नई दिल्ली: दिल्ली में रामलीला का आयोजन हर वर्ष धूमधाम से किया जाता है, लेकिन जनकपुरी की रामलीला कुछ खास है. यहां एक अद्वितीय मंचन के तहत महज तीन घंटे में राम जन्म से लेकर राम राज्याभिषेक तक की कथा का प्रभावशाली प्रदर्शन होता है. और इसे और भी विशेष बनाता है सात अलग-अलग स्टेज पर निहित लाइट और साउंड की अत्याधुनिक तकनीक, जो मंचन को एक भव्य रूप प्रदान करती है.
इस वर्ष, हनुमान गढ़ी के मुख्य महंत हेमंत दास ने इस रामलीला में भाग लिया और उन्होंने इसकी भव्यता की प्रशंसा की. उनके अनुसार, यह रामलीला का मंचन मात्र देखने लायक है, बल्कि यह समाज में राम के आदर्शों को भी प्रेषित करती है. उन्होंने इस बात का ध्यान आकर्षित किया कि इस भव्य मंचन की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भी की जा चुकी है, जो इसकी महत्ता को और बढ़ाता है.
अद्वितीय आयोजन की विशेषताएं: जनकपुरी की रामलीला में पिछले तीन दशकों से अधिक समय से लाइट और साउंड के साथ-साथ अलग-अलग स्टेज पर अभिनय हो रहा है. यह एक विशेष प्रकार का आयोजन है, जो अन्य रामलीलाओं से भिन्न है, क्योंकि यह समारोह 10 दिनों का नहीं, बल्कि केवल 7 दिनों का होता है. हर दिन तीन घंटे का मंचन होता है, जिससे दर्शकों को सम्पूर्ण राम कथा का लुत्फ उठाने का मौका मिलता है. यह विशेषता विशेष रूप से उन लोगों के लिए आकर्षक है जिनके पास समय की कमी है, क्योंकि वे एक ही दिन में सम्पूर्ण रामलीला देख सकते हैं.
उत्साह और प्रशंसा की लहर
आयोजकों ने इस बात की प्रसन्नता व्यक्त की कि इस बार रामलीला कमेटी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत खत प्राप्त हुआ है. इसके साथ ही, अयोध्या से आये हनुमानगढ़ी के महंत का आगमन इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बना रहा है। इस बार की रामलीला में दोगुनी खुशी का एहसास हो रहा है, जिससे आयोजक पूरी उत्साह के साथ इस महोत्सव को सफल बनाने में जुटे हैं.