भोपाल. मध्य प्रदेश में एक बार फिर कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाई जा सकती है. मोहन यादव सरकार इस बार प्रदेश के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 3 साल बढ़ाकर 65 साल कर सकती है. मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में एकरूपता लाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 साल से बढ़कर 65 साल करने पर शासन विचार करे.
चुनाव से पहले हो सकता है फैसला
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा लाए गए संकल्प पत्र 2023 में मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र में एकरूपता लाने का भी बिंदु शामिल था. राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने अपने पत्र में इस बिंदु का भी हवाला दिया है. उन्होंने लिखा है कि मध्य प्रदेश के शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में एकरूपता लाई जाए. उन्होंने लिखा है कि सरकार को शासकीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ानी चाहिए क्योंकि पदोन्नति नहीं होने की वजह से सरकारी विभागों में कैडर गड़बड़ा गया है और कई विभागों में बड़ी संख्या में पद खाली हैं.
Read more - |
वित्त विभाग की भी मांगी राय
प्रदेश में 2018 तक सरकारी कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र 60 साल थी. 2018 की विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने जून 2018 से इसे बढ़ाकर 62 साल कर दिया था. अब 6 साल बाद फिर से सरकारी कर्मचारियों के रिटायर होने की आयु सीमा को बढ़ाकर 65 साल करने की तैयारी की जा रही है. आयु सीमा बढ़ाए जाने का सरकार को वित्तीय लाभ भी होगा. दरअसल, वित्तीय स्थिति ठीक ना होने से सेवानिवृत्ति पर शासन को एक मुश्त भुगतान की राशि भी कर्मचारियों को नहीं देनी पड़ेगी. उधर इस प्रस्ताव को लेकर राज्य सरकार ने वित्त विभाग से अभिमत मांगा है. वित्त विभाग से पूछा गया है कि कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने से विभाग की वित्तीय स्थिति पर क्या फर्क पड़ेगा.