ETV Bharat / state

युद्ध स्तर पर चल रहा गर्जिया माता मंदिर के टीले का जीर्णोद्धार, श्रमिकों ने खुद बढ़ाए काम के घंटे, 1 जुलाई से हो सकते हैं दर्शन - Garjia temple renovation

Garjia Mata Temple Renovation रामनगर का गर्जिया माता मंदिर 1 जुलाई को श्रद्धालुओं के लिए खुलने की उम्मीद है. मंदिर के टीले की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है. बताया जा रहा है कि मरम्मत के काम में लगे मजदूर खुद ज्यादा समय काम करके निर्माण को 30 जून तक पूरा करना चाहते हैं, जिससे 1 जुलाई से दर्शनार्थी मंदिर आ सकें.

Garjia Mata Temple Renovation
गर्जिया माता मंदिर (Photo- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 26, 2024, 2:06 PM IST

Updated : Jun 26, 2024, 3:43 PM IST

मां गर्जिया माता मंदिर के टीले का जीर्णोद्धार चल रहा है (वीडियो-ईटीवी भारत)

रामनगर: प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर के टीले का सुरक्षात्मक का कार्य चल रहा है. मजदूर युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं. मकसद ये है कि 1 जुलाई से मंदिर को व्यवस्थित कर लिया जाए, जिससे दर्शनार्थी गर्जिया देवी मंदिर आकर माता के दर्शन कर सकें.

नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर में 10 मई से लेकर 30 जून तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाई गई थी. यह निर्णय स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने लिया है. दरअसल प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर कोसी नदी के बीचों-बीच एक ऊंचे टीले पर स्थित है. साल 2010 में आई बाढ़ के चलते मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं. जिसके बाद से लगातार ये दरारें बढ़ रही थी. इससे जहां एक ओर माता के मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया था, तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ा खतरा हो सकता था.

इसको देखते हुए सिंचाई विभाग द्वारा शासन को इसके टीले की मरम्मत का कार्य किये जाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर लगातार भेजे जा रहे थे. इसी क्रम में मई 2024 में इसके प्रथम चरण के कार्य के लिए सिंचाई विभाग को 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जारी हुई थी. जिसके बाद बरसात को देखते हुए 10 मई से 30 जून तक इस मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया था. यह निर्णय इसलिए लिया गया था कि कार्य के दौरान अगर मंदिर खुलता है तो किसी प्रकार से दर्शनार्थियों को दिक्कत न हो और कोई चोटिल भी न हो. सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया था.

बता दें कि मंदिर के टीले पर आई दरार के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंदिर परिसर का निरीक्षण किया था. सीएम ने मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया था. मंदिर में आई दरारों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से साढ़े पांच करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी गई है. मंदिर के टीले का कार्य दो फेज में किया जा रहा है. पहले फेज की धनराशि 5 करोड़ 50 लाख है.

मंदिर के पुजारी जितेंद्र पांडे ने बताया कि मंदिर का कार्य संस्था द्वारा तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंदिर को 18 मई से 30 जून तक के लिए दर्शनार्थियों के लिए सुरक्षा के मद्देनजर बंद किया गया है. उन्होंने कहा की उम्मीद है 30 जून तक इस मंदिर का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो मजदूर इस मंदिर का कार्य में जुटे हैं, वह अपनी स्वेच्छा से आठ नहीं बल्कि 9 से 10 घंटा भी कार्य कर रहे हैं. उन मजदूरों का मकसद भी यही है कि मंदिर का कार्य 30 जून तक पूरा कर लिया जाये, जिससे 1 जुलाई से इस मंदिर में दर्शनार्थी दर्शन कर सकें. बता दें कि आने वाला समय बरसात का है. जिसको देखते हुए भी मंदिर के टीले का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है. उम्मीद है कि 1 जुलाई से दर्शनार्थी पुनः मां गर्जिया के दर्शन कर पाएंगे.
ये भी पढ़ें: 10 मई से 30 जून तक गर्जिया देवी मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु, जानें कारण

मां गर्जिया माता मंदिर के टीले का जीर्णोद्धार चल रहा है (वीडियो-ईटीवी भारत)

रामनगर: प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर के टीले का सुरक्षात्मक का कार्य चल रहा है. मजदूर युद्धस्तर पर कार्य कर रहे हैं. मकसद ये है कि 1 जुलाई से मंदिर को व्यवस्थित कर लिया जाए, जिससे दर्शनार्थी गर्जिया देवी मंदिर आकर माता के दर्शन कर सकें.

नैनीताल जिले के रामनगर में स्थित प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर में 10 मई से लेकर 30 जून तक श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाई गई थी. यह निर्णय स्थानीय प्रशासन एवं मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने लिया है. दरअसल प्रसिद्ध गर्जिया देवी मंदिर कोसी नदी के बीचों-बीच एक ऊंचे टीले पर स्थित है. साल 2010 में आई बाढ़ के चलते मंदिर के टीले में दरारें आ गई थीं. जिसके बाद से लगातार ये दरारें बढ़ रही थी. इससे जहां एक ओर माता के मंदिर को खतरा उत्पन्न हो गया था, तो वहीं मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक बड़ा खतरा हो सकता था.

इसको देखते हुए सिंचाई विभाग द्वारा शासन को इसके टीले की मरम्मत का कार्य किये जाने को लेकर प्रस्ताव बनाकर लगातार भेजे जा रहे थे. इसी क्रम में मई 2024 में इसके प्रथम चरण के कार्य के लिए सिंचाई विभाग को 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जारी हुई थी. जिसके बाद बरसात को देखते हुए 10 मई से 30 जून तक इस मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया था. यह निर्णय इसलिए लिया गया था कि कार्य के दौरान अगर मंदिर खुलता है तो किसी प्रकार से दर्शनार्थियों को दिक्कत न हो और कोई चोटिल भी न हो. सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया था.

बता दें कि मंदिर के टीले पर आई दरार के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मंदिर परिसर का निरीक्षण किया था. सीएम ने मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया था. मंदिर में आई दरारों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से साढ़े पांच करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी कर दी गई है. मंदिर के टीले का कार्य दो फेज में किया जा रहा है. पहले फेज की धनराशि 5 करोड़ 50 लाख है.

मंदिर के पुजारी जितेंद्र पांडे ने बताया कि मंदिर का कार्य संस्था द्वारा तेजी से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मंदिर को 18 मई से 30 जून तक के लिए दर्शनार्थियों के लिए सुरक्षा के मद्देनजर बंद किया गया है. उन्होंने कहा की उम्मीद है 30 जून तक इस मंदिर का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो मजदूर इस मंदिर का कार्य में जुटे हैं, वह अपनी स्वेच्छा से आठ नहीं बल्कि 9 से 10 घंटा भी कार्य कर रहे हैं. उन मजदूरों का मकसद भी यही है कि मंदिर का कार्य 30 जून तक पूरा कर लिया जाये, जिससे 1 जुलाई से इस मंदिर में दर्शनार्थी दर्शन कर सकें. बता दें कि आने वाला समय बरसात का है. जिसको देखते हुए भी मंदिर के टीले का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है. उम्मीद है कि 1 जुलाई से दर्शनार्थी पुनः मां गर्जिया के दर्शन कर पाएंगे.
ये भी पढ़ें: 10 मई से 30 जून तक गर्जिया देवी मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु, जानें कारण

Last Updated : Jun 26, 2024, 3:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.