जयपुर. मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देशन में लगातार कार्रवाई जारी है. बुधवार को मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण की प्राधिकृत अधिकारी ने प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के दृष्टिगत मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर को जारी पंजीकरण एवं नवीनीकरण को निलंबित कर दिया.
प्राधिकृत अधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने बताया कि मणिपाल हॉस्पिटल को मानव अंगों के प्रत्यारोपण के लिए ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट के तहत पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे. विगत दिनों मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने का प्रकरण सामने आने के बाद इस मामले में फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्मिक गिर्राज शर्मा को गिरफ्तार किया गया था. यह कार्मिक पूर्व में मणिपाल हॉस्पिटल में भी कार्यरत था.
संदेह के दायरे में : मणिपाल हॉस्पिटल में भी मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी प्राप्त करने में इस कार्मिक की संदिग्ध भूमिका सामने आई है. मणिपाल हॉस्पिटल की ओर से प्राप्त एनओसी भी संदेह के दायरे में है और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और पुलिस द्वारा इस प्रकरण में जांच कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. इसे देखते हुए बुधवार को मणिपाल हॉस्पिटल का मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया है. दरअसल, फर्जी एनओसी प्रकरण में इससे पूर्व जयपुर के फोर्टिस अस्पताल और ईएचसीसी अस्पताल का पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया था.