ETV Bharat / state

दशहरा मैदान में खड़ा हुआ रावण का कुनबा, बुराई को पत्थर मारने पहुंचे लोग - DUSSEHRA 2024

कोटा में 48 घंटे की मशक्कत के बाद खड़ा हुआ रावण का कुनबा. बुराई को पत्थर मारने के लिए दशहरा मैदान पहुंचे स्थानीय लोग.

DUSSEHRA FESTIVAL 2024
खड़ा हुआ रावण का कुनबा (ETV BHARAT KOTA)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2024, 3:56 PM IST

कोटा : कोटा के 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेले के तहत आज शाम 7:30 बजे दशहरा मैदान में रावण दहन होगा. इसके लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाथ दशहरा मैदान में आकर डट गए हैं. रावण 80 फीट ऊंचा 3D इफेक्ट वाला है, जबकि कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले 60-60 फीट के हैं. रावण को शुक्रवार देर रात ऊपर चढ़ाते समय हादसा भी हुआ था और वो करीब 40 फीट ऊंचाई से क्रेन का पट्टा टूटने के चलते गिर गया था. हालांकि, गनीमत रही कि रावण को चढ़ाने के लिए लकड़ियों के बनाए गए पेड़े पर ही वो गिरा, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.

वहीं, करीब 48 घंटे की मशक्कत के बाद रावण और उसका कुनबा आज दोपहर 1 बजे सीधे खड़े हो गए. दशहरा मैदान के विजय श्री रंगमंच के बाहर अहंकार के प्रतीक के रूप में डटकर खड़े हैं. उसमें आतिशबाजी भी लगाई जा रही है. दूसरी तरफ बुराई को पत्थर मारने की परंपरा के अनुसार स्थानीय लोग बड़ी संख्या में दशहरा मैदान पहुंच रहे हैं. ये अहंकार के प्रतीक रावण और उसके कुनबे पर पत्थर फेंक रहे हैं. हालांकि, यह पत्थर वहां पर खड़े पुलिस, होम गार्ड और अन्य सुरक्षा एजेंसी के जवानों के साथ-साथ नगर निगम के कार्मिकों और मजदूरों को भी लगने का खतरा बना है.

दशहरा मैदान में खड़ा हुआ रावण का कुनबा (ETV BHARAT KOTA)

इसे भी पढ़ें - जितने में बना रावण का कुनबा, उतना ही खड़ा करने और आतिशबाजी पर होगा खर्च

ऐसे में पुलिस ने इन सभी लोगों से समझाइश कर उन्हें दूर हटा दिया. दूसरी तरफ बड़ी संख्या में बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स रावण के कुनबे की एक झलक पाने के लिए पहुंच रहे हैं. मोबाइल से सेल्फी लेने वालों की भी होड़ लगी है. इधर, सिंधी समाज में भी पुतले के पीछे बच्चों का मुंडन कराने की परंपरा का निर्वहन किया गया.

कोटा : कोटा के 131वें राष्ट्रीय दशहरा मेले के तहत आज शाम 7:30 बजे दशहरा मैदान में रावण दहन होगा. इसके लिए रावण, कुंभकरण और मेघनाथ दशहरा मैदान में आकर डट गए हैं. रावण 80 फीट ऊंचा 3D इफेक्ट वाला है, जबकि कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले 60-60 फीट के हैं. रावण को शुक्रवार देर रात ऊपर चढ़ाते समय हादसा भी हुआ था और वो करीब 40 फीट ऊंचाई से क्रेन का पट्टा टूटने के चलते गिर गया था. हालांकि, गनीमत रही कि रावण को चढ़ाने के लिए लकड़ियों के बनाए गए पेड़े पर ही वो गिरा, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.

वहीं, करीब 48 घंटे की मशक्कत के बाद रावण और उसका कुनबा आज दोपहर 1 बजे सीधे खड़े हो गए. दशहरा मैदान के विजय श्री रंगमंच के बाहर अहंकार के प्रतीक के रूप में डटकर खड़े हैं. उसमें आतिशबाजी भी लगाई जा रही है. दूसरी तरफ बुराई को पत्थर मारने की परंपरा के अनुसार स्थानीय लोग बड़ी संख्या में दशहरा मैदान पहुंच रहे हैं. ये अहंकार के प्रतीक रावण और उसके कुनबे पर पत्थर फेंक रहे हैं. हालांकि, यह पत्थर वहां पर खड़े पुलिस, होम गार्ड और अन्य सुरक्षा एजेंसी के जवानों के साथ-साथ नगर निगम के कार्मिकों और मजदूरों को भी लगने का खतरा बना है.

दशहरा मैदान में खड़ा हुआ रावण का कुनबा (ETV BHARAT KOTA)

इसे भी पढ़ें - जितने में बना रावण का कुनबा, उतना ही खड़ा करने और आतिशबाजी पर होगा खर्च

ऐसे में पुलिस ने इन सभी लोगों से समझाइश कर उन्हें दूर हटा दिया. दूसरी तरफ बड़ी संख्या में बच्चों के साथ उनके पैरेंट्स रावण के कुनबे की एक झलक पाने के लिए पहुंच रहे हैं. मोबाइल से सेल्फी लेने वालों की भी होड़ लगी है. इधर, सिंधी समाज में भी पुतले के पीछे बच्चों का मुंडन कराने की परंपरा का निर्वहन किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.