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ये 'खास' बच्चे अपने हाथों से रेशम के धागों में पिरो रहे प्यार, रक्षा'बंधन' को और किया मजबूत - Raksha Bandhan 2024

SPECIAL CHILDREN HANDMADE RAKHIS, श्रीगंगानगर के जुबिन स्पास्टिक होम एंड चेरिटेबल ट्रस्ट में स्पेशल बच्चों की ओर से स्पेशल राखियां बनाई जा रही हैं. इन्होंने राखियों के अलावा सजावट करने का सामान भी बनाया है. पढ़िए ये रिपोर्ट...

स्पेशल बच्चों की स्पेशल राखियां
स्पेशल बच्चों की स्पेशल राखियां (ETV Bharat Sri Ganganagar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 19, 2024, 6:02 AM IST

श्रीगंगानगर के स्पेशल बच्चों ने बनाया स्पेशल राखियां (ETV Bharat Sri Ganganagar)

श्रीगंगानगर: वैसे तो श्रीगंगानगर में हुनरमंदों की कोई कमी नहीं है, जिनके हुनर को देखकर हर कोई फैन हो जाता है. आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं ऐसे हुनरमंदों से जो, अपनी कलाकारी से भाई-बहन के प्यार के पर्व रक्षाबंधन को और मजबूत कर रहे हैं. साथ ही अपने जीवन को भी संवार रहे हैं. रेशम के धागों में रंग-बिरंगे मोतियों में प्यार पिरो रहे ये बच्चे कोई आम बच्चे नहीं हैं, बल्कि ये स्पेशल बच्चे हैं.

राखियों के अलावा सजावट करने का सामान भी बनाया : अगर हौसला हो तो किसी तरह की रुकावट आपको मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती. ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है श्रीगंगानगर के जुबिन स्पास्टिक होम एंड चेरिटेबल ट्रस्ट में, जहां स्पेशल बच्चों ने अपनी मेहनत से आमजन को ऐसा ही संदेश दिया है. यहां मानसिक तौर पर विक्षिप्त या सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित बच्चों ने रक्षाबंधन के मौके पर अपने हाथों से सुंदर-सुंदर राखियां बनाईं हैं.

हाथों से राखी बनाती छात्रा
हाथों से राखी बनाती छात्रा (ETV Bharat Sri Ganganagar)

पढे़ं : सात समंदर पार पहुंची अलवर की राखी, 5 हजार की पूंजी से हुई थी धंधे की शुरुआत, आज टर्न ओवर जान सिर पर रख लेंगे हाथ - Raksha Bandhan 2024

पढ़ें : हांगकांग, मस्कट व दुबई तक भाइयों की कलाई पर सजेगी भरतपुर की यह खास राखी, तुलसी व अश्वगंधा के रूप में महकेगी - Rakhi made of cow dung

यही नहीं, इन बच्चों ने राखियों के अलावा सजावट करने का सामान भी बनाया है. इन बच्चों को ट्रेनिंग देने वाली टीचर ईशा का कहना है कि इन दिव्यांग बच्चों ने ये वस्तुएं बना कर यह सिद्ध किया है कि ये किसी से कम नहीं हैं. दिव्यांग बच्चों ने राखियों के अलावा बंदनवार, कैंडल, रंग बिरंगे दीए, होल्डर, शगुन के लिफाफे, पेन स्टैंड, पूजा की थाली आदि वस्तुएं तैयार की हैं.

छात्रों ने बनाया सजावट का सामान
छात्रों ने बनाया सजावट का सामान (ETV Bharat Sri Ganganagar)

इन बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है. सरकार से अनुरोध है कि देश और प्रदेश में इन बच्चों के लिए अलग से मंत्रालय की स्थापना कर ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने चाहिए. : डॉ. दर्शन आहूजा, अध्यक्ष, ट्रस्ट

बच्चों ने अपनी योग्यता सिद्ध की : ट्रस्ट की सचिव विनीता आहूजा का कहना है कि इन बच्चों ने अपनी योग्यता सिद्ध की है और समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की कोशिश की है. इन बच्चों में खूब आत्मविश्वास है, लेकिन जरूरत है समाज की विभिन्न संस्थाओं को आगे आने की. यदि 50-60 कर्मचारियों की संस्था एक बच्चे को अपने यहां काम दें तो ये बच्चे बहुत आगे बढ़ सकते हैं.

छात्रों की ओर से बनाई गईं राखियां और सामान
छात्रों की ओर से बनाई गईं राखियां और सामान (ETV Bharat Sri Ganganagar)

श्रीगंगानगर के स्पेशल बच्चों ने बनाया स्पेशल राखियां (ETV Bharat Sri Ganganagar)

श्रीगंगानगर: वैसे तो श्रीगंगानगर में हुनरमंदों की कोई कमी नहीं है, जिनके हुनर को देखकर हर कोई फैन हो जाता है. आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं ऐसे हुनरमंदों से जो, अपनी कलाकारी से भाई-बहन के प्यार के पर्व रक्षाबंधन को और मजबूत कर रहे हैं. साथ ही अपने जीवन को भी संवार रहे हैं. रेशम के धागों में रंग-बिरंगे मोतियों में प्यार पिरो रहे ये बच्चे कोई आम बच्चे नहीं हैं, बल्कि ये स्पेशल बच्चे हैं.

राखियों के अलावा सजावट करने का सामान भी बनाया : अगर हौसला हो तो किसी तरह की रुकावट आपको मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती. ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है श्रीगंगानगर के जुबिन स्पास्टिक होम एंड चेरिटेबल ट्रस्ट में, जहां स्पेशल बच्चों ने अपनी मेहनत से आमजन को ऐसा ही संदेश दिया है. यहां मानसिक तौर पर विक्षिप्त या सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित बच्चों ने रक्षाबंधन के मौके पर अपने हाथों से सुंदर-सुंदर राखियां बनाईं हैं.

हाथों से राखी बनाती छात्रा
हाथों से राखी बनाती छात्रा (ETV Bharat Sri Ganganagar)

पढे़ं : सात समंदर पार पहुंची अलवर की राखी, 5 हजार की पूंजी से हुई थी धंधे की शुरुआत, आज टर्न ओवर जान सिर पर रख लेंगे हाथ - Raksha Bandhan 2024

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यही नहीं, इन बच्चों ने राखियों के अलावा सजावट करने का सामान भी बनाया है. इन बच्चों को ट्रेनिंग देने वाली टीचर ईशा का कहना है कि इन दिव्यांग बच्चों ने ये वस्तुएं बना कर यह सिद्ध किया है कि ये किसी से कम नहीं हैं. दिव्यांग बच्चों ने राखियों के अलावा बंदनवार, कैंडल, रंग बिरंगे दीए, होल्डर, शगुन के लिफाफे, पेन स्टैंड, पूजा की थाली आदि वस्तुएं तैयार की हैं.

छात्रों ने बनाया सजावट का सामान
छात्रों ने बनाया सजावट का सामान (ETV Bharat Sri Ganganagar)

इन बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है. सरकार से अनुरोध है कि देश और प्रदेश में इन बच्चों के लिए अलग से मंत्रालय की स्थापना कर ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने चाहिए. : डॉ. दर्शन आहूजा, अध्यक्ष, ट्रस्ट

बच्चों ने अपनी योग्यता सिद्ध की : ट्रस्ट की सचिव विनीता आहूजा का कहना है कि इन बच्चों ने अपनी योग्यता सिद्ध की है और समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की कोशिश की है. इन बच्चों में खूब आत्मविश्वास है, लेकिन जरूरत है समाज की विभिन्न संस्थाओं को आगे आने की. यदि 50-60 कर्मचारियों की संस्था एक बच्चे को अपने यहां काम दें तो ये बच्चे बहुत आगे बढ़ सकते हैं.

छात्रों की ओर से बनाई गईं राखियां और सामान
छात्रों की ओर से बनाई गईं राखियां और सामान (ETV Bharat Sri Ganganagar)
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