शिमला: हिमाचल में चल रहे मौजूदा सियासी जंग के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कई निर्णय लिए हैं. पिछले चार दिनों से सभी तरह से प्रयासों के बाद भी सरकार पर छाए संकट के बादल छंटते हुए नहीं दिख रहे हैं. लेकिन फिर भी सुखविंदर सिंह सुक्खू कई तरह के निर्णय लेकर सरकार को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे हैं. इसी राजनीतिक उठापटक के बीच सुक्खू सरकार ने रामपुर के विधायक नंदलाल को 7 वें वित्त आयोग का चेयरमैन बनाया है. ये पद कैबिनेट स्तर का होगा. जिसकी अधिसूचना जारी की गई है.
इसी तरह से सरकार ने ग्रुप-सी और ग्रुप-डी सरकारी कर्मचारियों की सामान्य ट्रांसफर से भी बैन हटा दिया हैं. वहीं, सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने बेरोजगारों के लिए राहत की खबर लाई है. जिसके तहत जल शक्ति विभाग सहायक अभियंता के 15 पद भरे जाएंगे, इसकी अधिसूचना जारी की गई है.
31 मार्च तक होगी ट्रांसफर: हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों में सामान्य तबादलों पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया हैं. ऐसे में अब 2 से 31 मार्च तक ग्रुप-सी और ग्रुप-डी के कर्मचारियों की ट्रांसफर हो सकती है. जिसके लिए सरकार ने शर्तें तय की हैं. जिसकी स्थानांतरण के समय सख्ती के साथ पालना करनी होगी. जिसमें मुख्य तौर पर ट्रांसफर के समय किसी कर्मचारी के तीन वर्ष के सामान्य कार्यकाल पर विचार करने के आदेश जारी किए किए गए हैं.
हालांकि, प्रशासनिक जरूरतों के हिसाब से एक स्टेशन पर कम से कम दो साल का कार्यकाल वाले कर्मचारी की ट्रांसफर भी विचार किया जा सकता है. इसके लिए प्रभारी मंत्री अपने संबंधित विभागों में स्थानांतरण को मंजूरी देने के लिए अधिकृत होंगे. जिन्होंने स्थान पर सामान्य प्रवास पूरा कर लिया है. प्रशासनिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्थानांतरण न्यूनतम अवधि तक सीमित रहेंगे और किसी भी स्थिति में विभाग में संबंधित कैडर की स्ट्रैंथ 3 फीसदी से अधिक नहीं होगी. वहीं, ट्रांसफर के लिए कर्मचारी अपने विभाग में आवेदन कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त 1 अप्रैल या आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ट्रांसफर पर फिर से बैन लग जाएगा.
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