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पीपीपी मोड से हटेगा रामनगर का सरकारी अस्पताल, सरकार ने अपने हाथों में ली कमान - Ramnagar Government Hospital - RAMNAGAR GOVERNMENT HOSPITAL

Ramnagar Government Hospital रामनगर के स्वर्गीय रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त अस्पताल को अब पीपीपी मोड से हटा दिया है. पीपीपी मोड संचालक को 6 जुलाई तक अस्पताल हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 6, 2024, 3:38 PM IST

रामनगर: कुमाऊं और गढ़वाल के प्रवेश द्वार रामनगर स्थित स्वर्गीय रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय को करीब 4 वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने पीपीपी मोड पर दिया था, जिसका उद्देश्य यहां पर आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना था. लेकिन लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है. ऐसे में अब अस्पताल को पीपीपी मोड से बाहर करने का फैसला लिया गया है.

बता दें कि अस्पताल के स्टाफ पर लगातार मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ बदसलूकी करने के आरोप लगते रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के रामनगर आगमन पर भी अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर जनता द्वारा शिकायतें की जा चुकी हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक ओर यहां आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था और लोगों को बेहतर इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है.

विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि लगातार अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें मिल रही थी. पीपीपी मोड पर भी अस्पताल को संचालित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पैसा दिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि लगातार शिकायतें से और जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं देने को लेकर सरकार ने अब इस अस्पताल को पीपीपी मोड से वापस लेने के साथ-साथ पूर्व की भांति सरकारी तंत्र पर संचालित करने का फैसला लिया है.

दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि अब यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती करने के साथ-साथ संसाधनों को पूरा किया जाएगा. जिससे यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों को इसका लाभ मिल सके. वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि अस्पताल में मरीज को उपचार मिलना तो दूर यहां अस्पताल सिर्फ रेफर केंद्र बन गया था. उन्होंने कहा कि कई मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. सरकारी अस्पताल को पूर्व की भांति संचालित करने के साथ-साथ यहां पर बेहतर चिकित्सकों और संसाधनों की कमी सरकार को पूरी करनी चाहिए.

चिकित्सालय की सीएमएस डॉक्टर चंद्रा पंत ने बताया कि इस संबंध में संबंधित कंपनी को एक पत्र विभाग द्वारा जारी किया गया है. 6 जुलाई 2024 को इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर संचालित होते हुए 4 वर्ष पूरे हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पत्र के माध्यम से संबंधित कंपनी को 6 जुलाई तक इस अस्पताल को हस्तांतरित करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही 7 जुलाई से इस अस्पताल को सरकारी तंत्र पर चलाया जाएगा .

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रामनगर: कुमाऊं और गढ़वाल के प्रवेश द्वार रामनगर स्थित स्वर्गीय रामदत्त जोशी राजकीय संयुक्त चिकित्सालय को करीब 4 वर्ष पूर्व प्रदेश सरकार ने पीपीपी मोड पर दिया था, जिसका उद्देश्य यहां पर आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना था. लेकिन लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा है. ऐसे में अब अस्पताल को पीपीपी मोड से बाहर करने का फैसला लिया गया है.

बता दें कि अस्पताल के स्टाफ पर लगातार मरीजों और उनके तीमारदारों के साथ बदसलूकी करने के आरोप लगते रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के रामनगर आगमन पर भी अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर जनता द्वारा शिकायतें की जा चुकी हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक ओर यहां आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था और लोगों को बेहतर इलाज के लिए शहरों का रुख करना पड़ता है.

विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि लगातार अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर शिकायतें मिल रही थी. पीपीपी मोड पर भी अस्पताल को संचालित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पैसा दिया जा रहा था. उन्होंने कहा कि लगातार शिकायतें से और जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं देने को लेकर सरकार ने अब इस अस्पताल को पीपीपी मोड से वापस लेने के साथ-साथ पूर्व की भांति सरकारी तंत्र पर संचालित करने का फैसला लिया है.

दीवान सिंह बिष्ट ने बताया कि अब यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती करने के साथ-साथ संसाधनों को पूरा किया जाएगा. जिससे यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों को इसका लाभ मिल सके. वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि अस्पताल में मरीज को उपचार मिलना तो दूर यहां अस्पताल सिर्फ रेफर केंद्र बन गया था. उन्होंने कहा कि कई मरीजों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. सरकारी अस्पताल को पूर्व की भांति संचालित करने के साथ-साथ यहां पर बेहतर चिकित्सकों और संसाधनों की कमी सरकार को पूरी करनी चाहिए.

चिकित्सालय की सीएमएस डॉक्टर चंद्रा पंत ने बताया कि इस संबंध में संबंधित कंपनी को एक पत्र विभाग द्वारा जारी किया गया है. 6 जुलाई 2024 को इस अस्पताल को पीपीपी मोड पर संचालित होते हुए 4 वर्ष पूरे हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि पत्र के माध्यम से संबंधित कंपनी को 6 जुलाई तक इस अस्पताल को हस्तांतरित करने के आदेश दिए गए हैं. साथ ही 7 जुलाई से इस अस्पताल को सरकारी तंत्र पर चलाया जाएगा .

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