चंडीगढ़ : हरियाणा में सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बड़ा फैसला लिया है. हरियाणा में सड़क हादसे में घायल होने वाले लोगों को इलाज की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सड़क हादसे में घायल लोगों को अब डेढ़ लाख रुपए तक का फ्री में इलाज मिल सकेगा. हादसे के 7 दिनों के भीतर घायल व्यक्ति फ्री इलाज की सुविधा का लाभ ले सकेंगे. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी आदेश को हरियाणा में लागू करने के लिए हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार की ओर से पहल शुरू कर दी गई है.
सभी अधिकारी योजना को करेंगे सख्ती से लागूः हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) हरदीप दून ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को केंद्र व राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में जारी मार्गदर्शन को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है. इसका मकसद गोल्डन ऑवर (हादसे के आधे घंटे के भीतर) में सड़क हादसे के शिकार लोगों के लिए उचित व निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करना है. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ये योजना चलाई जा रही है. घायलों को सात दिनों के भीतर 1.5 लाख तक इलाज की सुविधा मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 के तहत दी जाएगी.
6 घंटे के भीतर सड़क हादसे के घायलों की पुष्टि करेगी पुलिसः सड़क हादसे के बाद पीड़ित व्यक्ति जब अस्पताल पहुंचेगा या किसी व्यक्ति के द्वारा पहुंचाया जायेगा तो घायल व्यक्ति का डेटा अस्पताल प्रशासन पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड कर संबंधित थाने की पुलिस को भेजेगा. पुलिस को निर्धारित 6 घंटे के भीतर पोर्टल पर ये बताना होगा कि संबंधित व्यक्ति सड़क हादसे में घायल हुआ है या नहीं. पुष्टि के बाद घायल व्यक्ति के इलाज में खर्च राशि का कैशलेस भुगतान सरकार की ओर से संबंधित अस्पताल को किया जाएगा. इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से मानकों को पूरा करने वाले अस्पतालों का पैनल बनाया गया है.
In the event of a vehicle breakdown, switch on the vehicle's emergency/hazard lights.
— NHAI (@NHAI_Official) December 12, 2024
For more assistance, dial 1033 - the 24x7 National #HighwayHelpline number. #NHAI #BuildingANation #SadakSurakshaJeevanRaksha pic.twitter.com/6iKGiUwGe5
क्या है गोल्डन ऑवरःचिकित्सा जगत में गोल्डन ऑवर का मतलब किसी हादसे में घायल होने या चोट लगने सहित कई अन्य कारणों से पीड़ित को 60 मिनट यानि एक घंटे के भीतर इलाज मिलना चाहिए. इससे पीड़ित व्यक्ति के मौत का खतरा कम होता है. साथ ही विभिन्न प्रकार की मेडिकल संबंधित जटिलताओं को रोका जा सकता है या कम किया जा सकता है.
Timely medical attention within the golden hour of an accident enhances the chances of survival. Watch Shri @gurruchoudhary urge people to #BeAGoodSamaritan and lend a supportive hand to road accident victims. Let's create safe roads together! #NHAI #SadakSurakshaAbhiyan pic.twitter.com/NGkrduDDZG
— NHAI (@NHAI_Official) December 10, 2024