ETV Bharat / state

राव इंद्रजीत बिगाड़ेंगे विधानसभा चुनाव में बीजेपी का खेल? जानिए क्यों उठी सीएम बनाने की मांग - Rao Inderjeet Singh

Rao Inderjeet Singh: हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर केंद्रीय मंत्री और गुड़गांव सांसद राव इंद्रजीत सिंह को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठ गई है. नाबय सैनी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद ओबीसी नेता के तौर पर राव इंद्रजीत के समर्थक भी दावा ठोंकने लगे हैं. क्या राव का दांव बीजेपी के लिए भारी पड़ेगा, आइये समझते हैं.

Rao Inderjeet Singh
राव इंद्रजीत सिंह (Photo- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jul 6, 2024, 9:00 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा में गुटबाजी को लेकर कांग्रेस निशाने पर रहती थी लेकिन अब यही स्थिति बीजेपी में भी दिखाई देने लगी है. अहीरवाल क्षेत्र के बड़े नेता मानें जाने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को यादव समाज और अहीरवाल क्षेत्र के लोग कैबिनेट मंत्री या सीएम बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. यानी राव इंद्रजीत अहीरवाल क्षेत्र के सहारे हरियाणा की सत्ता तक पहुंचने की कोशिश में एक बार फिर जुट गये हैं. हरियाणा में अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव होना है. इसलिए इस मांग के कई सियासी मायने हैं.

हिसार के दो दिनों के दौरे पर आए राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक लगातार मांग कर रहे हैं कि उनका कद हरियाणा की सियासत में बहुत बड़ा है. वो साफ सुथरी छवि के नेता होने के साथ ही अहीरवाल इलाके के सबसे प्रभावशाली नेता हैं. उनके समर्थक मानते हैं कि राव इंद्रजीत का दो लोकसभा क्षेत्रों के साथ ही दक्षिण हरियाणा की करीब 18 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है. करीब आठ फीसदी वोट बैंक वाले अहीरवाल समाज के इस नेता को कम से कम उनके 6 बार सांसद बनने पर कैबिनेट मंत्री या सीएम बनाया जाना चाहिए.

राव इंद्रजीत भी जता चुके हैं सीएम बनने की इच्छा

राव इंद्रजीत भले ही खुद खुलकर ना बोलें लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद वे इशारों-इशारों में सीएम बनने की इच्छा जता चुके हैं. ये बात भी छुपी नहीं है कि 6 बार सांसद बनने के बाद भले ही उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलती रही हो लेकिन कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया. समर्थकों के अलावा भिवानी-महेन्द्रगढ़ से सांसद धर्मवीर सिंह भी खुलकर उनके समर्थन में अपनी बात कह चुके हैं.

समर्थकों की बात पर क्या कहते हैं राव इंद्रजीत सिंह

वही राव इंद्रजीत सिंह से जब सवाल किया गया कि उनके समर्थक चाहते हैं कि उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया जाए तो इस सवाल के जवाब में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वह तो हमारी पार्टी का फैसला होता है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों जब हमेशा पंचकूला आए थे तो उन्होंने फैसला कर लिया था कि नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। इस चीज का तो फैसला हो चुका है। हालांकि जब उनसे सवाल किया गया कि आप सबसे सीनियर नेता हैं और कैबिनेट का दर्जा आपको नहीं मिला है आपके समर्थकों में भी इसका रोष है? उन्होंने इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि बिल्कुल इस बात का समर्थन को में रोष है। हालांकि उन्होंने अपनी नाराजगी को हंसी में जताते हुए कहा कि अगर राजनीतिक इतिहास देखा जाए तो सबसे ज्यादा बार राज्य मंत्री बनने वाला शायद मैं ही हूं.

दक्षिण हरियाणा में राव इंद्रजीत का सीधा असर

राव इंद्रजीत अहीरवाल क्षेत्र के दिग्गज नेता हैं. वे 6 बार सांसद रह चुके हैं. उनका प्रभाव दो लोकसभा क्षेत्र भिवानी महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम सीट पर सीधा है. अहीरवाल क्षेत्र यानी दक्षिण हरियाणा की करीब 18 विधानसभा सीटों पर उनका सीधा प्रभाव है. ऐसे में तीसरी बार सत्ता में वापसी करने के लिए ताकत लगा रही बीजेपी के लिए राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी भारी पड़ सकती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि पार्टी हरियाणा में विधानसभा चुनाव सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ेगी.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल विधानसभा चुनाव सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ने के अमित शाह के ऐलान पर कहते हैं कि वो इसका स्वागत करते हैं. अहीरवाल क्षेत्र के लोगों में राव इंद्रजीत को कैबिनेट मंत्री ना बनाए जाने की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यो प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है, वे किसे क्या पोर्टफोलियो देते हैं. मुझे अपना पता है कि मैने कभी इस तरह की बात नहीं रखी कि मुझे दायित्व दिया जाए.

क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार?

राजनीतिक मामलों के जानकार अवस्थी कहते हैं कि राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा के एक बड़े नेता हैं. बीजेपी हरियाणा की सत्ता में जीटी रोड बेल्ट और दक्षिण हरियाणा से ही 2014 और 2019 में आई. यानी तीसरी बार अगर बीजेपी को हरियाणा की सत्ता में आना है तो फिर पार्टी दक्षिण हरियाणा की अनदेखी नहीं कर सकती. दक्षिण हरियाणा में राव इंद्रजीत उनके सबसे बड़े नेता हैं.

राव इंद्रजीत का सीधा असर रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम और मेवात के साथ-साथ झज्जर जिले में है. यानी 18 से 20 विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है. ऐसे में बीजेपी के लिए उनकी और उनके समर्थकों की नाराजगी भारी पड़ सकती है. वे कहते हैं कि बीजेपी भी इस बात को जानती है. ऐसे में क्या पार्टी राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी को दूर करने के लिए कोई सम्मानजनक पद दे सकती है? यह सबसे बड़ा सवाल है.

वे कहते हैं कि राव इंद्रजीत सिंह कह चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है, ऐसे में उनके समर्थक भी इसे अंतिम लड़ाई के तौर पर देख रहे हैं. यानी बीजेपी के लिए उनके समर्थकों की नाराजगी विधानसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में बीजेपी से लोगों को पहले ही नाराजगी है. अगर दक्षिण हरियाणा भी पार्टी से विमुख होता है तो फिर बीजेपी की राह आसान नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- रोहतक में सांसद सम्मान सम्मेलन में नहीं पहुंचने पर राव इंद्रजीत बोले -"मैं 74 साल का हो गया हूं,मेरी कमर में दर्द था
ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव की रूपरेखा की गई तैयार! जानें केंद्र में मनोहर लाल और राव इंद्रजीत के मंत्री बनने के क्या है मायने?
ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार का साइड इफेक्ट! राव इंद्रजीत सिंह ने उठाए सवाल- हरियाणा का अगला सीएम कौन?

चंडीगढ़: हरियाणा में गुटबाजी को लेकर कांग्रेस निशाने पर रहती थी लेकिन अब यही स्थिति बीजेपी में भी दिखाई देने लगी है. अहीरवाल क्षेत्र के बड़े नेता मानें जाने वाले केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को यादव समाज और अहीरवाल क्षेत्र के लोग कैबिनेट मंत्री या सीएम बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. यानी राव इंद्रजीत अहीरवाल क्षेत्र के सहारे हरियाणा की सत्ता तक पहुंचने की कोशिश में एक बार फिर जुट गये हैं. हरियाणा में अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव होना है. इसलिए इस मांग के कई सियासी मायने हैं.

हिसार के दो दिनों के दौरे पर आए राव इंद्रजीत सिंह के समर्थक लगातार मांग कर रहे हैं कि उनका कद हरियाणा की सियासत में बहुत बड़ा है. वो साफ सुथरी छवि के नेता होने के साथ ही अहीरवाल इलाके के सबसे प्रभावशाली नेता हैं. उनके समर्थक मानते हैं कि राव इंद्रजीत का दो लोकसभा क्षेत्रों के साथ ही दक्षिण हरियाणा की करीब 18 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है. करीब आठ फीसदी वोट बैंक वाले अहीरवाल समाज के इस नेता को कम से कम उनके 6 बार सांसद बनने पर कैबिनेट मंत्री या सीएम बनाया जाना चाहिए.

राव इंद्रजीत भी जता चुके हैं सीएम बनने की इच्छा

राव इंद्रजीत भले ही खुद खुलकर ना बोलें लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद वे इशारों-इशारों में सीएम बनने की इच्छा जता चुके हैं. ये बात भी छुपी नहीं है कि 6 बार सांसद बनने के बाद भले ही उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलती रही हो लेकिन कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया गया. समर्थकों के अलावा भिवानी-महेन्द्रगढ़ से सांसद धर्मवीर सिंह भी खुलकर उनके समर्थन में अपनी बात कह चुके हैं.

समर्थकों की बात पर क्या कहते हैं राव इंद्रजीत सिंह

वही राव इंद्रजीत सिंह से जब सवाल किया गया कि उनके समर्थक चाहते हैं कि उन्हें हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया जाए तो इस सवाल के जवाब में राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वह तो हमारी पार्टी का फैसला होता है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों जब हमेशा पंचकूला आए थे तो उन्होंने फैसला कर लिया था कि नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में ही विधानसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। इस चीज का तो फैसला हो चुका है। हालांकि जब उनसे सवाल किया गया कि आप सबसे सीनियर नेता हैं और कैबिनेट का दर्जा आपको नहीं मिला है आपके समर्थकों में भी इसका रोष है? उन्होंने इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि बिल्कुल इस बात का समर्थन को में रोष है। हालांकि उन्होंने अपनी नाराजगी को हंसी में जताते हुए कहा कि अगर राजनीतिक इतिहास देखा जाए तो सबसे ज्यादा बार राज्य मंत्री बनने वाला शायद मैं ही हूं.

दक्षिण हरियाणा में राव इंद्रजीत का सीधा असर

राव इंद्रजीत अहीरवाल क्षेत्र के दिग्गज नेता हैं. वे 6 बार सांसद रह चुके हैं. उनका प्रभाव दो लोकसभा क्षेत्र भिवानी महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम सीट पर सीधा है. अहीरवाल क्षेत्र यानी दक्षिण हरियाणा की करीब 18 विधानसभा सीटों पर उनका सीधा प्रभाव है. ऐसे में तीसरी बार सत्ता में वापसी करने के लिए ताकत लगा रही बीजेपी के लिए राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी भारी पड़ सकती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि पार्टी हरियाणा में विधानसभा चुनाव सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ेगी.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल विधानसभा चुनाव सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में लड़ने के अमित शाह के ऐलान पर कहते हैं कि वो इसका स्वागत करते हैं. अहीरवाल क्षेत्र के लोगों में राव इंद्रजीत को कैबिनेट मंत्री ना बनाए जाने की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यो प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है, वे किसे क्या पोर्टफोलियो देते हैं. मुझे अपना पता है कि मैने कभी इस तरह की बात नहीं रखी कि मुझे दायित्व दिया जाए.

क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार?

राजनीतिक मामलों के जानकार अवस्थी कहते हैं कि राव इंद्रजीत दक्षिण हरियाणा के एक बड़े नेता हैं. बीजेपी हरियाणा की सत्ता में जीटी रोड बेल्ट और दक्षिण हरियाणा से ही 2014 और 2019 में आई. यानी तीसरी बार अगर बीजेपी को हरियाणा की सत्ता में आना है तो फिर पार्टी दक्षिण हरियाणा की अनदेखी नहीं कर सकती. दक्षिण हरियाणा में राव इंद्रजीत उनके सबसे बड़े नेता हैं.

राव इंद्रजीत का सीधा असर रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम और मेवात के साथ-साथ झज्जर जिले में है. यानी 18 से 20 विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है. ऐसे में बीजेपी के लिए उनकी और उनके समर्थकों की नाराजगी भारी पड़ सकती है. वे कहते हैं कि बीजेपी भी इस बात को जानती है. ऐसे में क्या पार्टी राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी को दूर करने के लिए कोई सम्मानजनक पद दे सकती है? यह सबसे बड़ा सवाल है.

वे कहते हैं कि राव इंद्रजीत सिंह कह चुके हैं कि यह उनका अंतिम चुनाव है, ऐसे में उनके समर्थक भी इसे अंतिम लड़ाई के तौर पर देख रहे हैं. यानी बीजेपी के लिए उनके समर्थकों की नाराजगी विधानसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में बीजेपी से लोगों को पहले ही नाराजगी है. अगर दक्षिण हरियाणा भी पार्टी से विमुख होता है तो फिर बीजेपी की राह आसान नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- रोहतक में सांसद सम्मान सम्मेलन में नहीं पहुंचने पर राव इंद्रजीत बोले -"मैं 74 साल का हो गया हूं,मेरी कमर में दर्द था
ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव की रूपरेखा की गई तैयार! जानें केंद्र में मनोहर लाल और राव इंद्रजीत के मंत्री बनने के क्या है मायने?
ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार का साइड इफेक्ट! राव इंद्रजीत सिंह ने उठाए सवाल- हरियाणा का अगला सीएम कौन?
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.