प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट से राजू पाल की पत्नी और विधायक पूजा पाल बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने जबरन सड़क बनाने के आरोप में दर्ज मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट दाखिल होने के कारण एसीजेएम अदालत का आदेश रद्द करने की मांग में विधायक पूजा पाल व दो अन्य की पुनरीक्षण याचिका अर्थहीन करार देते हुए खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने विधायक पूजा पाल व दो अन्य की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 27 फरवरी के मजिस्ट्रेट के आदेश के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. विवेचना में पूजा पाल व एक अन्य आरोपी को बाहर कर दिया गया है. केवल आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 506 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है. इस पर पूजा पाल के अधिवक्ता ने कहा कि याचिका अर्थहीन हो चुकी है, इसलिए खारिज कर दी जाए. उनकी इस मांग को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2022 के पहले सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत उमेश सिंह ने अर्जी दाखिल कर पूजा पाल, उनके भाई राहुल पाल व डेवलपर श्रीकांत पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. मजिस्ट्रेट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. अर्जी में इन लोगों पर मौजा शाहा पीपलगांव की जमीन पर जबरन सड़क बनवाने का आरोप लगाया गया. पुलिस ने पूजा पाल व राहुल पाल के पक्ष में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की और तीसरे आरोपी श्रीकांत पाल के खिलाफ चार्जशीट लगा दी है.