रामपुर: रामपुर कोतवाली सिविल लाइंस क्षेत्र के रायपुर गांव में 7 मई 2024 को हुए गोलीकांड के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार विरोधी पक्ष पर क्राॅस रिपोर्ट दर्ज कराने और फंसाने के लिए कुछ लोगों ने साजिश रची थी. तफ्तीश में मामला उजागर होने के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी के अनुसार मामला 29 जुलाई 2023 का है. रायपुर गांव में मोहर्रम का जुलूस निकलने के दौरान कुछ उपद्रव हुआ था. इस दौरान बब्बू पक्ष ने जाकिर प्रधान के परिवार पर हमला बोल दिया था. इसमें कई लोग घायल हुए थे. इस मामले में जाकिर पक्ष ने विरोधी पक्ष ने मुकदमा लिखाया था. इस मुकदमे को क्रॉस केस बनाने और समझौता करने के लिए इन लोगों ने 7 मई 2024 को खुद गोली मार कर यह षड्यंत्र रचा था. इस मामले में आरोपी पक्ष के लोगों को जेल भेजा गया और एनएसए की कार्रवाई की गई थी.
पुलिस अधीक्षक के अनुसार जांच के दौरान पता चला कि रायपुर गांव के बब्बू और जाकिर प्रधान के बीच पुरानी रंजिश है. मोहर्रम के दिन हुए मुकदमे में समझौता कराने के लिए क्रॉस केस बनाने के लिए बब्बू के कुछ लोगों ने खुद को गोली मार ली थी. गोली मारने का आरोप जाकिर पक्ष पर लगाया. सूचना मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सभी घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा था. प्रथमदृष्ट्या मामला संदिग्ध लग रहा था. इसके बाद सीओ सिटी जितेंद्र कुमार और सिविल लाइन थाना अध्यक्ष अजय कुमार मिश्रा ने जांच की तो मामला फर्जी निकला. सीसीटीवी कैमरे की जांच, मुखबिर की सूचना और घटना के कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया.