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BHU पेड़ काटने का मामला; NGT के सामने रिपोर्ट पेश, वन विभाग ने दर्ज कराई FIR

जांच समिति ने रिपोर्ट में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई सवाल उठाया, अब इस मामले में 11 नवंबर को NGT करेगी सुनवाई

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पेड़ की कटाई के मामले लगातार आते रहते हैं. अवैध रूप से कटाई के मामले विश्वविद्यालय के लिए भी सिरदर्द बने रहे हैं. इसी को लेकर वन विभाग एवं मंत्रालय की टीम ने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया था. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा गठित समिति ने भी अपना रिपोर्ट दाखिल कर दिया है. याचिकाकर्ता और हाइकोर्ट के अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 7 चंदन के पेड़ों की कटाई को लेकर जांच समिति बनी. डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर और रीजनल ऑफिसर पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार लखनऊ की संयुक्त समिति ने इस मामले में 29 अक्टूबर को रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पेड़ों का विश्वविद्यालय से कटाई कर चोरी को लेकर FIR कई सवाल खड़े करते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने लकड़ी बरामद करने की कोई कोशिश नहीं. साथ ही इस मामले में चोर पकड़ने के प्रयास किए.

26 पेड़ों की कटाई को पाया गया अवैध
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट में यह भी सवाल किए गए हैं कि बीएचयू प्रशासन की ओर से जो रिपोर्ट लंका में दर्ज करवाए गए, उसमें कीमती लकड़ी लिखा गया. चंदन की लकड़ी और उसकी कीमत का भी कोई जिक्र नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया कि घटनास्थल में तमाम सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षाकर्मी और विश्वविद्यालय के सभी गेटों पर सुरक्षाकर्मी है, तो चोरी की घटना संदेह पैदा करता है. 26 पेड़ों की कटाई को अवैध पाया है.

NGT करेगी मामले की सुनवाई
अधिवक्ता सौरभ ने बताया कि अवैध तरीके से पेड़ कटवाने को लेकर रजिस्ट्रार बीएचयू, प्रो. अरुण कुमार सिंह के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज कराया गया है. वन विभाग ने FIR में 12 पेड़ों की अवैध रूप से कटाई का आरोप लगाया है. साथ ही 7 चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई में बीएचयू के पदाधिकारियों की संलिप्तता साबित हो चुकी है. संयुक्त जांच समिति ने रिपोर्ट को एनजीटी के सामने पेश कर दी है. याचिकाकर्ता और हाइकोर्ट के अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं. अब इस मामले में 11 नवंबर को NGT सुनवाई करेगी.

वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पेड़ की कटाई के मामले लगातार आते रहते हैं. अवैध रूप से कटाई के मामले विश्वविद्यालय के लिए भी सिरदर्द बने रहे हैं. इसी को लेकर वन विभाग एवं मंत्रालय की टीम ने विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण किया था. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा गठित समिति ने भी अपना रिपोर्ट दाखिल कर दिया है. याचिकाकर्ता और हाइकोर्ट के अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 7 चंदन के पेड़ों की कटाई को लेकर जांच समिति बनी. डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर और रीजनल ऑफिसर पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार लखनऊ की संयुक्त समिति ने इस मामले में 29 अक्टूबर को रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि पेड़ों का विश्वविद्यालय से कटाई कर चोरी को लेकर FIR कई सवाल खड़े करते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन ने लकड़ी बरामद करने की कोई कोशिश नहीं. साथ ही इस मामले में चोर पकड़ने के प्रयास किए.

26 पेड़ों की कटाई को पाया गया अवैध
अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट में यह भी सवाल किए गए हैं कि बीएचयू प्रशासन की ओर से जो रिपोर्ट लंका में दर्ज करवाए गए, उसमें कीमती लकड़ी लिखा गया. चंदन की लकड़ी और उसकी कीमत का भी कोई जिक्र नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया कि घटनास्थल में तमाम सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षाकर्मी और विश्वविद्यालय के सभी गेटों पर सुरक्षाकर्मी है, तो चोरी की घटना संदेह पैदा करता है. 26 पेड़ों की कटाई को अवैध पाया है.

NGT करेगी मामले की सुनवाई
अधिवक्ता सौरभ ने बताया कि अवैध तरीके से पेड़ कटवाने को लेकर रजिस्ट्रार बीएचयू, प्रो. अरुण कुमार सिंह के विरुद्ध नामजद मामला दर्ज कराया गया है. वन विभाग ने FIR में 12 पेड़ों की अवैध रूप से कटाई का आरोप लगाया है. साथ ही 7 चंदन के पेड़ों की अवैध कटाई में बीएचयू के पदाधिकारियों की संलिप्तता साबित हो चुकी है. संयुक्त जांच समिति ने रिपोर्ट को एनजीटी के सामने पेश कर दी है. याचिकाकर्ता और हाइकोर्ट के अधिवक्ता द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं. अब इस मामले में 11 नवंबर को NGT सुनवाई करेगी.

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