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गुप्त नवरात्रि में स्त्रोत का पाठ करने से चमकती है किस्मत, जानिए कौन सा स्त्रोत है चमत्कारी ?

Gupt Navratri Bring Good Luck गुप्त नवरात्रि के दौरान गुप्त साधना का प्रावधान है. इस दौरान की गई साधना का अभिष्ट फल मिलता है.लेकिन यदि किसी के जीवन में कष्ट हो तो गुप्त नवरात्रि में पाठ करके उसे दूर किया जा सकता है.

Gupt Navratri Bring Good Luck
गुप्त नवरात्रि में स्त्रोत का पाठ करने से चमकती है किस्मत
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 13, 2024, 5:56 AM IST

गुप्त नवरात्रि में सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का करें पाठ

रायपुर: गुप्त नवरात्रि साल में दो बार आती है.लेकिन काफी कम लोगों को पता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान जीवन के कई ऐसे काम हो सफल हो सकते हैं जो अटके हो.इन नवरात्रियों में यदि जातक कुछ चीजें कर ले तो उसका जीवन सफल हो सकता है.इस दौरान जीवन का कष्ट कम हो सकता है. रुके हुए काम पूरे हो सकते हैं. सफलता मिलती रहे. घर परिवार एवं समाज का कल्याण होता रहे.

गुप्त नवरात्रि की पूजा फलदाई : नवरात्रि चार होती है. 2 उदित नवरात्रि और 2 गुप्त नवरात्रि. गुप्त नवरात्रि में पूजा पाठ साधना का अत्यंत महत्व है. यह शीघ्र फलदायी होता है. गुप्त नवरात्रि के स्वर्णिम अवसर को कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए. इसका पूरा-पूरा उपयोग अपने परिवार अपने समाज राष्ट्र और विश्व की उन्नति में इसका उपयोग किया जाना चाहिए. ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ महेन्द्र कुमार ठाकुर ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. गुप्त नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ नियमानुसार किया जाना चाहिए.

''कवच अर्गला किलक, सिद्ध कुंजिका, स्तोत्र देवी सूक्तम का पाठ नियमानुसार किया जाना चाहिए. प्रतिदिन ना कर सके तो कम से कम तीन बार ही पाठ कर लें. वह भी नहीं हो सकता तो एक बार ही कर लें. लेकिन पाठ जरूर करें. यह भी संभव ना हो तो कम से कम अर्गला स्तोत्र का नियमित पाठ करें.सिद्ध कुंजिका का पाठ करें इससे कल्याण होगा."- डॉ महेन्द्र कुमार ठाकुर,ज्योतिष



सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का करें पाठ : ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर के मुताबिक संभव हो सके तो गुप्त नवरात्रि के दौरान सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का 11-11 पाठ प्रतिदिन करें. रात्रि के समय यह विशेष फलदायक है. यह भी संभव न हो सके तो प्रतिदिन तीन बार पाठ जरूर करें. वह भी नहीं हो सकता तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ एक बार अवश्य करें. नवाण मंत्र को मंत्र राज कहा गया है. इसलिए नवाण मंत्र का नियमित जाप करें. संभव हो तो 1250 और 125 यानी 1375 माला का जाप करें. ध्यान रहे नवाण मंत्र में ओम शब्द ना लगे क्योंकि ओम लगाने से यह दशाक्षरी हो जाता है. नवाण मंत्र के जाप से कल्याण होगा और ग्रहों की शांति भी होगी. नवग्रह की शांति इससे संभव है. यह उपाय न केवल गुप्त नवरात्रि में करें. बल्कि जीवन भर इसका पाठ और जाप करते रहें कल्याण होगा.

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गुप्त नवरात्रि की पूजा फलदाई : नवरात्रि चार होती है. 2 उदित नवरात्रि और 2 गुप्त नवरात्रि. गुप्त नवरात्रि में पूजा पाठ साधना का अत्यंत महत्व है. यह शीघ्र फलदायी होता है. गुप्त नवरात्रि के स्वर्णिम अवसर को कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए. इसका पूरा-पूरा उपयोग अपने परिवार अपने समाज राष्ट्र और विश्व की उन्नति में इसका उपयोग किया जाना चाहिए. ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ महेन्द्र कुमार ठाकुर ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. गुप्त नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक दुर्गा सप्तशती का पाठ नियमानुसार किया जाना चाहिए.

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सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का करें पाठ : ज्योतिष महेंद्र कुमार ठाकुर के मुताबिक संभव हो सके तो गुप्त नवरात्रि के दौरान सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का 11-11 पाठ प्रतिदिन करें. रात्रि के समय यह विशेष फलदायक है. यह भी संभव न हो सके तो प्रतिदिन तीन बार पाठ जरूर करें. वह भी नहीं हो सकता तो सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ एक बार अवश्य करें. नवाण मंत्र को मंत्र राज कहा गया है. इसलिए नवाण मंत्र का नियमित जाप करें. संभव हो तो 1250 और 125 यानी 1375 माला का जाप करें. ध्यान रहे नवाण मंत्र में ओम शब्द ना लगे क्योंकि ओम लगाने से यह दशाक्षरी हो जाता है. नवाण मंत्र के जाप से कल्याण होगा और ग्रहों की शांति भी होगी. नवग्रह की शांति इससे संभव है. यह उपाय न केवल गुप्त नवरात्रि में करें. बल्कि जीवन भर इसका पाठ और जाप करते रहें कल्याण होगा.

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