नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) और गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल के स्त्री रोग विभाग के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भीड़ पर लगाया हमले का आरोप लगाया है. रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार हथियारों से लैस 50 से 70 लोगों की भीड़ ने स्त्री रोग विभाग पर धावा बोल दिया. उन्होंने कर्मचारियों को धमकाने के साथ वहां तोड़फोड़ की व दरवाजे तोड़ दिए. इतना ही नहीं डॉक्टरों ने भीड़ पर पीजी डॉक्टर के साथ भी मारपीट करने का आरोप लगाया है.
ये भी पढ़ें: केरल में लेडी डॉक्टर की हत्या के विरोध में दिल्ली के डॉक्टरों ने निकाला कैंडल मार्च
डॉक्टरों का कहना है कि इस हमले ने चिकित्सा कर्मचारियों और रोगियों के जीवन को गंभीर खतरे में डाल दिया है. यूसीएमएस और जीटीबी अस्पताल के सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स इस घटना से नाराज हैं. आरडीए से जुड़े रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि हम तत्काल प्रभाव से हड़ताल पर जा रहे हैं. संस्थागत एफआईआर दर्ज करने की हमारी मांग पूरी होन तक हम हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान केवल आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी.
रेजिडेंट डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों (बाउंसरों) की तैनाती सहित अस्पताल के सभी हॉटस्पॉट क्षेत्रों में तत्काल और मजबूत सुरक्षा उपाय लागू की जाए. आरडीए इस जघन्य अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करता है. हम अपनी सुरक्षा और अपने मरीजों की सुरक्षा के लिए कोई और खतरा बर्दाश्त नहीं करेंगे.
आरडीए अध्यक्ष डॉ नितेश कुमार ने बताया कि आज दोपहर 12 बजे से हम लोगों ने काम बंद करके डायरेक्टर ऑफिस में जाकर संस्थागत एफआईआर दर्ज करने की मांग शुरू की है. अभी एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. हम सिक्योरिटी बढ़ाने की मांग भी पूरी होने का इंतजार करेंगे. सिक्योरिटी बढ़ाने की भी मांग पूरी होने पर हम हड़ताल खत्म कर देंगे वर्ना हड़ताल जारी रहेगी.
ये भी पढ़ें: जीटीबी अस्पताल में कूलिंग सिस्टम खराब होने से मरीज और तीमारदार बेहाल