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16 वर्षीय बालिका के अपहरण और दुष्कर्म मामले में रिश्ते में भाई को 20 वर्ष का कठोर कारावास - RAPE CONVICT PUNISHED BY COURT

अजमेर पॉक्सो कोर्ट ने 16 साल की बालिका के अपहरण और दुष्कर्म मामले में दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा दी है.

Rape convict punished by Court
रेपिस्ट को कठोर कारावास (ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 5, 2024, 5:30 PM IST

अजमेर: 16 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 1 लाख 55 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की कोर्ट संख्या 1 ने मामले में आरोपी को दंडित किया है. पीड़िता का अपहरण करने वाला कोई ओर नहीं, उसका रिश्ते में भाई लगता था.

विशिष्ठ लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 17 जुलाई, 2023 को पीड़िता के पिता ने केकड़ी शहर थाना में शिकायत दी थी कि बेटी 15 जुलाई को रात्रि 8 बजे बाजार में दुकान पर सामान लेने गई थी. वह एक-दो घंटे बाद भी वापस घर नहीं लौटी. तलाश करने के बावजूद भी उसका कहीं पता नहीं चला. पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि पड़ोसियों और ग्रामीणों से उसे जानकारी मिली कि आरोपी उसकी पुत्री से आम रास्ते पर बात करते हुए देखा गया था.

पढ़ें: नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 साल का कठोर कारावास

पीड़िता के पिता का आरोप था कि आरोपी उसकी बेटी को बहला फुसलाकर कहीं ले गया और उसके साथ कोई भी अनहोनी की घटना हो सकती है. केकड़ी शहर थाना पुलिस ने पीड़ित पिता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया. परिहार ने बताया कि केकड़ी शहर थाना पुलिस ने 30 जुलाई, 2023 को पीड़िता को दस्तयाब कर लिया. पुलिस ने पीड़िता के 161 और 164 के बयान दर्ज करवाए और इन बयानों के आधार पर पॉक्सो एक्ट की धारा मुकदमे में जोड़ी.

पढ़ें: पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई 20 वर्ष कठोर कारावास की सजा

विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि रास्ते में उसे आरोपी मिला और उसने कहा कि उसकी मां यानी पीड़िता की बुआ बीमार है और वह उसे अस्पताल बुआ से मिलवाने ले जा रहा है. पीड़िता ने उस पर विश्वास कर लिया और उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गई. आरोपी पीड़िता को अस्पताल नहीं ले जाकर उसे खेत पर ले गया. उसके बाद खेत से जयपुर और वहां से नापा खेड़ा होते हुए सांवर ले गया. जहां उसे अलग-अलग स्थान पर रखा और उसके साथ दुराचार किया. उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में 13 गवाह और 225 दस्तावेज पेश किए. परिहार ने बताया कि डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई.

पढ़ें: Rajasthan: आठ वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के आरोपी को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा

फैसले के साथ कोर्ट ने अपना मत जाहिर करते हुए आदेश के साथ लिखा है कि अभियुक्त की ओर से 16 वर्ष से कम आयु की नाबालिग बालिका को उसके माता-पिता के विधि पूर्ण संरक्षण से बिना सहमति के बहला फुसलाकर दुराचार किया और इस आशय से उसका अपहरण कर 10 दिन तक जबरन उसे अपने साथ रखा. उन्होंने कहा कि अभियुक्त रिश्ते में पीड़िता का भाई होकर नातेदार है. उसकी अपनी माता बीमार होने का वह अस्पताल में भर्ती होने का कहकर धोखे में रखकर उसका विश्वास तोड़ा और भाई बहन की पवित्र रिश्ते को शर्मसार किया. कोर्ट ने पीड़िता को प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए दिलवाने के आदेश दिए.

अजमेर: 16 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 1 लाख 55 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की कोर्ट संख्या 1 ने मामले में आरोपी को दंडित किया है. पीड़िता का अपहरण करने वाला कोई ओर नहीं, उसका रिश्ते में भाई लगता था.

विशिष्ठ लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 17 जुलाई, 2023 को पीड़िता के पिता ने केकड़ी शहर थाना में शिकायत दी थी कि बेटी 15 जुलाई को रात्रि 8 बजे बाजार में दुकान पर सामान लेने गई थी. वह एक-दो घंटे बाद भी वापस घर नहीं लौटी. तलाश करने के बावजूद भी उसका कहीं पता नहीं चला. पीड़िता के पिता ने पुलिस को बताया कि पड़ोसियों और ग्रामीणों से उसे जानकारी मिली कि आरोपी उसकी पुत्री से आम रास्ते पर बात करते हुए देखा गया था.

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पीड़िता के पिता का आरोप था कि आरोपी उसकी बेटी को बहला फुसलाकर कहीं ले गया और उसके साथ कोई भी अनहोनी की घटना हो सकती है. केकड़ी शहर थाना पुलिस ने पीड़ित पिता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया. परिहार ने बताया कि केकड़ी शहर थाना पुलिस ने 30 जुलाई, 2023 को पीड़िता को दस्तयाब कर लिया. पुलिस ने पीड़िता के 161 और 164 के बयान दर्ज करवाए और इन बयानों के आधार पर पॉक्सो एक्ट की धारा मुकदमे में जोड़ी.

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विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि पीड़िता ने अपने बयानों में बताया कि रास्ते में उसे आरोपी मिला और उसने कहा कि उसकी मां यानी पीड़िता की बुआ बीमार है और वह उसे अस्पताल बुआ से मिलवाने ले जा रहा है. पीड़िता ने उस पर विश्वास कर लिया और उसकी मोटरसाइकिल पर बैठ गई. आरोपी पीड़िता को अस्पताल नहीं ले जाकर उसे खेत पर ले गया. उसके बाद खेत से जयपुर और वहां से नापा खेड़ा होते हुए सांवर ले गया. जहां उसे अलग-अलग स्थान पर रखा और उसके साथ दुराचार किया. उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में 13 गवाह और 225 दस्तावेज पेश किए. परिहार ने बताया कि डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई.

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फैसले के साथ कोर्ट ने अपना मत जाहिर करते हुए आदेश के साथ लिखा है कि अभियुक्त की ओर से 16 वर्ष से कम आयु की नाबालिग बालिका को उसके माता-पिता के विधि पूर्ण संरक्षण से बिना सहमति के बहला फुसलाकर दुराचार किया और इस आशय से उसका अपहरण कर 10 दिन तक जबरन उसे अपने साथ रखा. उन्होंने कहा कि अभियुक्त रिश्ते में पीड़िता का भाई होकर नातेदार है. उसकी अपनी माता बीमार होने का वह अस्पताल में भर्ती होने का कहकर धोखे में रखकर उसका विश्वास तोड़ा और भाई बहन की पवित्र रिश्ते को शर्मसार किया. कोर्ट ने पीड़िता को प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए दिलवाने के आदेश दिए.

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