरी शक्ति शहर में प्रवेश न कर सके और अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव धूमधाम के साथ संपन्न किया जा सके. ऐसे में जलेब के अंतिम दिन सभी देवी-देवता इसमें शामिल होते हैं और धूमधाम के साथ इस जलेब को पूरा किया जाता है.

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Last Updated : 5 hours ago
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