नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के शशि गार्डन इलाके में एक मकान में हुई दो बच्चों की हत्या और रेलवे ट्रैक पर मिले पिता के शव मामले में दोनों बच्चों का पोस्टमार्टम के बाद बॉडी परिजनों को सौंप दी गई है. जबकि रेलवे ट्रैक पर मृत पाए गए श्याम के शव का पोस्टमार्टम अभी जीटीबी अस्पताल में हो रहा है. श्यामजी के पड़ोसियों ने बताया कि वह मयूर विहार फेस वन में एलकॉन पब्लिक स्कूल के पास चाय की दुकान लगाकर परिवार का पालन पोषण करता था. उसे एक 12 साल की बेटी और एक 15 साल का बेटा था.
स्थानीय पांडव नगर थाना पुलिस के अनुसार, श्यामजी ने खुद ही दोनों बच्चों की हत्या कर और पत्नी की हत्या की कोशिश के बाद उसको मरा हुआ जानकर खुद भी खुदकुशी कर ली. पुलिस ने हत्या और हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.
दरअसल, श्यामजी ने पिछले महीने ही दोनों बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया था. दोनों बच्चे पढ़ने जाते थे. वह शशि गार्डन में रहते थे. वह जनवरी में ही इस मकान में शिफ्ट हुए थे. वहीं, उनके बड़े भाई राम जी पास के ही गली नंबर 8 में रहते हैं. राम जी के घर पर रिश्तेदारों और पड़ोसियों का आना-जाना लगा हुआ है. श्याम जी राम जी पोस्टमार्टम के बाद डेड बॉडी लेकर सीधे गाजीपुर श्मशान घाट में ही अंतिम संस्कार करेंगे. वहीं, बच्चों के शव इतने खराब हालत में हैं कि वह देखने लायक नहीं हैं. इसलिए उन्हें घर नहीं लाया जाएगा. मयूर विहार फेज वन में श्यामजी की चाय की दुकान के पास में ही उसके दूसरे भाई की पान की दुकान है. चाय की दुकान काफी अच्छी चलती थी. वह अपने काम से काम रखता था.
श्याम जी की चाय की दुकान पर दूध की सप्लाई करने वाले अमित पांडे ने बताया कि वह 5 से 6 साल से मृतक को जानते हैं. बृहस्पतिवार को उनके पापा के पास श्यामजी का फोन आया कि आज दुकान पर दूध मत भिजवाना. शुक्रवार को दुकान नहीं खुलेगी. उसके बाद से कोई बातचीत नहीं हुई. शुक्रवार को श्याम जी की दुकान बंद रही और शनिवार दोपहर को आनंद विहार रेलवे ट्रैक पर उनका शव मिलने की खबर आ गई. साथ ही यह भी खबर मिली कि शशि गार्डन स्थित उसके मकान में उनके दोनों बच्चों के शव भी मिले हैं और पत्नी भी गंभीर हालत में पाई गई है.
जिसके बाद पत्नी को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया. वहां से डॉक्टरों ने उसे एम्स के लिए रेफर कर दिया. एम्स में अभी पत्नी की हालत नाजुक बनी हुई है. अमित ने बताया कि जितना वह श्यामजी को जानते हैं वह खुद अपने बच्चों की हत्या नहीं कर सकता है. क्योंकि कभी आज तक उसने अपनी दुकान पर किसी से तेज आवाज में बात नहीं की है. वह अपने काम से कम रखता था. रंजिश के तहत किसी जानने वाले ने इस घटना को अंजाम दिया है.
श्यामजी की पत्नी को होश आने के बाद ही इस मामले का सही खुलासा हो पाएगा. वहीं, श्यामजी की चाय की दुकान के बगल में नान की दुकान चलाने वाले कपिल ने बताया मृतक की चाय की दुकान करीब 20 साल पुरानी है. दुकान काफी अच्छी चलती थी. इसलिए उसने दुकान पर एक नौकर भी रख रखा था. बृहस्पतिवार को उसे दुकान पर अंतिम बार देखा था. शुक्रवार को दुकान नहीं खुली थी. जबकि शनिवार को उसकी दुकान पर काम करने वाले राहुल ने दुकान खोली थी.
श्याम जी चार भाई था. श्याम आदत का बहुत सीधा था और सज्जन व्यक्ति था. श्याम को पहले दारू पीने की आदत थी. लेकिन, एक बार तबीयत बिगड़ने के बाद जब डॉक्टर ने उसका लिवर फेल बता दिया था और शराब छोड़ने की सलाह दी थी. उसके बाद उसने शराब पीना छोड़ दिया था. वह डेली अपनी चाय की दुकान खोलता था.
सीसीटीवी में शुक्रवार सुबह को आता दिख रहा श्यामजी: श्यामजी के पड़ोस में रहने वाले सुनील ने बताया कि गली में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में शुक्रवार की सुबह 8:59 बजे श्यामजी नीले रंग की शर्ट और हल्के रंग की पैंट पहने हाथ में थैला लेकर आता हुआ दिख रहा है. जबकि शनिवार को दोपहर में उसकी डेड बॉडी मिली है. वहीं, श्यामजी की चाय की दुकान के आसपास ठेला लगाने वाले लोगों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा आदमी श्यामजी नहीं है.