लखनऊ: यूपी के नौ जिलों की सड़कों के नमूने जांच में फेल हो गए हैं. हरदोई के बाद नौ और जिलों के नमूने भी फेल हो गए हैं.
नवनिर्मित सड़कों की जांच करवाने का आदेश हुआ था. कानपुर नगर, प्रतापगढ़ की सड़कों के जांच नमूने फेल पाए गए हैं. ऐसे ही मुजफ्फरनगर,आजमगढ़ की सड़कों के नमूने फेल हुए हैं.
बलरामपुर, बदायूं और जालौन की सड़क जांच में फेल हो गयी. यही नहीं बस्ती और गाजीपुर की सड़क जांच में फेल हुई है. 9 जिलों से 36 सड़कों के नमूने लिए गए थे. सड़क की जांच रिपोर्ट का परीक्षण कराया जा रहा है. पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने शासन को ये रिपोर्ट सौंपी है. पिछले कुछ दिनों में 16 अभियंता कार्रवाई की जद में आ चुके हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्रवाई के आदेश दिये (Photo Credit- ETV Bharat) सड़क निर्माण घोटाले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से बड़ी कार्रवाई जा रही है. हरदोई के सड़क निर्माण घोटाले में एक एसई, दो एक्सईएन समेत 16 अभियंता सस्पेंड किए जा चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी को उच्च स्तर पर की गई एक शिकायत के बाद सख्त एक्शन लिया गया था. लोक निर्माण विभाग के आरोपी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की गाज गिरी थी. निलंबन के बाद सभी के खिलाफ उच्च स्तरीय विभागीय जांच भी शुरू की गई थी . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आदेश में कहा है कि जांच में दोषी मिले अभियंताओं पर तत्काल कार्रवाई की जाए. इस कार्रवाई को लेकर लोक निर्माण विभाग में हलचल मची हुई. हरदोई में चार नवनिर्मित सड़कों के नमूने लिए गए थे. लैब में इन नमूनों की जांच कराई गई, तो ये सभी नमूने फेल हो गए. तारकोल की मात्रा कम मिली. गिट्टी समेत अन्य सामग्री भी मानक से कम मिली थी.यूपी में सड़क निर्माण घोटाला (Photo Credit- ETV Bharat) इन पर हुआ था सख्त एक्शन: अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्र, अधिशासी अभियंता सुमंत कुमार व शरद कुमार मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया था. इन्हीं मामलों में 8 अवर अभियंता मोहम्मद शोएब, राजीव कुमार, अमर सिंह, रुचि गुप्ता, सत्येंद्र कुमार, अवधेश कुमार गुप्ता, मकरंद सिंह यादव और वीरेंद्र प्रताप सिंह को भी निलंबित किया गया था. सभी निलंबित अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं.
पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने शासन को ये रिपोर्ट सौंपी है. (Photo Credit- ETV Bharat) विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिन नौ अन्य जिलों में सड़कों की जांच कराई गयी है, उनके भी नमूने जांच के लिए लैब में भेज दिए गए थे. यहां की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है. अब 100 अभियंताओं पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. लोक निर्माण विभाग की ओर से अभी तक कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है. उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया है कि मुख्यालय ने इस संबंध में रिपोर्ट शासन को भेज दी है. शासन की ओर से पूरी रिपोर्ट को अति गोपनीय रखने के लिए कहा गया है. इस संबंध में औपचारिक का ऐलान अभियंताओं पर कार्रवाई के बाद किया जाएगा.ये भी पढ़ें- दूध उत्पादन में यूपी बादशाहत बरकरार, देश के कुल उत्पादन में 16 फीसदी उत्तर प्रदेश का योगदान