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अयोध्या राम मंदिर दर्शन को सैकड़ों किलोमीटर साइकिल से पहुंचे रामभक्त, 2 टन रंगोली से सजेगी रामलला की नगरी

अयोध्या राम मंदिर दर्शन को सैकड़ों किलोमीटर साइकिल से रामभक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं. चलिए जानते हैं इनके बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 21, 2024, 9:33 AM IST

Updated : Jan 21, 2024, 10:09 AM IST

अयोध्याः 'तुम उठो सिया श्रृंगार करो शिव धनुष राम ने तोड़ा है.' अयोध्या भगवान राम के गीतों से गूंज रही है. हर कोई राम नाम में रमा हुआ है. किसी से भी राह चलते पूछ लो कैसी लग रही है अयोध्या. सभी का एक ही जवाब मिल रहा है, 'रामलला आ रहे हैं. अयोध्यावासियों से अधिक खुशी किसे मिल रही होगी? अयोध्या त्रेतायुग सी हो गई है.' मगर कुछ ऐसे लोग हैं जो अयोध्या के नहीं है और उनकी खुशी भी किसी से कम नहीं है. किसी ने कसम ली थी कि मंदिर बनने के बाद साइकिल से अयोध्या पहुंचूंगा तो कोई अपनी भक्ति में साइकिल से ही चला आ रहा है. हर कोई राम नाम की ऐसी धुन में है अयोध्या का उल्लास और भी बढ़ता जा रहा है.

हनुमानगढ़ी के सामने से छोटी छावनी की तरफ एक रास्ता जाता है. इस रास्ते पर उतरते ही घरों के ऊपर राम नाम के भगवा ध्वज देखने को मिल जाते हैं. ये रास्ता छोटी छावनी, तुलसी स्मारक, तपस्वी की छावनी की तरफ भी जाता है. हम यहीं पर अयोध्या और छावनियों का मिलाजुला उत्साह देखने के लिए टहल रहे हैं. तमाम पर्यटक भगवा रंग में रंगे दिखाई पड़ रहे हैं. हर कोई भगवा रंग के अंगवस्त्र के साथ है. माथे पर राम नाम का तिलक है. यह सब देखते हुए हमारी नजर एक साइकिल पर पड़ती है. साइकिल पर एक बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है- शमसाबाद आगरा से अयोध्या धाम. इस साइकिल के साथ अखिलेश चौहान हैं, जो साइकिल से ही यहां आए हैं.

आगरा से अयोध्या साइकिल से पहुंचे
अखिलेश बताते हैं कि आगरा से अयोध्या साइकिल चलाकर पहुंचे हैं. यहां आने में साढ़े चार दिन लगे हैं. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था तब सोचा था कि अगर राम मंदिर बनता है तो साइकिल लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. अब जब मंदिर बन रहा है तब साइकिल लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि ठंड के समय में चार दिन साइकिल चलाकर आना आसान नहीं था, लेकिन फिर भी रामलला की कृपा से साइकिल चलाकर पहुंच गए. अयोध्या पहले से बहुत बदल गई है. सड़कें चौड़ी हो चुकी हैं. हर तरफ राम नाम का मौहाल है. यहां आने पर लोगों में राम मंदिर को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला है. राम की पैड़ी भी पहले से बहुत अच्छी हो गई है.

ओडिशा से साइकिल लेकर अयोध्या आए
थोड़ी ही दूरी पर आगे बढ़ने पर एक और साइकिल यात्री मिल गए. इन्होंने भी अपनी साइकिल पर बोर्ड लगा रखा है. इस पर लिखा है, साइकिल यात्रा श्री श्री सिद्ध बलदेवजीऊ तुलसी क्षेत्र, केंन्द्रापडा ओडिशा. इस साइकिल यात्रा को नगेन चंद्र बिहारी पूरा कर रहे हैं. उनका कहना है कि ओडिशा से साइकिल से अयोध्या धाम पहुंचे हैं. करीब 12 दिन से अधिक समय में यात्रा पूरा करने के बाद यहां आकर बहुत ही अच्छा लग रहा है. साल 2014 में पहली बार यहां पर आया था. तब राम मंदिर बनाए जाने की इच्छा लेकर वापस गया था. अब जब राम मंदिर बनकर तैयार होने को है और रामलला महल में विराजमान होने जा रहे हैं तो साइकिल से यात्रा करते हुए अयोध्या पहुंचा हूं.

2 टन रंगोली से सजाएंगे अयोध्या
महाराष्ट्र के सांगली से आए हुए सुनिल कुंभार कांदे रंगोली कलाकार हैं. वे अपनी बाइक लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने 1800 किलोमीटर की यात्रा बाइक से ही पूरी की है. उन्होंने अपनी यात्रा 10 जनवरी को शुरू की थी. सुनिल बताते हैं कि, अयोध्या पहुंचने के लिए पांच दिन लगे हैं. अयोध्या आने के बीच पड़ने वाले 25 शहरों में उन्होंने रंगोली बनाई है. अपने सहयोगी आकाश सुतार के साथ मिलकर अयोध्या के रास्तों को रंगोली से सजा रहे हैं. उन्होंने बताया कि, दो टन रंगोली खरीदकर पूरे अयोध्या शहर में रंगोली बनाने का काम किया जाएगा. मैं लगभग 15 साल से रंगोली बनाने का काम कर रहा हूं. भगवान राम के प्रति आस्था है, जिसके लिए हम अयोध्या को रंगोली से सजाने का काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः अयोध्या जाने के लिए दूसरे की पत्नी को बताया था अपनी, जानिए कारसेवक राजू पाठक की कहानी

ये भी पढ़ेंः राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का शेड्यूल जारी, आप भी जानिए 22 तारीख को कब क्या होगा?

अयोध्याः 'तुम उठो सिया श्रृंगार करो शिव धनुष राम ने तोड़ा है.' अयोध्या भगवान राम के गीतों से गूंज रही है. हर कोई राम नाम में रमा हुआ है. किसी से भी राह चलते पूछ लो कैसी लग रही है अयोध्या. सभी का एक ही जवाब मिल रहा है, 'रामलला आ रहे हैं. अयोध्यावासियों से अधिक खुशी किसे मिल रही होगी? अयोध्या त्रेतायुग सी हो गई है.' मगर कुछ ऐसे लोग हैं जो अयोध्या के नहीं है और उनकी खुशी भी किसी से कम नहीं है. किसी ने कसम ली थी कि मंदिर बनने के बाद साइकिल से अयोध्या पहुंचूंगा तो कोई अपनी भक्ति में साइकिल से ही चला आ रहा है. हर कोई राम नाम की ऐसी धुन में है अयोध्या का उल्लास और भी बढ़ता जा रहा है.

हनुमानगढ़ी के सामने से छोटी छावनी की तरफ एक रास्ता जाता है. इस रास्ते पर उतरते ही घरों के ऊपर राम नाम के भगवा ध्वज देखने को मिल जाते हैं. ये रास्ता छोटी छावनी, तुलसी स्मारक, तपस्वी की छावनी की तरफ भी जाता है. हम यहीं पर अयोध्या और छावनियों का मिलाजुला उत्साह देखने के लिए टहल रहे हैं. तमाम पर्यटक भगवा रंग में रंगे दिखाई पड़ रहे हैं. हर कोई भगवा रंग के अंगवस्त्र के साथ है. माथे पर राम नाम का तिलक है. यह सब देखते हुए हमारी नजर एक साइकिल पर पड़ती है. साइकिल पर एक बोर्ड लगा हुआ है, जिस पर लिखा है- शमसाबाद आगरा से अयोध्या धाम. इस साइकिल के साथ अखिलेश चौहान हैं, जो साइकिल से ही यहां आए हैं.

आगरा से अयोध्या साइकिल से पहुंचे
अखिलेश बताते हैं कि आगरा से अयोध्या साइकिल चलाकर पहुंचे हैं. यहां आने में साढ़े चार दिन लगे हैं. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था तब सोचा था कि अगर राम मंदिर बनता है तो साइकिल लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. अब जब मंदिर बन रहा है तब साइकिल लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि ठंड के समय में चार दिन साइकिल चलाकर आना आसान नहीं था, लेकिन फिर भी रामलला की कृपा से साइकिल चलाकर पहुंच गए. अयोध्या पहले से बहुत बदल गई है. सड़कें चौड़ी हो चुकी हैं. हर तरफ राम नाम का मौहाल है. यहां आने पर लोगों में राम मंदिर को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला है. राम की पैड़ी भी पहले से बहुत अच्छी हो गई है.

ओडिशा से साइकिल लेकर अयोध्या आए
थोड़ी ही दूरी पर आगे बढ़ने पर एक और साइकिल यात्री मिल गए. इन्होंने भी अपनी साइकिल पर बोर्ड लगा रखा है. इस पर लिखा है, साइकिल यात्रा श्री श्री सिद्ध बलदेवजीऊ तुलसी क्षेत्र, केंन्द्रापडा ओडिशा. इस साइकिल यात्रा को नगेन चंद्र बिहारी पूरा कर रहे हैं. उनका कहना है कि ओडिशा से साइकिल से अयोध्या धाम पहुंचे हैं. करीब 12 दिन से अधिक समय में यात्रा पूरा करने के बाद यहां आकर बहुत ही अच्छा लग रहा है. साल 2014 में पहली बार यहां पर आया था. तब राम मंदिर बनाए जाने की इच्छा लेकर वापस गया था. अब जब राम मंदिर बनकर तैयार होने को है और रामलला महल में विराजमान होने जा रहे हैं तो साइकिल से यात्रा करते हुए अयोध्या पहुंचा हूं.

2 टन रंगोली से सजाएंगे अयोध्यामहाराष्ट्र के सांगली से आए हुए सुनिल कुंभार कांदे रंगोली कलाकार हैं. वे अपनी बाइक लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. उन्होंने 1800 किलोमीटर की यात्रा बाइक से ही पूरी की है. उन्होंने अपनी यात्रा 10 जनवरी को शुरू की थी. सुनिल बताते हैं कि, अयोध्या पहुंचने के लिए पांच दिन लगे हैं. अयोध्या आने के बीच पड़ने वाले 25 शहरों में उन्होंने रंगोली बनाई है. अपने सहयोगी आकाश सुतार के साथ मिलकर अयोध्या के रास्तों को रंगोली से सजा रहे हैं. उन्होंने बताया कि, दो टन रंगोली खरीदकर पूरे अयोध्या शहर में रंगोली बनाने का काम किया जाएगा. मैं लगभग 15 साल से रंगोली बनाने का काम कर रहा हूं. भगवान राम के प्रति आस्था है, जिसके लिए हम अयोध्या को रंगोली से सजाने का काम कर रहे हैं.

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Last Updated : Jan 21, 2024, 10:09 AM IST
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