रोहतक: दो गांवों के बीच बना पशु अस्पताल जर्जर हो चुका है. 4 साल से अधूरी बिल्डिंग झाड़ियों से अटी पड़ी है. अब ये पशु अस्पताल नशेड़ियों का अड्डा बन गया है. पशु विभाग और पंचायत के बीच खींचतान से दोनों गांव के लगभग 1350 पशु प्रभावित हो रहे हैं. अस्पताल में करीब 1 साल से पशुओं के लिए दवाइयां भी नहीं है. जिसके चलते किसान महंगे दामों में बाहर से खरीदने पर मजबूर हैं.
रोहतक में पशु अस्पताल जर्जर: पशु अस्पताल की बिल्डिंग ना होने के चलते डॉक्टर ग्राम सचिवालय में ही एक कमरे में अपना काम चला रहे हैं. रोहतक के चांदी इंदरगढ़ गांव में 4 साल से पशु अस्पताल की बिल्डिंग आधी अधूरी पड़ी है. जिसके चलते नशेड़ियों ने इस बिल्डिंग को अपना अड्डा बना दिया है. दो गांव के लगभग 1350 पशुओं पर ये एकमात्र अस्पताल है, लेकिन आलम ये है कि पशुओं के लिए यहां पर दवाइयां भी नहीं है.
4 साल से अधर में लटका काम: पशु के डॉक्टर विशाल ने बताया की पंचायत ने पशु अस्पताल के लिए 4 साल पहले जमीन दी थी और बिल्डिंग भी बननी शुरू हो गई थी, लेकिन पंचायत ने बिल्डिंग को अधूरा ही छोड़ दिया. जिसके चलते यहां पर झाड़ियां उगी और नशेड़ी तरह-तरह के नशे इस बिल्डिंग में बैठकर करते हैं. जिसके चलते डॉक्टर ग्राम सचिवालय की बिल्डिंग में बैठते हैं और दो गांव के लगभग 1350 पशु इसी अस्पताल के अंतर्गत आते हैं.
नशेड़ियों का अड्डा बना सरकार: डॉक्टर ने बताया कि यदि पंचायत इस जमीन को पशु विभाग को दे देती, तो ये बिल्डिंग कब की बन गई होती. डॉक्टर के मुताबिक ग्राम सचिवालय में पशु गर्मी में यहां आते हैं और शेड भी नहीं है. जिसके चलते पशु बीमार भी हो रहे हैं. दवाई नहीं होने के चलते लिखकर दे दी जाती है और बाहर से ₹600 से ₹700 में दवाई मिलती है. वहीं अब ये अस्पताल नशेड़ियों का अड्डा बना हुआ है.