मेरठ : रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित जाखड़ ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने से आहत जाट समाज से ताल्लुक रखने वाले रोहित जाखड़ ने कहा कि हमारी पहचान जाट से है, पहले कौम हैं फिर बाकी कुछ. उन्होंने आरोप लगाया कि बेंगलुरु से कैसरगंज तक जो भी महिला शोषण से जुड़ा व्यक्ति है वह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा से जुड़ा है.
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित जाखड़ ने ही पार्टी का आज साथ छोड़ दिया. बता दें कि यूपी में दो चरणों में 16 लोकसभा सीटों पर चुनाव हो चुका है. वहीं, तीसरे चरण में अभी यूपी की वेस्ट यूपी की 10 सीटों पर मतदान होने जा रहा है. आरएलडी को छोड़ने का आखिर निर्णय उन्होंने क्यों लिया? इस पर उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान विस्तार से सिलसिलेवार बताया.
रोहित जाखड़ ने कहा कि वह भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने से आहत हैं. इससे भाजपा ने अपना असली चेहरा उजागर कर दिया है. उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ भाजपा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देती है. वहीं, महिलाओं को सम्मान देने की बातें करती है, बीजेपी के द्वारा बृजभूषण शरण सिंह के बेटे को प्रत्याशी बनाए जाने के इस निर्णय से सब कुछ स्पष्ट हो चुका है कि भाजपा की सोच क्या है.
रोहित जाखड़ ने कहा कि वह रालोद का साथ छोड़ रहे हैं, इससे वे भावुक हैं. उन्होंने कहा कि लेकिन ये मजबूरी है बेटियों के अस्मिता के साथ समझौता करके राजनीति नहीं की जा सकती. राजनीति हमारा पेशा नहीं है यह हमारा शौक है. समस्याओं को उठाने का ईश्वर ने सामर्थ्य दिया है और ऐसा करते रहेंगे. रोहित जाखड़ ने कहा कि जिन बेटियों ने विश्वपटल पर भारत का मान बढ़ाया, जिसने उन बेटियों का अपमान किया, उसके बेटे को भाजपा ने प्रत्याशी बनाकर आखिर अपनी विचारधारा को उजागर कर दिया है.
रोहित जाखड़ ने कहा कि एक किसान अपने संपूर्ण जीवन की पूंजी लगाकर अपनी बेटियों को खिलाड़ी के तौर पर तैयार करता है और जिस तरह से उन बेटियों को अपमानित करने की कोशिश की है इससे दुखद और बुरा कुछ नहीं हो सकता. रोहित जाखड़ ने कहा कि न तो हम हाथरस में जयंत चौधरी को पड़ी लाठियां को भूल सकते हैं, न अग्निवीर को भूल सकते हैं ना साढ़े सात सौ किसानों की सहादत को भूल सकते हैं. हमने लम्बा संघर्ष पूर्व में भी किया है.
रोहित जाखड़ ने कहा कि जब जयंत चौधरी ने भाजपा के साथ जाने का निर्णय लिया था तो हम सभी ने मौन धारण कर लिया था. हमें उम्मीद थी कि सरकार बेटियों के मुद्दे पर या अन्य मुद्दों पर संवेदनशीलता दिखाएगी, लेकिन संवेदनशीलता तो नहीं दिखाई संवेदनहीनता जरूर दिखाई गई. उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह जाट हैं और जमीर जिंदा रहेगा तो हम जिंदा रहेंगे. हमारी पहचान जाट से है. बेंगलुरु से लेकर कैसरगंज तक महिलाओं पर उत्पीड़न के मामले सामने हैं, भाजपा ऐसे लोगों का महिमा मंडन कर रही है. किसान और जाट ऐसी बातें बर्दाश्त नहीं करने वाले. जब गठबंधन हुआ तो बहुत सी बातें बीजेपी के सामने रखी गईं थीं, हमें आश्वासन दिया कि सरकार संवेदनशील है लेकिन ऐसा असल में कुछ नहीं था. इनके फैसलों में ऐसा नहीं दिखा.
इस दौरान बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जयंत चौधरी ने कोरोनाकाल में भी खूब संघर्ष किया था, जयंत की तारीफ भी रोहित जाखड़ ने की. उन्होंने कहा कि उसूलों के साथ समझौता नहीं. रोहित जाखड़ ने कहा कि समाज के लोगों से रायसुमारी के बाद ही उन्होंने यह निर्णय लिया है. हरियाणा में भाजपा का पुरजोर विरोध करेंगे. एक-एक लोकसभा सीट पर जाएंगे, पुरजोर विरोध करेंगे. अलग-अलग जगह पर जाकर पंचायत करेंगे.