शिमला: हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव में बगावत करने वाले दो नेताओं पर भाजपा ने बड़ी कार्रवाई की है. पूर्व की सरकार में मंत्री रहे रामलाल मारकंडा और राकेश चौधरी को भाजपा ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. लाहौल-स्पीति में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए रवि ठाकुर को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, रामलाल मारकंडा लाहौल-स्पीति से टिकट न मिलने पर आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतर गए हैं. जिसको देखते हुए भाजपा ने अनुशासनहीनता की कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. भाजपा के बड़े नेताओं ने हालांकि रामलाल मारकंडा को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वह चुनाव लड़ने की जिद पर ही अड़े रहे.
वहीं, दूसरी तरफ धर्मशाला से राकेश चौधरी पर भी भाजपा ने कार्रवाई की है. 2022 में राकेश चौधरी भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे, जो की सुधीर शर्मा से हार गए थे. वहीं, अब जब दोबारा से वहां पर उपचुनाव हो रहे हैं तो भाजपा ने कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए सुधीर शर्मा को टिकट दी है. ऐसे में राकेश चौधरी ने अपनी पार्टी से बगावत कर आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन भरा है. वही नामांकन वापस लाने की आज अंतिम तिथि है. भाजपा के बड़े नेताओं द्वारा इन दोनों नेताओं से बात की गई, लेकिन यह दोनों नेता को मनाने में भाजपा कामयाब नहीं हो पाई. जिसके चलते भाजपा ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
दोनों विधानसभा में भाजपा को होगा नुकसान!
हिमाचल प्रदेश में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. भाजपा 4 विधानसभा क्षेत्रों में अपनों को मनाने में कामयाब हुई है, लेकिन लाहौल स्पीति और धर्मशाला में अपने नेताओं को नहीं मना पाई. ऐसे में इन दोनों विधानसभा में भाजपा को नुकसान हो सकता है. रामलाल मारकंडे का लाहौल स्पीति में काफी अच्छा वोट बैंक है. पूर्व में मंत्री भी रहे हैं. वहीं, धर्मशाला से भी राकेश चौधरी भाजपा उम्मीदवार को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं. राकेश चौधरी 2022 विधानसभा चुनाव में 3000 वोटो से ही सुधीर शर्मा से हारे थे. वहीं, यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.
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