चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने राम रहीम को झटका दिया है. डेरा सच्चा सौदा सिरसा में साधुओं को ईश्वर से मिलवाने के नाम पर नपुंसक बनाने के मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान हाई कोर्ट ने मामले की केस डायरी डेरा मुखी को सौंपने के सीबीआई स्पेशल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट ने मामला दोबारा सीबीआई स्पेशल कोर्ट को भेजते हुए इसमें नए सिरे से फैसला लेने का आदेश दिया है.
राम रहीम की मुश्किलें बढ़ी: मतलब ये कि राम रहीम के खिलाफ फिर से सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में साधुओं को नपुंसक बनाने का केस चलेगा. सीबीआई ने 2019 में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी थी. सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख को अपना बचाव तैयार करने के लिए ये केस डायरी, गवाहों के बयान और अन्य दस्तावेज उपलब्ध करवाने का आदेश दिया था.
CBI कोर्ट में चलेगा साधुओं को नपुंसक बनाने का केस: हाई कोर्ट ने ही डेरे में साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था. सीबीआई ने मामले की जांच कर हाई कोर्ट में सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट दे दी थी. ये केस अब पंचकूला की सीबीआई ट्रायल कोर्ट में चल रहा है. ट्रायल कोर्ट ने 2019 में डेरा मुखी की एक अर्जी पर इस मामले की केस डायरी उसे सौंपने का सीबीआई को आदेश दिया था. सीबीआई ने इसी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.
नए सिरे से लिया जाएगा फैसला: हाई कोर्ट ने कहा कि सीबीआई की विशेष अदालत का ये आदेश गलत था. पुलिस को दिए गए बयानों की कोई अहमियत नहीं होती है, ऐसे में 87 गवाहों की गवाही डेरा प्रमुख को सौंपने का कोई औचित्य नहीं है. स्पेशल कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इस बात पर गौर नहीं किया कि जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं. असल में उनको उपलब्ध करवाने का औचित्य क्या है. हाई कोर्ट ने इसे फिशिंग इंक्वायरी करार दिया, जो कानून के अनुसार अस्वीकार्य है. ऐसे में अब हाई कोर्ट ने मामले को दोबारा सीबीआई कोर्ट में भेजा है, ताकि केस में नए सिरे से निर्णय लिया जा सके.