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पूर्व मंत्री कैलाश चौरसिया को राहत, हाईकोर्ट ने रद्द की आपराधिक केस की कार्यवाही, कहा- यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग - ALLAHABAD HIGH COURT

सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का दिया हवाला. कहा- पुलिस की चार्जशीट पर चल रहा केस कानून के अनुसार नहीं.

पूर्व मंत्री को कोर्ट से मिली बड़ी राहत.
पूर्व मंत्री को कोर्ट से मिली बड़ी राहत. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 6 hours ago

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री कैलाश चौरसिया व अन्य के खिलाफ सीजेएम मिर्जापुर की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही को विधि विरुद्ध करार देते हुए रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 171एच व धारा 188 की कार्यवाही पुलिस की चार्जशीट पर नहीं चलाई जा सकती. यह कार्यवाही सक्षम अधिकारी के परिवाद पर ही की जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि यदि यह कार्यवाही चलने दी गई तो यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने कैलाश चौरसिया के अधिवक्ता विनय कुमार तिवारी और सरकारी वकील को सुनकर दिया. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और कहा कि यह केस पुलिस की चार्जशीट पर चल रहा है. यह विधिक कानूनी प्रक्रिया नहीं है.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट के 30 अधिकारियों को मिला प्रमोशन, यहां देखिए लिस्ट

याची के खिलाफ सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग मिर्जापुर ने कोतवाली शहर में एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की. अदालत ने संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया. पूरी कार्यवाही की वैधता को 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी ने चुनौती दी.

उनके अधिवक्ता विनय कुमार तिवारी ने कहा कि पुलिस की चार्जशीट पर आईपीसी की धारा 188 की आपराधिक कार्यवाही नहीं चल सकती. सक्षम अधिकारी की शिकायत पर ही इसका केस दर्ज हो सकता है. ऐसे में कानून के विपरीत कार्यवाही होने के कारण इसे रद्द किया जाए

यह भी पढ़ें : सीवर सफाईकर्मियों को दस्ताने न देने का आरोप; JE को दंडित करने पर रोक, कोर्ट ने राज्य सरकार से 2 सप्ताह में मांगा जवाब

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री कैलाश चौरसिया व अन्य के खिलाफ सीजेएम मिर्जापुर की अदालत में चल रही आपराधिक मुकदमे की कार्यवाही को विधि विरुद्ध करार देते हुए रद्द कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 171एच व धारा 188 की कार्यवाही पुलिस की चार्जशीट पर नहीं चलाई जा सकती. यह कार्यवाही सक्षम अधिकारी के परिवाद पर ही की जा सकती है. कोर्ट ने कहा कि यदि यह कार्यवाही चलने दी गई तो यह न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने कैलाश चौरसिया के अधिवक्ता विनय कुमार तिवारी और सरकारी वकील को सुनकर दिया. कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया और कहा कि यह केस पुलिस की चार्जशीट पर चल रहा है. यह विधिक कानूनी प्रक्रिया नहीं है.

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याची के खिलाफ सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग मिर्जापुर ने कोतवाली शहर में एफआईआर दर्ज कराई. पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की. अदालत ने संज्ञान लेकर सम्मन जारी किया. पूरी कार्यवाही की वैधता को 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी ने चुनौती दी.

उनके अधिवक्ता विनय कुमार तिवारी ने कहा कि पुलिस की चार्जशीट पर आईपीसी की धारा 188 की आपराधिक कार्यवाही नहीं चल सकती. सक्षम अधिकारी की शिकायत पर ही इसका केस दर्ज हो सकता है. ऐसे में कानून के विपरीत कार्यवाही होने के कारण इसे रद्द किया जाए

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