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रावण के दरबार वाला मंदिर: मेघनाद, कुंभकर्ण समेत मंत्रिमंडल विराजमान, दशहरे पर होती पूजा, ये है मान्यता

लखनऊ में रावण का मंदिर 135 वर्ष बना था, पुजारी ने बताया क्यों होती दशानन की पूजा

ravan temple lucknow public worship good qualities dahan vijayadashami dussehra 2024 latest
यूपी के किस शहर में रावण का मंदिर. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 8:18 AM IST

लखनऊ: रावण की लोग सिर्फ बुराई देखते है, अच्छाई भी उसमे बहुत थी. वह विद्वान पंडित, शक्तिशाली और महादेव के सच्चे भक्त थे. यही वजह है कि हम लोग वर्ष में एक दिन दशहरा को हम लोग रावण की पूजा करते है. ये कहना है उत्तर प्रदेश की राजधानी के चौक इलाके में स्थित रावण मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी का, जो रावण दरबार दो दिन बाद होने वाली पूजा के लिए सजाने में जुटे है. आइये जानते है कि लखनऊ का वो कौन सा मंदिर है जहाँ रावण कि पूजा होती है?

लखनऊ में कहां है मंदिरः लखनऊ के पुराने शहर चौक में रानी कटरा स्थित चार धाम मंदिर है. यहां चारो धाम के मंदिर मौजूद है, जिसे 135 वर्ष पहले बनाया गया था लेकिन यहां आकर्षण का केंद्र रावण दरबार है. मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी ने ईटीवी भारत को बताया कि, 135 साल पहले इस चारो धाम मंदिर को कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल ने बनवाया था. नाम कि ही तरह इस मंदिर में चारों धाम हैं. सियाराम बताते है कि उनके मंदिर में रावण दरबार बना हुआ है, जो खुलता तो रोज है लेकिन दशहरा में धूमधाम से रावण कि पूजा कि जाती है. इस मंदिर में रावण का दरबार बना हुआ है, इसमें रावण सिंहासन पर बैठे है. उनके मंत्री, बेटे और भाई समेत अन्य दानव दरबार में बैठे हुए है.

मंदिर के पुजारी ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
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मंदिर में सजा रावण का दरबार. (photo credit: etv bharat)
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रावण की प्रतिमा. (photo credit: etv bharat)
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मंदिर में सजी झांकी. (photo credit: etv bharat)
क्यों होती है पूजा: सियाराम बताते है कि चार धाम मंदिर में दशहरा के दिन रावण की पूजा कि जाती है. इसके पीछे का मकसद उसकी विद्वता से सीखना और बुराइयों से खुद को दूर रखना है. वो कहते हैं कि रावण विद्वान पंडित था. महादेव का भक्त होने के साथ साथ भगवान राम के लिए उसके दिल में सम्मान था. वह जानता था कि राम के हाथों ही उसका वध होगा बावजूद इसके उसने सीता का अपहरण किया था. भक्त भी रावण में मंदिर में आते है: वहीं इस मंदिर में दर्शन करने वाले अजय शरण अवस्थी ने बताया कि, नवरात्र में वो इस मंदिर में जरूर आते है. यहां आने में एक अलग भाव उत्पन्न होते है. खासकर रावण मंदिर को देख तो आश्चर्य होता है और यह भी पता चलता है कि लाख बुराइयों के बाद भी सिर्फ ज्ञानी होने के चलते किसी की पूजा हो सकती है.




ये भी पढ़ेंः जब रतन टाटा ने मैक्सिकन दोस्तों संग निहारा था ताजमहल, 45 मिनट तक रुके थे, विजिटर बुक में लिखी थी ये बड़ी बात...

लखनऊ: रावण की लोग सिर्फ बुराई देखते है, अच्छाई भी उसमे बहुत थी. वह विद्वान पंडित, शक्तिशाली और महादेव के सच्चे भक्त थे. यही वजह है कि हम लोग वर्ष में एक दिन दशहरा को हम लोग रावण की पूजा करते है. ये कहना है उत्तर प्रदेश की राजधानी के चौक इलाके में स्थित रावण मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी का, जो रावण दरबार दो दिन बाद होने वाली पूजा के लिए सजाने में जुटे है. आइये जानते है कि लखनऊ का वो कौन सा मंदिर है जहाँ रावण कि पूजा होती है?

लखनऊ में कहां है मंदिरः लखनऊ के पुराने शहर चौक में रानी कटरा स्थित चार धाम मंदिर है. यहां चारो धाम के मंदिर मौजूद है, जिसे 135 वर्ष पहले बनाया गया था लेकिन यहां आकर्षण का केंद्र रावण दरबार है. मंदिर के पुजारी सियाराम अवस्थी ने ईटीवी भारत को बताया कि, 135 साल पहले इस चारो धाम मंदिर को कुंदन लाल कुंज बिहारी लाल ने बनवाया था. नाम कि ही तरह इस मंदिर में चारों धाम हैं. सियाराम बताते है कि उनके मंदिर में रावण दरबार बना हुआ है, जो खुलता तो रोज है लेकिन दशहरा में धूमधाम से रावण कि पूजा कि जाती है. इस मंदिर में रावण का दरबार बना हुआ है, इसमें रावण सिंहासन पर बैठे है. उनके मंत्री, बेटे और भाई समेत अन्य दानव दरबार में बैठे हुए है.

मंदिर के पुजारी ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
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मंदिर में सजा रावण का दरबार. (photo credit: etv bharat)
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रावण की प्रतिमा. (photo credit: etv bharat)
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मंदिर में सजी झांकी. (photo credit: etv bharat)
क्यों होती है पूजा: सियाराम बताते है कि चार धाम मंदिर में दशहरा के दिन रावण की पूजा कि जाती है. इसके पीछे का मकसद उसकी विद्वता से सीखना और बुराइयों से खुद को दूर रखना है. वो कहते हैं कि रावण विद्वान पंडित था. महादेव का भक्त होने के साथ साथ भगवान राम के लिए उसके दिल में सम्मान था. वह जानता था कि राम के हाथों ही उसका वध होगा बावजूद इसके उसने सीता का अपहरण किया था. भक्त भी रावण में मंदिर में आते है: वहीं इस मंदिर में दर्शन करने वाले अजय शरण अवस्थी ने बताया कि, नवरात्र में वो इस मंदिर में जरूर आते है. यहां आने में एक अलग भाव उत्पन्न होते है. खासकर रावण मंदिर को देख तो आश्चर्य होता है और यह भी पता चलता है कि लाख बुराइयों के बाद भी सिर्फ ज्ञानी होने के चलते किसी की पूजा हो सकती है.




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